स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)

स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)

स्वच्छता यानी आस पास सफाई रखना, जो की अत्यंत महत्वपूर्ण है। सिर्फ घर की सफाई ही नहीं बल्कि अपने आस पड़ोस को स्वच्छ रखना ज़रूरी है। हमारे धर्मो और संस्कृति में भी साफ़ सफाई का विशेष महत्व है। स्वच्छता मनुष्य को शारीरिक और मानसिक स्तर पर स्वस्थ रखती है।

स्वच्छता संबंधित दैनिक कार्य

प्रदूषित वातावरण

अब देश ने प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कड़े नियम बनाये है। यह एक सकारात्मक कदम है, जिसका पालन हम सभी को करना चाहिए। कागज़ और कपड़े की थैली का इस्तेमाल करना चाहिए, प्लास्टिक की थैली का नहीं। हम बीमारियों से छुटकारा पा सकते है, यदि हम हमेशा स्वच्छता को बनाये रखे।

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स्वच्छता पर निबंध (Essay On Cleanliness In Hindi)

स्वच्छता पर निबंध (Essay On Cleanliness In Hindi)

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स्वच्छता पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Cleanliness In Hindi)

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स्वच्छता का अर्थ है अपने आसपास की जगह को गंदगी से मुख्त रखना और खुद को साफ सुथरा रखना। लेकिन सिर्फ अपने घर की और खुद की सफाई, स्वच्छता नहीं होता है। बल्कि स्वच्छता का मतलब हमारे घर से आस-पड़ोस में भी मौजूद गंदगी जैसे धूल, मिट्टी, खुला कचड़ा, जमा हुआ गंदा पानी, गढ्ढे, आदि इन सब से भी मुक्त होना जरूरी है। अगर हमारे चारों तरफ सफाई बनी रहेगी तो हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। वैसे तो कहा जाता है कि अगर आपका मन साफ है तो आप तब भी स्वच्छ माने जाते हैं। इंसानों के लिए मन की सफाई आस-पास की सफाई जितना ही महत्वपूर्ण हो गया है। स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री भी स्वच्छता अभियान का पालन करने का आग्रह करते हैं। ऐसी ही कुछ स्वच्छता की आदतों का पालन बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी करना चाहिए ताकि वह कई तरह की बीमारियों से बच सकें।

अगर आप स्वच्छता पर 100 शब्दों का निबंध या पैराग्राफ या लेख चाहते हैं तो नीचे दिए गए स्वच्छता पर 10 लाइन जरूर पढ़ें।

  • स्वच्छता यानी खुद की, अपने घर की और आसपास की साफ-सफाई होती है।
  • बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपने शरीर की सफाई रखना बेहद जरूरी है।
  • अपने वातावरण को हमेशा स्वच्छ रखें और कूड़े को कूड़ेदान में ही फेंके।
  • गंदगी और गंदगी फैलाने वाली सभी आदतों से दूरी बनाएं।
  • बच्चों को भी साफ-सफाई की महत्ता के बारे में समझना चाहिए।
  • स्वच्छ भारत अभियान पर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेनी चाहिए।
  • शौच के लिए हमेशा शौचालय में जाएं, यहाँ वहां गन्दगी ना फैलाएं।
  • अपने हाथों को बार बार साबुन और पानी से धोएं।
  • साफ वातावरण के साथ इंसान को अपने मन की सफाई भी रखना जरूरी है।
  • आसपास की साफ सफाई के लिए प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें।

अगर आपके बच्चे को 200 से 300 शब्दों के बीच प्रदुषण पर अनुच्छेद लिखना है तो उन्हें नीचे दिए गए शॉर्ट एस्से का सुझाव दे सकते हैं।

स्वच्छता हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। बचपन से ही हमें यह सिखाया जाता है कि हमें हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सब में होनी चाहिए। हमे अपने घर, स्कूल, आसपास की   साफ-सफाई का ख्याल खुद रखना चाहिए। इस प्रकार यह कार्य किसी एक का न होकर हम सब की जिम्मेदारी का हिस्सा बन जएगा और सबके सहयोग से देश स्वच्छ रहेगा। अगर हमारे घर में पालतू जानवर हो या हम जानवरों के शौकीन हो तो हमें उनकी सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए उन्हें समय समय पर नहलाना चाहिए। इसी प्रकार हमें खुद भी रोजाना नहा कर साफ कपड़े पहनना चाहिए। जब भी हम कहीं बाहर से आते हैं तो हमे सबसे पहले अपने हाथों को धोना चाहिए, क्योंकि जब हम बाहर होते हैं तो कई ऐसी चीजों के संपर्क में आते हैं जो संक्रमित होती हैं और हम उनसे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। हम हाथों का प्रयोग अधिक करते हैं इसलिए सबसे पहले अपने हाथों का धोना चाहिए और संभव हो तो उसके बाद स्नान भी कर लें, ताकि हम खुद को और अपने परिवार व अपने आस-पास मौजूद अन्य लोगों को बीमारियों से दूर रख सकें। देश में स्वछता को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को ‘स्वच्छ भारत अभियान’ शुरू किया। इसका असर काफी सकारात्मक रूप से देखने को मिल रहा है और लोग देश को गंदगी मुक्त बनाने के लिए समूह में काम कर रहे हैं। यह समूह शहर शहर और गाओं तक पहुंच कर लोगों में स्वछता के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है। यह अभियान राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका मकसद गलियों, सड़कों को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। ताकि देश का विकास तेजी से हो और बाहरी देशों के पर्यटक ज्यादा से ज्यादा हमारे देश में आएं और देश की अर्थव्यवस्था में भी बढ़ोतरी हो। ‘’देश तभी साफ होगा जब सफाई में सबका हाथ होगा’’ इसी नारे के साथ हमे देश की प्रगति के लिए स्वछता का खास ख्याल रखना है।

घर की साफ-सफाई

अगर आप अपने बच्चे को राइटिंग कम्पोजिशन में भाग दिला रही हैं जिसमें उसे 400 से 500 शब्दों के बीच हिंदी में स्वच्छता पर एस्से लिखना है तो आप उन्हें इस लॉन्ग एस्से का सुझाव दे सकती हैं। आइए देखते हैं:

स्वच्छता की शुरुआत सभी को सबसे पहले अपने घर से करनी चाहिए। इसलिए अपने घर को साफ रखना बहुत जरूरी है। जैसे कि, घर में कूड़ा फैलाकर नहीं रखें, कूड़ा जब भी फेंके तो कूड़ेदान में ही फेंके, अपने आसपास पेड़-पौधे लगाएं, गंदा पानी इकठ्ठा होने से बचाएं आदि। यह आदतें काफी लाभदायक होती हैं। यह आदतें घर से शुरू होकर बाहर सड़कों और स्कूलों में पहुंचना जरूरी है। इसके अलावा हमें दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए क्योंकि उनके लिए भी स्वच्छता उतना ही जरूरी है।

स्वच्छता का मतलब खुद को, अपने परिवार को और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना होता है। स्वच्छता की आदतों का पालन करने के लिए कभी भी किसी के जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए बल्कि एक दूसरे को इन आदतों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो किसी के भी जीवन को बेहतर बना सकती है और कई बिमारियों से बचा कर लंबी उम्र भी प्रदान करती है। बच्चे यह आदतें सबसे पहले अपने माता-पिता फिर उसके बाद अपने शिक्षक से सीखते हैं। स्वच्छता से जुड़ी अच्छी आदतों का पालन करने के लिए बच्चों को बचपन से ही प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे उन्हें जागरूकता हासिल होगी। साफ-सफाई कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है बल्कि अगर आप ठान लें, तो आसानी से पालन किया जा सकता है। स्वच्छता से समझौता करने की गलती कभी नहीं करनी चाहिए। यह मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य और विकास के लिए जरूरी है।

स्वच्छता को आमतैर पर दो अलग-अलग भागों में बांटा जा सकता है। पहला व्यक्तिगत स्वच्छता और दूसरा पर्यावरण की स्वच्छता।

व्यक्तिगत स्वच्छता

स्वच्छता आपके व्यक्तिगत सफाई में अहम भूमिका निभाता है। इसमें हमे अपने शरीर और व्यक्तिगत सामान की सफाई रखना जरूरी है। व्यक्तिगत रूप से स्वच्छ रहने का मतलब होता है- साफ और धुले कपड़े पहनना, रोज नहाना, ब्रश करना, अच्छी आदतें अपनाना आदि। सिर्फ इतना ही हम जहां भी जाते हैं चाहे वो ऑफिस हो या फिर कहीं और, व्यक्तिगत स्वच्छता दूसरों को भी प्रभावित करती है। क्या आपका ऑफिस जहां आप अपने दिन का आधे से ज्यादा समय बिताते हैं, वह गन्दा रहता है? अगर ऐसा है, तो आपको स्वच्छता की आदतों का पालन करना बेहद जरूरी है। स्वच्छता केवल आपके शरीरिक रूप तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह उससे कई गुना है।

पर्यावरण स्वच्छता

पर्यावरण से जुड़ी स्वच्छता से यह तात्पर्य है कि हमारे आसपास की वह चीजें जिनसे कम हस्तक्षेप कर के बेहतर पर्यावरण का विकास कर सकते हैं। यदि हम अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाते हैं तो इससे हमारे पर्यावरण को कई फायदें हासिल होंगे। यह तो हर किसी को पता है कि जैसे हम अपना शरीर साफ रखते हैं और उसको किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं, उसी तरह पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हमारी है।

  • स्वच्छता बनाए रखने से आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा बना रहता है।
  • स्वच्छता के कारण हम कीटाणुओं और बीमारियों से बचे रहेंगे।
  • स्वच्छता का पालन करने से हमारे पर्यावरण में भी सुधार आएगा।
  • स्वच्छ आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है।
  • साफ सुथरे वातावरण में किसी भी बीमारी के फैलने की संभावना कम से कम होती है।

स्वच्छता एक अच्छी आदत है और इसका पालन करना बड़ों के साथ-साथ बच्चों की भी जिम्मेदारी होती है। अगर मिलकर इस समस्या का समाधान निकाला जाए तो देश, गंदगी और अन्य चीजों से होने वाली बिमारियों से बच सकता है। इसलिए स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए देश के युवक और बच्चों अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए और स्वच्छ भारत अभियान को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

यहां स्वच्छता से जुड़े सवाल और उसके जवाब दिए गए, जो आपका बच्चा जानना चाहेगा। आइए जानते हैं:

1. स्वच्छता क्यों जरूरी है?

स्वच्छता महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यह बीमारियों को दूर रखती है। इसके अलावा, इसकी आदतें हमारे जीवन में कई तरह के सुधार लाता है।

2. भारत में स्वच्छ भारत मिशन कब शुरू किया गया था?

2 अक्टूबर 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत हुई थी।

3. स्वच्छता कैसे बनाए रख सकते हैं?

स्वच्छता को व्यक्तिगत और पर्यावरण स्तर दोनों में बनाए रखा जा सकता है। हमें नियमित रूप से नहाना चाहिए, हाथ धोना चाहिए, ब्रश करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए, आदि। इसके अलावा हमें पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए घर का कूड़ा कूड़ेदान में डालना चाहिए और प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi)

स्वच्छ भारत अभियान

प्रधानमंत्री की क्रांतिकारी अभियानों में से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अपने आप में अनूठा है। भारत सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए-दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है। चूंकि यह प्रधानमंत्री की विकास योजनाओं में से एक है। इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि शैक्षणिक स्तर पर सबको इसकी जानकारी रहे।

स्वच्छ भारत अभियान पर छोटे तथा बड़े निबंध (Swachh Bharat Abhiyan par Nibandh)

हम यहाँ कुछ छोटे-बड़े निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। जो कि विभिन्न पक्षों पर आपकी मदद करेगें।

स्वच्छ भारत अभियान पर 10 पंक्तियों का निबंध

  • स्वच्छ भारत अभियान, 2014 में शुरू किया गया, यह एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान है।
  • इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण को बढ़ावा देकर भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाना है।
  • मशीनीकृत विकल्पों और सख्त कानूनी उपायों पर जोर देते हुए हाथ से मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन एक प्रमुख उद्देश्य है।
  • स्वच्छ भारत अभियान उचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर देता है, बायोडिग्रेडेबल और गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को अलग करने की बात करता है।
  • व्यवहार परिवर्तन एक केंद्र बिंदु है, जो जागरूकता अभियानों के माध्यम से स्वच्छता के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव को प्रोत्साहित करता है।
  • शौचालय निर्माण को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है, प्रोत्साहन और भागीदारी से इस प्रक्रिया में तेजी आ रही है।
  • स्वच्छता पर जोर दिया जाता है, शौचालयों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाता है और स्वास्थ्यकर आदतें अपनाई जाती हैं।
  • स्थानीय निकाय स्थानीय आवश्यकताओं के साथ लक्ष्यों को ध्यान देते हुए, जमीनी स्तर पर अभियान को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • गैर-सरकारी संगठन और कॉर्पोरेट संस्थाएँ वित्तीय सहायता और स्वयंसेवी प्रयासों के माध्यम से योगदान करते हैं।
  • स्वच्छ भारत अभियान ने शौचालय निर्माण, अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रगति की है।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (100 – 200 शब्द)

स्वच्छ भारत अभियान, जिसे स्वच्छ भारत मिशन भी कहा जाता है, भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी के 150वीं जयंती तक भारत को पूर्ण रूप से स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की शुरुआत की और इसे जन आंदोलन का रूप दिया। इस अभियान के अंतर्गत स्कूलों, सरकारी ऑफिसेस, अस्पतालों, सार्वजनिक स्थानों और सड़कों की सफाई पर जोर दिया गया। लेकिन शौचालयों का निर्माण और खुले में शौच को समाप्त करना इस अभियान के प्रमुख उद्देश्यों में से एक था।

इस अभियान के कारण हमारे आसपास की सफाई में काफी सुधार हुआ है, लोग अब अधिक जिम्मेदार हो गए हैं और गंदगी फैलाने से बचते हैं। कई जगहों पर कूड़ेदान लगाए गए हैं और कचरा प्रबंधन के लिए नई योजनाएँ भी बनाई गई हैं। हम सभी को इस अभियान में अपना योगदान देना चाहिए। स्वच्छता न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी है बल्कि यह पर्यावरण की रक्षा भी करती है। अगर हम सब मिलकर कोशिश करें तो हम महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार कर सकते हैं। स्वच्छ भारत अभियान से न केवल हमारा भारत साफ और स्वच्छ होगा बल्कि हम सभी स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकेंगे।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – 2 (300 – 400 शब्द)

स्वच्छ भारत अभियान, भारत को स्वच्छ रखने के लिए एक मुहीम है जिसे भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी के स्वच्छता के सपने को साकार करने के लिए शुरू किया गया था, यह अभियान गांधी जी के जन्मदिन पर 2 अक्टूबर 2014 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजघाट, नई दिल्ली में बापू के समाधि स्थल पर सफाई करके की गयी थी। इस सफाई अभियान का उद्देश्य 2019 तक मतलब महात्मा गांधी के 150वीं जयंती तक पूरे भारत को खुले में शौच से मुक्त व स्वच्छ बनाने का था।

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य

यह अभियान दो मुख्य घटकों (ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन और शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन) के अंतर्गत लांच किया गया था। इसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए जैसे बड़े पैमाने पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण तथा ग्रामीण इलाकों में लोगों को शौचालयों के उपयोग और स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करना। साथ ही साथ सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सड़कों की सफाई पर भी जोर दिया गया। बच्चों और युवाओं में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं और गतिविधियों का भी आयोजन किया गया।

समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को ज्यादा से ज्यादा प्रेरित करने के लिए स्वच्छता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को सम्मानित भी किया गया। इस अभियान में न केवल सरकारी संस्थानों बल्कि निजी संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और आम जनता ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

स्वच्छ भारत मिशन के आंकड़े और होने वाले लाभ

स्वच्छ भारत मिशन के लिए बजट आवंटन लगभग ₹62,009 करोड़ (यानी 8.7 बिलियन डॉलर) था। 2014 से 2019 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया। जिससे शौचालय वाले ग्रामीण घरों का प्रतिशत 2014 में 39% से बढ़कर 2019 तक लगभग 100% हो गया।

वहीं शहरी क्षेत्रों में लगभग 6.3 मिलियन घरेलू शौचालय और 600,000 सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाए गए और शहरी क्षेत्रों के 97% वार्डों में घर-घर जाकर कचरा संग्रहण लागू किया गया। जिससे सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग 2014 में 18% से बढ़कर 2020 तक लगभग 60% हो गया। बेहतर स्वच्छता और सफाई के कारण डायरिया संबंधी बीमारियां, मिट्टी से फैलने वाले कृमि और कुपोषण में कमी आई है। बेहतर स्वच्छता के कारण उत्पादकता में वृद्धि हुई है और स्वास्थ्य सेवा लागत में कमी भी आई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2014 की तुलना में 2019 में डायरिया से लगभग 300,000 कम मौतें हुईं, जिसकी वजह है बेहतर स्वच्छता। खुले में शौच से मुक्त होने वाले गांवों के परिवारों को स्वास्थ्य लागत पर लगभग 50,000 रुपये वार्षिक बचत हुई। ओडीएफ की वजह से उन क्षेत्रों में भूजल प्रदूषण में भी कमी हुई है। और स्वच्छता सुविधाओं की वजह से लगभग 93% महिलाएं घर पर सुरक्षित महसूस करती हैं।

शुरुवात में इस अभियान ने गजब का सामाजिक क्रांति लाया लेकिन समय बीतते इस अभियान को लेकर लोगों में ज्यादा क्रेज नहीं रह गया है। हालांकि, काफी हद तक देशभर में स्वच्छता की सोच और व्यवहार की दिशा में परिवर्तन हुआ है। लोग पहले से कहीं ज्यादा स्वच्छता के महत्व को समझने लगे हैं और अपने आस-पास के क्षेत्रों को साफ सुथरा रखने का प्रयास कर रहे हैं।

स्वच्छता को लेकर लोगों में जो उदासीनता थी, अब वह बदल गई है। लोग समझ चुके हैं कि स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। लेकिन इस अभियान को, स्वच्छता की सोच को लोगों में जिन्दा रखने के लिए सरकार को समय समय पर प्रयत्न करते रहना पड़ेगा ताकि लोग स्वच्छता के महत्व को समझते रहें और अपने देश को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने का प्रयास करते रहें।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (600 शब्द)

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत सरकार ने देश में स्वच्छता के प्रति जागरुकता लाने के लिये की है। हम ऐसे तो अपना घर साफ रखते हैं, तो क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती कि हम अपने देश को भी साफ रखें। कूड़े को यहां-वहां न फेक कर कूड़ेदान में डालें। महात्मा गाँधी जी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था, जिसके संदर्भ में गाँधीजी ने कहा कि, ”स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरुरी है” वे उस समय देश में व्याप्त गरीबी और गंदगी से अच्छी तरह अवगत थे, इसी वजह से उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिये कई प्रयास भी किये, लेकिन सफल नहीं हो पाए।

स्वच्छ भारत अभियान क्या है ?

स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, इसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल मार्ग और अन्य कई स्थल आते है। ये एक बड़ा आंदोलन है जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्णंत: स्वच्छ बनाने की बात कही गयी थी। इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014 (145वीं जन्म दिवस) को बापू के जन्म दिन के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया था और 2 अक्टूबर 2019 (बापू के 150वीं जन्म दिवस ) तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत के शहरी विकास तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा इस अभियान को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू किया गया है।

स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत

इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिये। भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिये भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिये है, जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरु किया जा सकता है। यहाँ नीचे कुछ बिंदु उल्लिखित किये जा रहे है जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को दिखाते है।

  • ये बेहद जरुरी है कि भारत के हर घर में शौचालय हों, साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की आवश्यकता है।
  • नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना।
  • खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लोगों की सोच और स्वभाव में परिवर्तन लाना और साफ-सफाई की प्रक्रियों का पालन करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरुकता लाने करने के लिये और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने के लिये।
  • इसमें काम करने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका तैयार करने के लिये मदद करना।
  • पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिये निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी को बढ़ाना।
  • भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
  • स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से समुदायों और पंचायती राज संस्थानों को निरंतर साफ-सफाई के प्रति जागरुक करना।

स्वच्छ भारत – स्वच्छ विद्यालय अभियान

ये अभियान केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाया गया और इसका उद्देश्य भी स्कूलों में स्वच्छता लाना है। इस कार्यक्रम के तहत 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 तक केंद्रिय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन जहाँ कई सारे स्वच्छता क्रिया-कलाप आयोजित किये गए जैसे विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा, इससे संबंधित महात्मा गाँधी की शिक्षा, स्वच्छता और स्वाथ्य विज्ञान के विषय पर चर्चा, स्वच्छता क्रिया-कलाप(कक्षा में, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, मैदान, बागीचा, किचन, शेड दुकान, खानपान की जगह इत्यादि)। स्कूल क्षेत्र में सफाई, महान व्यक्तियों के योगदान पर भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कला, फिल्म, चर्चा, चित्रकारी, तथा स्वाथ्य और स्वच्छता पर नाटक मंचन आदि। इसके अलावा सप्ताह में दो बार साफ-सफाई अभियान चलाया जाना जिसमें शिक्षक, विद्यार्थी, और माता-पिता सभी हिस्सा लेंगे।

हम कह सकते है कि इस वर्ष के हमारे लक्षय में हम काफी हद तक सफल हो गये हैं। जैसा कि हम सभी ने कहावत में सुना है ‘स्वच्छता भगवान की ओर अगला कदम है’। हम विश्वास के साथ कह सकते है कि, अगर भारत की जनता प्रभावी रुप से इसका अनुसरण करे तो आने वाले समय में, स्वच्छ भारत अभियान से पूरा देश भगवान का निवास स्थल सा बन जाएगा। एक सच्चे नागरिक होने का हमारा कर्तव्य है कि, न गंदगी फैलाएं न फैलाने दें। देश को अपने घर कि तरह चमकाएं ताकि आप भी गर्व से कह सकें की आप भारतवासी हैं।

Essay on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi

FAQs: Frequently Asked Questions on Swachh Bharat Abhiyan (स्वच्छ भारत अभियान पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- महात्मा गांधी व नरेंद्र मोदी को।

उत्तर- घर-घर में शौचालय का निर्माण।

उत्तर- समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना, बड़े पैमाने पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण तथा ग्रामीण इलाकों में लोगों को शौचालयों के उपयोग और स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करना। साथ ही साथ सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सड़कों की सफाई पर भी जोर देना। स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य है।

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Swachata Abhiyan In Hindi Essay For Students स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध

Swachata Abhiyan In Hindi Essay:  समस्त भारत में 2 अक्टूबर 2014 से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान, क्लीन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान देश का सामाजिक आंदोलन हैं, जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा बापू की 145 वीं जयंती पर आरम्भ किया गया था,

वर्ष 2019 को 2 अक्टूबर के दिन गांधीजी की 150 वीं जयंती पर स्वच्छ भारत के रूप में उन्हें श्रद्धांजलि देने का संकल्प किया गया हैं. स्वच्छता अभियान विश्व का सबसे अधिक जन भागीदारी वाला आंदोलन बन चूका हैं,

जिसमें बड़े से बड़े व्यक्ति से निम्न वर्ग का व्यक्ति भी जुड़ पाया हैं. स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए इसी तरह सभी देशवासियों के प्रत्यक्ष सहयोग एवं समर्थन का महत्वपूर्ण योगदान हैं. 

essay on swachata in hindi –  स्वच्छता अभियान पर निबंध  में हम स्टूडेंट्स के लिए छोटा बड़ा निबंध एस्से स्पीच यहाँ लेकर आये हैं.

 स्वच्छता अभियान निबंध Swachata Abhiyan In Hindi Essay

essays on Swachh Bharat Abhiyan in easy Hindi language Swachh Bharat Abhiyan in Hindi. Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi : स्वच्छता आज भारत का अहम तत्कालिक मुद्दा हैं.

बच्चों को हिंदी में स्वच्छता अभियान पर छोटा बड़ा निबंध एस्से लिखने को कहा जाता हैं. यहाँ आज हम आपके लिए स्वच्छता एस्से कक्षा 1,2, 3,4,5,6,7,8,10 के स्टूडेंट्स के लिए 10 लाइन, 100,200,250,300,400,500 और 1000 शब्दों में स्वच्छ भारत अभियान का निबंध यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 100 Words

स्वच्छ भारत अभियान माननीय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाया गया भारत सरकार का एक सफाई अभियान हैं. यह एक महत्वपूर्ण विषय हैं और बच्चों और छात्रों को इसकी जानकारी होना अति आवश्यक हैं.

यह एक जनरल नॉलेज के विषय की तरह अब आवश्यक बन चूका हैं. क्लीन इंडिया मिशन पर स्टूडेंट्स को शोर्ट & बड़ा निबंध लिखने को कहा जाता हैं.

स्वच्छता अभियान राजनीति से मुक्त अभियान हैं. और जो देशभक्ति से प्रेरित हैं. प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य हैं कि भारत को स्वच्छ देश बनाने के लिए मोदीजी के इस अभियान में अपनी भूमिका अदा करे.

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने समय में नारों द्वारा लोगों को स्वच्छता अपनाने के लिए प्रेरित किया था.

मगर लोगों की कम रूचि के चलते वे अपने लक्ष्य में कामयाब नही हो पाए थे. मगर वर्तमान समय में शिक्षक छात्र तथा आम आदमी हर्ष एवं उल्लास के साथ इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

भारत में गंदगी बहुत अफ्हिक हैं. ये यहाँ के लोगों की मानसिकता बनी हुई हैं, कि अकेले व्यक्ति के करने से क्या होगा. भारत में खुले में शौच , गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों का प्रबंध ना होना तथा सफाई के लीये कड़े कानूनों का प्रावधान न होने की वजह से भारत में स्वच्छता अभियान की आवश्यकता हैं.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 150 Words

स्वच्छ भारत मेरे सपनों का भारत

भारत के महान व्यक्ति महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वच्छता स्वतंत्रता की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं. गरीबी, शिक्षा की कमी, स्वच्छता की कमी और अन्य सामाजिक मुद्दों के कारण भारत अभी भी विकासशील देश हैं. हमे समाज से सभी बुरी बातों को खत्म करने की आवश्यकता हैं, जिससे हमारे देश के विकास में रुकावट न हो.

और मुझे लगता हैं कि स्वच्छता अभियान समाज को सामाजिक मुद्दों को दूर करने के साथ साथ अपने नागरिकों के व्यक्तित्व विकास व देश के विकास को बढ़ावा देने की सर्वोत्तम शुरुआत हैं.

केवल स्वच्छता अभियान की सफलता से भारत में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता हैं. यह आंतरिक और बाहरी विकास से सम्बन्धित हैं.

जो हमें स्वच्छ खुश और स्वस्थ नागरिकों द्वारा स्वस्थ व विकसित राष्ट्र का जन्म होता हैं. स्वच्छता अभियान प्र धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में महात्मा गाँधी की 145 वीं जयंती 2 अक्टूबर के अवसर पर शुरू किया था.

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय ग्रामीण लोगों की कमजोरी के बारे में महात्मा गांधी अच्छी तरह जानते थे, उन्होंने इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने का सपना देखा था.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 200 Words

प्रस्तावना-  मन में जो स्थान पवित्रता का हैं, तन में वही स्वच्छता का हैं. मन आंतरिक मनोभावों और विचारों का तथा बाह्य सांसारिक वातावरण का सूचक हैं. जीवन में हम अनेक वस्तुओं का प्रयोग करते हैं.

उनका अपशिष्ट हमारे आस-पास को अस्वच्छ बनाता हैं. इस अस्वच्छता को दूर करने के लिए हमें व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास करने होते हैं.

भारत में स्वच्छता – अस्वच्छता भारत की एक विकट समस्या हैं हमारी संस्कृति मन की पवित्रता पर जितना जोर दिया गया हैं. हमारी संस्कृति में मन की पवित्रता पर जितना जोर दिया गया हैं.

जितना जोर बाह्य परिवेश की स्वच्छता पर नही रहा हैं. परिणामस्वरूप भारतीय लोग अस्वच्छता से इतने चिंतित दिखाई नही देते हैं. अस्वच्छता ग्रामीण तथा शहरी दोनों ही स्थानों पर दिखाई देती हैं.

अस्वच्छ गाँव और शहर – गाँव अस्वच्छ हैं जहाँ पक्की गलियों, नालियों के अभाव में ही कूड़े के निस्तारण के प्रबंध की समस्या हैं. गाँवों में इस अस्वच्छता के दुष्प्रभाव से कुछ मुक्ति इस कारण मिल जाती हैं कि वहां प्रकृति स्वयं स्वच्छकरण का कर्तव्य निभाती हैं. नगरों में ज्यादा आबादी होने से हर दिन भारी मात्रा में कूड़ा निकलता हैं.

गली मुहल्लों से लेकर सडकों तक झाड पौछ करना और कचरा उठाना, उसको ड्लाबघर तक पहुचाना, उसके निष्पादन की व्यवस्था करना, गंदे पानी को नालियों नालों से होकर जाने और उनकों स्वच्छ बनाकर सिंचाई के काम लाने की व्यवस्था करना आदि कारू नगरपालिका आदि सार्वजनिक संस्थाएं करती हैं.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 250 Words

गांवों में शौचालय की घरों में व्यवस्था नही होने से परेशानी तो होती ही हैं. किन्तु खुले में शौच जाने से होने वाली अस्वच्छता उतनी भयावह नही होती हैं. जितनी शहरों में होती हैं.

शहरों में जिन घरों में शौचालयों की व्यवस्था नही हैं. वहां के निवासियों को सड़कों, रेलवे लाइनों तथा खाली पड़े मैदानों, नाले नालियों के किनारे शौच करते देखा जा सकता हैं. धन के अभाव में सभी के लिए सीवर की व्यवस्था करना संभव नही हो पा रहा हैं.

अस्वच्छता और अस्वास्थ्य – अस्वस्थता का अस्वास्थ्य से गहरा रिश्ता हैं. स्वच्छता की कमी से लोगों में तरह तरह के रोग होने लगते हैं. संसार के अनेक देशों में शिशु और मातृ मृत्यु दर बहुत ज्यादा हैं.

भारत भी उनमे से एक हैं. इसको घटाने के प्रयास हो रहे हैं. नई दिल्ली में इस विषय पर वैश्विक सम्मेलन हुआ था, भारत में 1990 में पांच साल से कम आयु के एक हजार में से 126 शिशुओं की मृत्यु हो जाती हैं. वर्ष 2013 में भारत की इस संख्या को घटाकर 49 तक लाने में सफलता मिली हैं.

इस बिच शिशु मृत्यु दर सालाना 6.6 प्रतिशत घटी हैं. प्रसव के समय मरने वाली महिलाओं की संख्या जो 1990 में 560 प्रति हजार थी वह अब घटकर 67 रह गई हैं. अभी भी भारत में अस्वच्छता से होने वाले अनेक रोगों को रोकना अब भी एक बड़ी समस्या हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध – भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वच्छता अभियान चलाकर देश के नागरिकों को इससे जुड़ने का आव्हान किया हैं.

स्वच्छता की जिम्मेदारी सरकारी संस्थाओं की ही नही, प्रत्येक नागरिक की भी हैं. हमारे आस-पास जो गंदगी फैली दिखाई देती हैं इसका कारण हमारी आदते भी हैं. हम चाहे जहाँ कूड़ा फैकते हैं. और गंदगी फैलाते हैं.

खाते खाते केलों के छिलके सडकों को फेकना हमारी आदत हैं. मैंने एक विदेशी को देखा जो केले खाते हुए पैदल चल रहा था. और छिलके अपने कंधे पर लटके थैले में डाल रहा था. अपने आस-पास की सफाई करना अन्य देशों में बुरा नही माना जाता हैं.

महात्मा गांधी अपने आश्रम में शौचालय को भी साफ़ करना बुरा नही मानते थे. महान कहानीकार मुंशी प्रेमचन्द सवेरे घर की झाड़ू स्वयं लगाते थे.

भारत में चलने वाले स्वच्छता अभियान का लक्ष्य लोगों में यही भावना पैदा करना हैं. कि वे अपने घरों और आस-पास की सफाई करने की आदत डाले, ऐसा करने से हम अपने तथा अपने बच्चों के स्वास्थ्य के हित में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगे.

उपसंहार- उत्तम स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता आवश्यक हैं. अपने स्कूल, घर, दफ्तर, कारखाने आदि को स्वयं साफ करने का आदत हमें स्वच्छता के विषय में आत्म निर्भर बनाएगी.

इससे हमारे परिवेश में जो परिवर्तन होगा. हमारे स्वास्थ्य के लिए हितकारी होगा. यदपि कठोर दंड व्यवस्था द्वारा भी अस्वच्छता को रोका जा सकता हैं किन्तु स्वच्छता की आदत बनाना एक उत्तम उपाय हैं.

स्वच्छता अभियान पर निबंध

स्वच्छता हर किसी के लिए जरुरी हैं  स्वच्छता पर निबंध, स्वच्छता अभियान निबंध एस्से इन हिंदी, स्वच्छता मिशन भाषण, स्वच्छता अभियान पर निबंध कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 के छात्रों, स्टूडेंट्स, बच्चों व शिक्षकों के लिए दिया गया हैं. 

स्व च्छता अभियान पर निबंध को 100, 200, 250, 300, 350, 400, 500 शब्दों में बाटा गया हैं.  Swachh Bharat Abhiyan Essay in hindi giving Blow.

स्वच्छता अभियान निबंध 1

खुले में शोच की प्रवृति देश को अस्वस्थ बना रही हैं और आज भी देश इस बुराई से लड़ रहा हैं. जब तक खुले में शोच की प्रवर्ती समाप्त नही होगी  स्वच्छ भारत अभियान  के हर प्रयास अधूरे रहेगे.

खुले में शौच के अलावा, देश में स्वच्छता के लिए अन्य गंभीर चुनौती कचरे का निस्तारण हैं. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और यूनिसेफ की एक सयुक्त रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण भारत हर रोज 18 अरब लीटर और 40 लाख किवटल ठोस अपशिष्ट पैदा करता हैं. 

नेशनल इनवायरमेंट इंजिनयरिंग रिसर्च इनस्टटयूट नागपुर  के अनुसार देश में हर साल 44 लाख टन खतरनाक कचरा निकल रहा हैं.

इस कचरे में से आधा कागज लकड़ी, कागज या पुट्टा होता हैं. जबकि 22 प्रतिशत अन्य घरेलू कबाड़ या कचरा होता हैं. कचरे के निपटान पुरे देश के लिए समस्या बनता जा रहा हैं.

राजधानी दिल्ली में 1950 से लेकर आज तक 12 बड़े कचरे के ढेर बनाए जा चुके हैं. जो कि सात मंजिल से अधिक ऊँचे हैं, मुंबई का सबसे बड़ा कचरा संग्रह 110 हैक्टर में फैला, देवनार कचरा स्थल हैं. यहाँ पर 92 लाख टन कचरे का ढेर लगा हुआ.

कचरा जन स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ हैं. कचरे से रिस कर जहरीला रसायन, भूमि, हवा तथा जल को दूषित कर रहा हैं. और इसके पास रहने वाली अनेक गंभीर आबादी अनेक गम्भीर बीमारियों जैसे मलेरिया, टीबी दमा तथा चर्म रोग से ग्रसित हैं.

मुंबई के देवनार इलाके में बसी बस्तियाँ में प्रत्येक एक हजार बच्चों में 60 बच्चे लेते ही मर जाते हैं, जबकि बाकी मुंबई में यह औसत 30 बच्चे प्रति हजार हैं.

आज के बढ़ते शहरीकरण के अलावा भारत जैसे विकासशील देशो में कचरा प्रबन्धन एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया हैं. राजधानी दिल्ली का 57 प्रतिशत कचरा यमुना में बहा दिया जाता हैं.

जो कि पर्यावरण के लिए अत्यंत घातक हैं. हमारा कचरा निस्तारण बहुत पुराना हैं. अक्सर कचरा उसे समझा जाता हैं, जो बेकार हो चूका होता हैं.

लेकिन सही और सुनियोजित तरीके से कचरा प्रबन्धन का आशय, कचरे में से उपयोगी तत्वों को सुरक्षित रखा जाना उन्हें पुन: प्रयोग में लाना और पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास हैं.

कचरे का प्रबन्धन और निस्तारण एक गंभीर समस्या के चिन्तन हेतु 7 से 9 सितम्बर 2015 को एंटवर्प (बेलिजियम) में UNEP द्वारा वैश्विक अपशिष्ट प्रबन्धन द्रष्टिकोण रिपोर्ट जारी की गईं. सयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और अंतरराष्ट्रीय ठोस अपशिष्ट संघ (ISWA) द्वारा जारी की इस रिपोर्ट में कचरा प्रबन्धन पर जागरूकता पैदा करना हैं.

वैश्विक आधार पर कचरा प्रबन्धन के लिए यह प्रथम रिपोर्ट हैं. रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में डंपिंग स्थलों ( कचरा डालने की जगह) में से एक बन गया हैं. विश्व के प्रमुख 50 डंपिंग स्थलों में 3 स्थल भारत में स्थित हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 2

अगर हम स्वच्छ भारत अभियान में कचरे का सही ढंग से प्रबन्धन करे तो पर्यावरण की सुरक्षा होगी ही तथा हम सतत विकास की ओर बढ़ेगे. उदहारण के लिए अगर कचरे को सही तरह से एकत्रित किया जाए.

और उनको पुन: चक्रित किया जाए तो तो हमे कच्चे पदार्थ मिल जाएगे. जिससे धातुओ को पाने के लिए खदानों का भार कम होगा, कागज के लिए जंगल कम कटेगे. कागज को पुन: चक्रित कर कम से कम उतने पेड़ो को काटे जाने से रोका जा सकता हैं.

कचरा निस्तारण में घरो से निकले जैविक खाध्य पदार्थो का उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए. मीथेन गैस उर्जा का उत्तम स्त्रोत हैं. जो जैव खाद और मिटटी की उर्वरकता बढाने में मददगार हैं.

कचरा प्रबन्धन से प्राकृतिक संसाधनो पर हमारी निर्भरता को कुछ हद तक कम किया जा सकता हैं. क्युकि कचरा प्रबन्धन के उपयोग तथा उनके पुन: उपयोग से एक चक्र बनता हैं.

जो प्राकृतिक संसाधनो के दोहन को रोकने में महती भूमिका निभाता हैं. एक शोध के अनुसार एक टन ठोस कचरे से 55 घन मीटर गैस पैदा होती हैं और 12 हजार घन मीटर गैस से एक मेगावाट बिजली का उत्पादन होता हैं. कचरा प्रबन्धन का एक उत्कृष्ट उदाहरन राजस्थान के मध्यप्रदेश की सीमा से सटे प्रतापगढ़ जिले का हैं.

यहाँ एक कचरा वाहन शुरू किया गया हैं. जो कसबे के प्रत्येक घर से कचरा एकत्रित करने के लिए दिन के अलग-अलग समय में शहर के विभिन्न क्षेत्रो में घुमता हैं.इस कार्य का प्रबंध स्वयसेवी संगठन स्रजन द्वारा किया जाता जाता हैं.

कचरे को एकत्रित करते समय ही इस बात की सावधानी रखी जाती हैं कि निस्तारित करने वाला गीला अवशिष्ट जैसे अलग स्थान पर और पुन चक्रित करने योग्य सूखे कचरे को अलग स्थान पर एकत्रित किया जाता हैं.

नागरिको को इस सम्बन्ध में जागरूक किया गया और कचरे को घर में ही अलग-अलग श्रेणियों में एकत्रित किया जाता हैं. इससे व्यापक स्तर पर कचरे को अलग करने की लागत बच जाती हैं. गीले कचरे से जैविक खाद बनाई जाती हैं.

तथा पुरे कार्य में नगर परिषद की स्रजन का सहयोग कर रही हैं. इसलिए इस जैविक खाद को नीलाम किया जाता हैं जिससे परिषद को अतिरिक्त आय होती हैं. इस प्रणाली को अपनाने के बाद शहर से गंदगी जनित रोग कम फैले हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 3

कचरा प्रबन्धन की दिशा में आंध्रप्रदेश की बाब्बिब्ली नगरपालिका के प्रयास सराहनीय हैं यहाँ घर से दो प्रकार का कूड़ा अलग-अलग एकत्रित किया जाता हैं.

रसोई से निकले गीले कूड़े को एक पार्क में निर्धारित स्थान पर पशूओ के खाने के लिए रख दिया हैं, बतख, मछली, सूअर आदि अपशिष्ट तथा कुत्तो द्वारा मॉस खा लिया जाता हैं.

शेष को खाद बनाकर बेच दिया जाता हैं, जहाँ उन्हें पुन: चक्रित कर दिया जाता हैं. जो कूड़ा पुन: चक्रित या खाद में परिवर्तित नही किया जाता उसे लैंडफिल में डाल दिया जाता हैं. या फिर जलाकर इसे बिजली प्राप्त कर दी जाती हैं.

आंध्र प्रदेश की ही सूर्यापेट नगरपालिका एक कदम आगे हैं. यहाँ किराणा दुकानों मिट विक्रेताओ को थैला लाने पर एक से पांच रूपये की छुट दी जाती हैं. इन शहरों की सड़के आज भी साफ़ हैं.

कचरा प्रबन्धन के चलते मैसूर भारत का सबसे स्वच्छ शहर हैं. मैसूर की स्वच्छता का सम्पूर्ण दायित्व वहां स्थानीय लोग उठाते हैं. पूर्वी मैसूर के कुंबर केप्प्ल में नागरिक कार्यकर्ता जिरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की देखरेख करते हैं. चार घंटो तक वे पांच हजार घरो से अलग-अलग कचरा जमा करते हैं, जिसमे गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग जमा किया जाता हैं.

और उस कचरे को वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में भेज दिया जाता हैं. 45 दिनों के प्रशोधन के बाद खाद में बदल दिया जाता हैं. जिसे किसान ले जाते हैं. वही सूखे कचरे जैसे प्लास्टिक और ग्लास आदि को जमा कर बेच दिया जाता हैं. मैसूर के नौ में से एक प्लांट की स्थापना मैसूर नगर निगम द्वारा की गई.

ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के विकेंद्रीकरण से न केवल केन्द्रीय सयंत्र का भार कम होता हैं. यहाँ एक वार्ड में 30 नागरिक कार्यकर्ताओ को कचरा जमा करने से लेकर संसाधित करने का दायित्व दिया जाता हैं.

ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन एक वार्ड से 25 हजार रूपये प्रतिमाह की आय होती हैं. जिससे क्षमता संवर्द्धन और जागरूकता कार्यक्रमों में उपयोग किया जाता हैं.

उपर्युक्त उदाहरनो से स्पष्ट हो जाता हैं कि कचरा प्रबन्धन से कचरे को संसाधन में परिवर्तित किया जा सकता हैं. वही अपने मोहल्ले क्षेत्र, गाँव राज्य और देश को स्वच्छ बनाया जा सकता हैं.

इस दिशा में हमारे प्रमुख मंत्रालय नए कानून और नियम बनाने की प्रक्रिया में हैं. कचरा प्रबन्धन के साथ ही हमे कम कचरा पैदा करने का प्रयास किया जाना चाहिए.

‘स्वच्छता बनाए रखने के लिए अनेकानेक प्रयास करने की आवश्यकता हैं हैं इसके साथ ही हमे यह जानना चाहिए कि भारत में स्वच्छता को जीवन मानने की अलख किसने जगाई थी. क्या आप जानते हैं वौ कौन हैं ? वो देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ही हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 4 (स्वच्छता का महत्व )

एक बार एक अंग्रेज में महात्मा गांधी से पूछा, यदि आपकों एक दिन के लिए भारत का लाट साहब बना दिया जाए तो आप क्या करेगे? गाँधीजी ने कहा- राजभवन के पास जो गंदी बसती हैं मै उसे साफ़ करुगा. अंग्रेज ने फिर कहा, मान लीजिए फिर आपकों उस पद पर रहने दिया जाए तो, गांधी ने फिर कहा दुसरे दिन भी वही करुगा.

सत्य के अन्वेषक के रूप में , गांधीजी ने बहुत सतर्क जीवन शैली अपनाई और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की. गांधीजी ने अनुभव किया कि सफाई का राष्ट्र निर्माण में अपरिहार्य स्थान हैं. और कहा’ स्वच्छता का स्थान ईश्वर के करीब हैं’

सार्वजनिक स्वच्छता के प्रति शहर के लोगों के बेरुखी भरे रेवैयेपर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा ‘ यह सोच सुविधाजनक हैं नही हैं कि लोग बम्बई की सड़को पर निरंतर इस खौफ के इस छाए में चलते हैं कि बहुमंजिली इमारते के बाशिंदे उन पर थूक सकते हैं’

स्वास्थ्य के द्रष्टिकोण से गांधीजी ने गाँवों की स्थति को शोचनीय बताया. ‘ हमारी गरीबी का एक प्रमुख कारण स्वच्छता की अनिवार्य जानकारी उपलब्ध नही होना हैं.

यदि गाँवों की साफ़-सफाई में सुधार लाया जाए तो लाखों रूपये आसानी से बचाए जा सकते हैं और लोगों की दशा में कुछ हद तक सुधार लाया जा सकेगा.

लोक सेवक संघ के सविधान के मसौदे में उन्होंने कार्यकर्ताओ के सम्बन्ध में लिखा था-” कार्यकर्ता को गाँव की स्वच्छता और सफाई के बारे में जागरूक करना चाहिए और गाँवों में फैलने वाली बीमारियों को रोकने के सभी कदम उठाने चाहिए”

गांधीजी का विशवास था कि जो देश की भावी आधारस्तम्भ हैं अर्थात विद्यालय और विद्यार्थी जहाँ स्वच्छता का ज्ञान होना चाहिए. 20 मार्च 1916 को गुरुकुल कांगड़ी में दिए गये भाषण में उन्होंने कहा था. ‘

गुरुकुल के बच्चों के लिए स्वच्छता और सफाई के नियमों के ज्ञान के साथ ही उनका पालन करना भी प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए”

इन अदम्य स्वच्छता निरीक्षको ने लगातार लगातार चेतावनी दी हैं, कि स्वच्छता के बारे में सब कुछ ठीक नही हैं.. मुझे लग रहा हैं कि स्वच्छता पर आगन्तुको के लिए वार्षिक व्यवहारिक सबक देने के सुनहरे मौके को हमने खो दिया हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 5 (swachh bharat in hindi )

गांधीजी ने स्वच्छता को शुद्दता के कार्य के रूप में देखा. गांधीजी के सचिव प्यारेलाल इस सम्बन्ध में नौखाली का किस्सा सुनाते हैं. जहाँ गांधीजी हिन्दुओ और मुसलमानों के बिच सद्भाव कायम करने के लिए कोने-कोने में जा रहे थे.

वे लिखते हैं कि नोआखली के लिए वह ओस से भी गीली रात थी. जिस संकरे फुटपाथ पर गांधीजी को चलना था. उस पर बहुत फिचलन थी. फुटपाथ बहुत संकरा था इसलिए उनके दल के लोग एक एक कर आगे बढ़ सकते थे.

अचानक इस समूह को रुकना पड़ा क्युकि गांधीजी सूखी पतियों की मदद से फुटपाथ से मल हटा रहे थे. कुछ साम्प्रदायिक शरारती तत्वों ने फुटपाथ को गन्दा कर दिया था.

मनु ने पूछा, आपने मुझे क्यों नही करने दिया? आपने इस तरह हम सभी को शर्मसार क्यों किया ? गांधीजी ने हंसते हुए कहा- तुम उस आनन्द के बारे में नही जानती, जो ऐसे काम करने में मुझे प्राप्त होता हैं.

आप सभी को गांधीजी का यह उद्बोधन आश्चयर्यचकित लगा होगा कि कैसे एक व्यक्ति को मल साफ़ करने में आनन्द प्राप्त हो सकता हैं.

इस बात को समझने के लिए अपने द्रष्टिकोण को परिवर्तित करना होगा. क्या इस धरा पर ऐसा कोई व्यक्ति हैं. जिसे गंदगी देखने में अच्छी लगती हो. नही ना! परन्तु विडम्बना यह हैं.

कि हमे गंदगी देखना तो अच्छा नही लगता पर हम उस जगह से आँख मुदकर निकल जाना बेहतर समझते हैं. या प्रशासन को कोचते हैं. राष्ट्रभक्त वही करता हैं या कहता हैं. जो बापू ने किया.

मध्यप्रदेश के एक नवयुवक ने गांधीजी का आशीर्वाद लेने के लिए सेवाग्राम आश्रम में उनसे भेट की, उस युवक ने प्रशासनिक सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा उतीर्ण कर ली थी. बापू ने उस युवक से प्रश्न किया-तुम आईसीएस क्यों बनना चाहते हो?

युवक ने उत्तर दिया, भारत की सेवा करने के लिए. बापू ने परामर्श दिया- गाँव में जाना और साफ़-सफाई करना भारत की उत्कर्षट सेवा हैं और इसके पश्चात् आईसीएस बनने के इच्छुक अप्पा पटवर्धन सफाई की कला में विशेष्यज्ञता हासिल कर देश के स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हो गये.

गांधीजी ने ट्रेन के तृतीय क्लास के डिब्बे में बैठकर देशभर में प्रवास किये थे. वह भारतीय रेलवे के तीसरे श्रेणी के डिब्बे की गंदगी को देखकर स्तम्भ थे.

उन्होंने 25 सितम्बर 1917 को समाचार पत्र में लिखे एक पत्र के माध्यम से आमजन का इस ओर ध्यान आक्रष्ट किया. उन्होंने लिखा इस तरह की संकट की स्थति में यात्री को परिवहन बंद कर देना चाहिए जिस तरह की गंदगी की यह स्थति इन डिब्बो में हैं.

उसे जारी रहने नही दिया जा सकता क्युकि वह हमारे स्वास्थ्य और नैतिकता को प्रभावित करती हैं. निश्चित तौर पर तीसरी श्रेणी के यात्री को जीवन की बुनियादी जरुरत हासिल करने का अधिकार तो हैं. ही तीसरे श्रेणी के यात्री की उपेक्षा कर लाखों लोगों की व्यवस्था, स्वच्छता, शालीन जीवन की शिक्षा देना, सादगी और स्वच्छता की आदते विकसित करने का बेहतरीन मौका गँवा रहे हैं.

स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध कक्षा पांच से बारहवीं के लिए

Cleanliness campaign Hindi essay for class five to XII:  स्वच्छ भारत अर्थात स्वच्छता अभियान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूम्बर 2014 शुरू किया गया| जिन्हें महात्मा गाँधी जयंती 2020 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित हैं|

आज आपके लिए स्वच्छ भारत अभियान नारे और कुछ लोकप्रिय उद्दरण स्वच्छ भारत अभियान नारे के अलावा स्वच्छ भारत अभियान पर कविता जो हमारे प्रधानमन्त्री के मिशन स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत को साकार कर सके|

(स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध) essay on swachh bharat swasth bharat in hindi

छात्र-छात्राओं के लिए स्वच्छ भारत अभियान पर भाषण और हिंदी निबन्ध की इस श्रखला में सभी विद्यार्थियों के लिए कक्षा 5 से 6, 7, 8, 9, 10, 11 और बाहरवी के स्टूडेंट्स के लिए स्वच्छ भारत अभियान मराठी निबंध में यहाँ उपलब्ध हैं|

यहाँ स्वच्छ भारत अभियान मराठी माहिती निबंध पढने के लिए गूगल ट्रांसलेटर टूल के जरिये आप स्वच्छ भारत मिशन योजना के इस लेख को मराठी, अग्रेजी, गुजराती, अग्रेजी, उर्दू, पंजाबी और अन्य भाषाओं में रीड कर सकेगे|

वर्तमान में स्वच्छ भारत मिशन शौचालय निर्माण का दूसरा चरण मार्च 2017 से 2020 तक चल रहा हैं| जिसकी प्रगति रिपोर्ट और आकड़े आपके लिए यहाँ एकत्रित किये गये हैं|

स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध कक्षावार

आज स्वच्छता अभियान के इस लेख में सभी क्लास के विद्यार्थियों के भाषण और निबन्ध यहाँ दिए जा रहे हैं| सम्बन्धित कक्षा के बोद्दिक स्तर के अनुकूल शब्द सीमा में तथ्यात्मक जानकारी के साथ शुरू किया गया हैं| लीजिए मित्रो शुरू करते हैं,स्वच्छता अभियान निबंध कक्षा 1 के छात्रों के लिए-

स्वच्छता अभियान-निबंध/भाषण कक्षा 1

आजकल स्वच्छता का अर्थ हमे बेहद सकीर्ण रूप से लेते हैं|

स्वच्छता की परिभाषा को परिभाषित करना चाहे तो इनके सामान्य अर्थ(शब्दार्थ) निर्मलता, पवित्रता, सफ़ाई और उज्ज्वलता होते हैं| जिन्हें अंग्रेजी भाषा में cleanliness और neatness भी कहा जाता हैं|

अंग्रेजी व्याकरण में इसके पर्यायवाची शब्दों को तलाशे तो sincereness, sereneness,pellucidity,trimness, nattiness,primness, orderliness जैसे शब्दों से इसे परिभाषित किया जा सकता हैं|

यह स्वच्छता शब्द का जन्म आधुनिक समय की ही देन हैं| ओद्योगिक क्रांति के समय 18व़ी और 19व़ी सदी में यूरोप और अमेरिका में गंदगी का बेहद बोलबाला था| इस वजह से कई भयानक बीमारियाँ पनपनी शुरू हो गयी थी|

स्थानीय मशीनरीज और संस्थाओ ने जन-जागरूकता फैलाने के लिए स्वच्छता के सिद्दांत की खोज की| साफ़-सफाई और स्वच्छता को इश्वर के साथ जोड़कर इसे एक ईश्वरीय गुण की उपाधि दी गयी|

इस सिद्दांत में आमजन की भावनाओं को मूल में रखकर गंदगी करने वालों को जधन्य पाप की श्रेणी में माना गया| शालाओं में शारीरिक विषय के पाठ्यक्रम को पढाया जाने लगा|

उस समय लोगों में स्वच्छता मिशन के प्रति जागरूकता लाने के लिए इसे पाप और पुण्य जैसे धार्मिक हथकंडो को अपनाया गया| वैसे स्वास्थ्य का सीधा सम्बन्ध प्रत्येक व्यक्ति दे होता हैं, जिन्हें परिभाषित करने और समझने का अपना-अपना व्यू हैं|

समग्र स्वच्छता की बात करे तो इसमे आपके शारीरिक,मानसिक और बोद्दिक स्वच्छता की बात करते हैं| जिनमे सबसे बड़ी भूमिका आपके बाहरी वातावरण की होती हैं, व्यक्ति वैसा ही व्यवहार करता हैं| जिस वातावरण में वह रहता हैं उसका सीधा प्रभाव पड़ता हैं|

स्वच्छता अभियान  निबंध/भाषण कक्षा 2

समय के साथ स्वच्छता अभियान के अलग-अलग मतलब भी निकाले गये | आरम्भिक समय में साबुन और सूप को स्वच्छता से जोड़कर देखा जाता था| इसके पीछे लोजिक यह था कि बिमारी जीवाणुओं के कारण ही पनपती हैं| जिन्हें स्वच्छता रखकर नियंत्रित किया जा सकता हैं|

आज भी बहुत सारे लोग ये मानते हैं, कि दुनिया में कोई व्यवसाय या कारोबार करने से पैसा मिलता हैं, फिर हम साफसफाई क्यों करे| इसके लिए पगार कौन देता हैं| जब बात की जाती हैं, पर्यावरण की रक्षा की तो इससे हमे क्या मिलेगा|

बस यही से स्वच्छता अभियान का अभिप्राय अपने शरीर को साफ़-सुथरा रखने की रीती गढ़ दी गईं| मगर सर्वागींण स्वच्छता यही नही हैं, मानसिक,बौद्धिक,शारीरिक,आध्यात्मिक और पर्यावर्णीय स्वच्छता इसका हिस्सा हैं|

स्वच्छता अभियान  निबंध भाषण कक्षा 3

शारीरिक स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद आवश्यक हैं| यदि हम ऐसा नही करते हैं तो निकट भविष्य में हमे और अपने परिवार को कई तरह की मुशिब्तो का सामना करना पड़ सकता हैं|

हमे अपने शरीर अपने आस-पास के वातावरण की साफ़-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए| इसमे हमे कुछ वितीय खर्च आए तो भी इनसे मुह फेरने की बजाय स्वय जिम्मेदारी लेकर उनकी मरम्मत करवाए, हो सकता हैं|

इन्ही अव्यवस्थित वस्तुओ से पनपने वाली गंदगी और जीवाणु आपके परिवार के किसी सदस्य को बीमार कर सकती हैं| अथवा जान भी ले सकती हैं|

भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन में हम स्वय अपनी और अपने आस-पास के परिद्रश्य की साफ़-सफाई रखकर बड़ा योगदान दे सकते हैं|

केंद्र सरकार खुले में शोच जाने से देश को मुक्त करने के लिए निरंतर प्रयत्न कर रही हैं| भारत सरकार की शौचालय योजना तभी अपने उदेश्यों में सफल हो सकेगी जब हम अपना सक्रिय योगदान दे|

एक जिम्मेदार विद्यार्थी होने के नाते आज मै यह प्रतिज्ञा करता हु.. मै स्वयं साफ़-सुथरा रहुगा| न तो गंदगी फैलाउगा न किसी को फ़ैलाने दुगा|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 4

स्वच्छ भारत अभियान का महत्व महात्मा गाँधी की एक उक्ति ” स्वच्छता स्वत्रन्त्रता से अधिक जरुरी हैं”

आज से 100 साल पहले गांधीजी द्वारा देखे गये स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने का सकल्प माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी ने उठाया हैं| हम सभी देश के जिम्मेदार नागरिको का यह कर्तव्य बनता हैं|

हम अपने प्रधानमन्त्री के स्वच्छ भारत अभियान के सहयोगी बनने और राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के इस सपने को सन 2020 को 2 अक्टूबर उनकी 150 व़ी जयंती पर स्वच्छ भारत का नक्शा समर्पित करे|

यह सच हैं जब तक कोई सरकारी कार्य या मिशन पूरा नही होता जब जनता का सहयोग न हो| स्वच्छता अभियान के इस सपने को साकार करने के लिए हमे घर-घर शौचालय बनाने भर पर्याप्त नही हैं|

हमारी जिम्मेदारी बनती हैं, हम समाज में एक नई सोच विकसित करे जो स्वच्छता अभियान में सक्रिय भूमिका निभाए| घर में बने शौचालयों का उपयोग करे और सरकार के प्रयास को सार्थक बनाए|

देश इस गंदगी का दश बेहद झेल चूका हैं| यहाँ तक की हमारे देश को बुढा भारत तक कहा जा चूका हैं| इसकी वजह हमारी आदतों में निर्मलता और स्वच्छता को इतना महत्व नही दिया गया हैं|

बड़ी आबादी इस गंदगी के माहौल के कारण बीमार ही रहती हैं| जिनका सीधा असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ता हैं, जिस तरह एक लगडा घोड़ा रेस जीत नही सकता. हम भी इस तरीके से तो आगे नही बढ़ सकते|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 5

देश के अरबन एरिया में सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान को पूरा करने के लिए दो मापदंड अपनाए हैं| देश के सभी एक करोड़ दस लाख घरो में शौचालय का निर्माण करवाया जाए और कचरे का ठोस निपटान किया जाए|

इसके लिए ढाई-ढाई लाख सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का भी निर्माण करवाया जाना हैं| इस शौचालयों को घनी आबादी और सार्वजनिक स्थल जैसे बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन हवाई अड्डा, खेल मैदान के सा-पास बनाए जाने प्रस्तावित हैं|

यदि हम एक नजर उठाकर आस-पास के शहरों के हालात देखे तो बेहद दयनीय हैं| हालाँकि शहरो की तुलना में गाँवों की स्थति बेहद सुविधाजनक हैं| घर-घर शौचालय उपलब्ध करवाना बेहद कठिन हैं| स्वच्छता अभियान के लिए सामुदायिक शौचालयों के द्वारा भी चल रही स्थति को काफी हद तक बदला जा सकता हैं|

दूसरी तरफ अपशिष्ट और कचरे के निपटन के लिए केंद्र सरकार 9 हजार करोड़ खर्च कर चुकी हैं| इस मिशन को 2 अक्टूबर 2020 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित हैं|हमे यदि स्वच्छ भारत बनाना हैं|

 स्वय खुले में शौच जाने की प्रवर्ती को खत्म करनी होगी| साथ ही लोगों को भी इस दिशा में अग्रसर करना होगा | और अपने आस-पास सफाई अपने ऑफिस या कमरे की सफाई स्वय करने की आदत विकसित करनी होगी|

हमे बापू के सपने को पूरा करके दिखाना हैं| वाकई में यदि हम इस मिशन में 50 फीसदी भी सफल हो गये तो विश्व में भारत की छवि को और बेहतर और साफ़-सुथरी बना सकते हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 6

भारत प्राक्रतिक सौदर्य का देश हैं किसी महाद्वीप में जितने दर्शनीय स्थल नही हैं उतने हमारे देश में हैं|यदि भारत की साफ़ सुथरी तस्वीर विश्व के अन्य देशो तक पहुचेगी तो यकीनन हमारा टूरिज्म कई गुना बढ़ सकता हैं जिससे हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी|

स्वच्छता अभियान में स्कुल एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं भारत के भविष्य की इस पौधशाला में कई कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं| जिसके जरिए बच्चो में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और इसके महत्व को अच्छी तरह समझ सके|इस कार्यक्रम के तहंत महात्मा गाँधी के वक्तव्यों और स्वच्छता से जुड़े विचार शिक्षा पाठ्यक्रम में समाहित किया गया हैं|

साथ ही बारिवार स्वय छात्रों को अपने कक्षा कक्ष शोधशाला और रसोई घर में साफ़ सफाई के द्वारा उनमे अच्छी आदते विकसित की जा रही हैं|साथ ही शिक्षको को भी निर्देश दिया गया हैं वे स्वय अपने कार्यालय की सफाई करे जिससे छात्रों में अच्छा संदेश प्रसारित किया जा सके|

स्वच्छता अभियान में बच्चो से उनके खेल मैदान में सफाई विद्यालय भवन के आस-पास की सफाई और पेड़ पौधो की सुरक्षा की आदते भी विकसित की जा सकती हैं|

विभिन्न संस्कृतिक कार्यक्रमों,प्रतियोगिताओ और सफाई अभियान के द्वारा एक अच्छा संदेश विद्यार्थियों और समाज में प्रसारित करने की कोशिश की जा रही हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 7

भारत सरकार ने स्वच्छता अभियान के पिछले दो वर्षो की प्रगति रिपोर्ट जारी की हैं इस सूचि में देशभर के 80 शहर सम्मलित हैं| जो नगर निगम की श्रेणी में आते हैं इनकी जनसंख्या 10 लाख से उपर की हैं|

इस सूची को बनाने के लिए एक टीम का गठन किया जिन्होंने देश के सभी राज्यों के शहरों का दौरा किया| किस शहर में सफाई व्यवस्था कैसी हैं

इस पर आधारित इस सूची के टॉप में उन शहरों को स्थान दिया गया हैं जिनकी सफाई व्यवस्था सबसे अच्छी हैं| वे स्वच्छता अभियान के स्वच्छ शहर हैं|

इस सूचि के उपरी शहरों में कर्नाटक का मैसूर शहर देश का सबसे स्वच्छ शहर हैं, इसके बाद punjab का चण्डीगढ़, फिर तमिलनाडू का चिरापल्ली, चौथा स्थान राजधानी नई दिल्ली का हैं|

फिर विशाखापत्तनम और इसके बाद गुजरात के दो शहर सुरत और राजकोट फिर सिकिम की राजधानी गंगटोक और नौवे और दसवे स्थान पर महारास्ट्र राज्य के दो शहर ग्रेटर मुंबई और पिपरी आते हैं|

इस सूची में दिल्ली चोथे स्थान पर हैं, इससे अंदाजा तो कर सकते हैं नीचें की सूची के शहरों के हालात क्या हैं| हम अपने-अपने घर को साफ़ सुथरा रखकर भी अपने शहर को सुंदर बना सकते हैं|

कचरे को इधर उधर न फेककर यदि कचरा पेटी में डाले तो बहुत बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं| सरकार अपने बजट का काफी बड़ा हिस्सा सफाई कर्मचारियों और स्वास्थ्य सेवाओं में खर्च करती हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 8

स्वच्छता अभियान की इस सूची के अंतिम दस शहरों की बात की जाए तो इसमे भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के तीन मेरठ और वाराणसी और गाजियाबाद आते हैं झारखंड के दो बिहार छतीसगढ़ और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी क्षेत्र भी इस सूची के अंतिम पायदानों पर हैं|

हालात बदले नही हैं बल्कि अब बदले जाने हैं हम और आप मिलकर इस स्थति को सुधारेगे| जरुर आपकों एक सूचि से निराशा हाथ लगी होगी मगर ये आकडे जनवरी 2016 के हैं, जिनके बाद कई बड़े बदलाव हुए हैं प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान में 50 लाख से अधिक विद्यार्थी और शिक्षक स्वैछिक रूप से अपनी सेवाए दे रहे हैं|

साथ ही बॉलीवुड,व्यापार,खेल जगत शिक्षा और राजनीती के कई ऐसे सितारों को इस कार्यक्रम का ब्रांड अबेसदर बनाया हैं|

जो इस कार्यक्रम को जन-जन तक पहुचाने का कार्य कर रहे हैं| स्वच्छ भारत अभियान से ये हस्तियाँ जुड़ीं हुई हैं| सचिन तेंडुलकर, राज्ययोगी ब्रह्मकुमारी, किरण बेदी , अरुण पुरी,गुनुपति वेंकट कृष्ण रेड्डी,प्रियंका चोपड़ा,सोनल मानसिंह, दादी जानकीजी, मृदुला सिन्हा, कपिल शर्मा, अखिलेश यादव, सलमान खान,महेन्द्र सिंह धोनी, ईआर. दिलकेश्वर कुमार, विराट कोहली,के कविता, के कविता,स्वामी रामभद्राचार्यसुरेश रैना,हम्पी कोनेरू,वी.वी.एस. लक्ष्मण,राजू श्रीवास्तव,जे रामेश्वर राव,एस पी बालासुब्रह्मण्यम, पुलेला गोपीचंद, मोहम्मद कैफ ये सूचि बेहद लम्बी हैं|

ये वे हस्तियाँ हैं जिनके फॉलोवर करोड़ो में हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 9

भारत के इतिहास में महात्मा गाँधी पहले व्यक्ति थे| जिन्होंने देश में व्याप्त गंदगी और गरीबी पर लोगों में जागरूकता लाने के प्रयत्न कियें| महात्मा गाँधी आजादी से ज्यादा महत्वपूर्ण स्वच्छता को मानते थे|

क्युकि वे जानते थे देश तो आजाद हो जाएगा मगर लोगों की आदतों से भली-भांति परिचित थे| इसमे बदलाव लाना बेहद कठिन हैं| उन्होंने कहा था हम पिछड़े या गरीब हैं तो इसका कारण हमारी दिनचर्या और स्वच्छता के प्रति ध्यान न देना हैं| आज जो देश विकसित हैं|

उनकी ताकत वहा की स्वस्थ आबादी हैं एक बीमार देश कभी भी सुपरपॉवर नही बन सकता हैं| महात्मा गाँधी की इस बात में पूर्ण सत्यता थी|

इस देश का दुर्भाग्य हैं आजादी के 77 साल बाद भी राष्ट्रपिता की इच्छा को किसी ने पूरा करने का साहस नही दिखाया माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी इस बात को पहले से समझ चुके थे महात्मा गाँधी स्वच्छ भारत का सपना देखना चाहते थे|

नरेंद्र मोदी सुपरपॉवर का अतः नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष स्वच्छता अभियान का बीड़ा उठाया| विश्व के किसी भी देश में राजनेताओ की छवि से स्वय को अलग करते हुए एक आम आदमी की तरह इन्होने न सिर्फ अपनी प्रतिबधता दोहराई बल्कि स्वय राजपथ की सड़को पर अपने हाथ से झाड़ू लगाईं|

स्वच्छता अभियान क्या हैं ?

यह सत्य हैं नकारा नही जा सकता हैं हम आलसी हैं और जल्द ही बीती बात भूल जाते हैं| नरेंद्र मोदी ने स्वय झाड़ू उठाई तो लाखोँ लोगों और सरकारी कर्मचारियों ने भी झाड़ू लगाईं थी|

मगर वहीं नजर आ रहा हैं रात गईं बात गईं| अभियान में लग्न से लगे प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी आज भी स्वयं अपने कार्यालय की सफाई करते हैं|

हमे भी यह आदत विकसित करनी होगी| जब इस देश का प्रधानमन्त्री झाड़ू से सडक पर सफाई कर सकता हैं| तो आखिर हम क्यों नही अपने घर में झाड़ू लगा सकते हैं|

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था| इसके उद्घाटन के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने संसद में भाषण दिया था| उन्होंने कहा था हम स्वच्छ भारत अभियान आरम्भ करने जा रहे हैं|

जिनमे देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में स्वच्छता पर विशेष तोर पर ध्यान देने के अतिरिक्त कचरे निपटान पर भी ध्यान दिया जाएगा|नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा था हमे बापू की 150 व़ी जयंती पर एक स्वच्छ और आदर्श भारत का निर्माण करना हैं|

इसके लिए प्रधानमन्त्री ने देश वासियों से प्रतिवर्ष 100घंटे इस स्वच्छता अभियान में योगदान देने का अनुरोध किया था|

स्वच्छ भारत मिशन योजना के आंकड़े

  • योजना की शुरुआत- 2 अक्टूबर 2014
  • पूरी करने की तिथि- 2 अक्टूबर 2020
  • सरकार – भारतीय जनता पार्टी
  • कुल बजट- 1,96,009 करोड़ रुपये
  • उपलक्ष्य- राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी
  • स्लोगन- नीट & क्लीन इंडिया
  • वेबसाइट- swachhbharat.mygov.in
  • लीडर- नरेंद्र मोदी
  • शौचालय की लागत- 12,000 सरकार द्वारा सहायता
  • कुल शौचालय -1 करोड़ 10 लाख
  • प्रमुख मुद्दे- कचरा निपटान, शौचालय निर्माण और उपयोग
  • स्थान -नई दिल्ली

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 10

स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट हैं जिनकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2017 को की गईं| इन्हे कई अलग-अलग नामो से जाना जाता हैं जैसे क्लीन इंडिया मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, स्वच्छता अभियान इत्यादि|

इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में ही प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों को सक्रिय योगदान देने के लिए अपील की थी| यह एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम हैं विश्व का सबसे बड़ा मिशन को अगले पांच वर्षो में 2 अक्टूबर 2020 तक पूरा किया जाना हैं|

इस मिशन को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने शौचालय निर्माण और कचरे निपटान के सयंत्र भी लगवाए हैं| भारत ने स्वच्छता अभियान को पूरा करने के लिए विश्व बैंक से 96697500000 रूपये का लोन लिया हैं|

बड़ा दर्द होता हैं जब हमारी सरकार इतने प्रयास और पैसे खर्च करके भी लोगों से कुछ अच्छा करने की अपेक्षा करने की उम्मीद करती हैं|

तो परिणाम अपेक्षाकृत नही आते हैं| आज भी हम बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को देख सकते हैं जो सरकार द्वारा वितीय सहायता उपलब्ध करवाने के बावजूद शौचालयों का निर्माण Construction of toilets नही करवाते हैं|

Swachh Bharat Abhiyan

Swachh Bharat Abhiyan is a dream project of Prime Minister Narendra Modi, which started on 2 October 2017. These are known by many different names such as Clean India Mission, Clean India Mission, Sanitation Campaign etc.

At the beginning of this project, Prime Minister Narendra Modi appealed to all the citizens to make active contribution. This is a nationwide program to be completed in the next five years by 2 October 2020, the world’s largest mission.

In order to fulfill this mission, the Central Government has also set up toilet and garbage disposal plants. India has taken a loan of 96697500000 from the World Bank to complete the Sanitation Campaign. वर्तमान स्थति (present situation)

यदि किसी सरकारी काम में रूकावट के डर से बनवा भी लेते हैं तो इनका उपयोग नही करते हैं| शौच के लिए वही रेलवे पटरी, खेतो में या झाड़ियो के पीछे ही जाते हैं| सभी शिक्षित नागरिको (Educated citizens) की यह जिम्मेदारी बनती हैं|

हम लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करे और स्वय भी आदतों को बदले और समाज के लिए एक उदाहरन पेश करे| लोगों को यह सोचना चाहिए आखिर सरकार आपके भले के लिए ही कर रही हैं | तो फिर स्वच्छता अभियान में सहयोग करने से पीछे नही हटना नही चाहिए|

स्वच्छता अभियान मेरा योगदान

  • स्वय साफ़ सुथरे रहे और कम से कम अपने परिवार के लोगों को ऐसा कहे|
  • कचरा इधर उधर ना फेके|
  • कोई कचरा फेक रहा हो तो उन्हें ऐसा ना करने के लिए समझाए|
  • अपने घर में शौचालय का निर्माण करवाए और उपयोग करे|
  • अपने विद्यालय को साफ़-सुथरा बनाने में रूचि दिखाए|
  • ऑफिस जाते हैं तो स्वय झाड़ू निकाले|
  • घर का कचरा इधर उधर न फेककर कचरा पेटी में ही डाले|
(Keep yourself clean and at least say to your family members. The garbage does not stop here. If someone is throwing garbage, then explain to them not to do this. Build and use toilets in your home. Show your interest in making your school clean. If you go to the office then you sweep the broom. Do not throw the garbage at home and put it in the trash.)

 निष्कर्ष

स्वच्छता अभियान  Cleanliness campaign के सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी हमने आप तक पहुचाने की कोशिश की उम्मीद करते हैं, आज का लेख आपकों पसंद आया होगा|इस लेख को सोशल मिडिया पर अधिक से अधिक शेयर कर आप भी  स्वच्छता अभियान  में भूमिका निभा सकते हैं|

We look forward to reaching out to you about all the information related to the cleanliness campaign. Today’s accounting would have liked you.

You can also play a role in the cleanliness campaign by sharing more and more articles on this social media.

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Swachh Bharat Abhiyan Essay : स्टूडेंट्स के लिए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पर निबंध

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  • Updated on  
  • जुलाई 2, 2024

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ भारत मिशन भी कहा जाता है। यह भारत सरकार द्वारा चलाया जाने वाला एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है, जिसका उद्देश्य सभी शहरों को स्वच्छ बनाना है। यह एक सामान्य विषय है जिसे आम तौर पर छात्रों को उनके स्कूलों में स्वच्छ भारत या स्वच्छ भारत अभियान पर कुछ लिखने या कहने के लिए दिया जाता है। यहां हम स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi) दे रहे हैं जिससे स्टूडेंट्स स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध लेखन प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं।

This Blog Includes:

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100 शब्दों में Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi इस प्रकार हैः

स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ भारत मिशन भी कहा जाता है। यह भारत सरकार द्वारा चलाया जाने वाला एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है, जिसका उद्देश्य सभी शहरों को स्वच्छ बनाना है। इस अभियान में शौचालयों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, गलियों और सड़कों की सफाई करना और देश के बुनियादी ढांचे को बदलना शामिल है, ताकि देश को आगे बढ़ाया जा सके। इस अभियान की आधिकारिक शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर राजघाट, नई दिल्ली में की थी। स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से, हम एक स्वस्थ और स्वच्छ भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

200 शब्दों में Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi इस प्रकार हैः

‘स्वच्छ भारत अभियान’ या ‘स्वच्छ भारत मिशन’ भारत सरकार द्वारा भारत को स्वच्छ बनाने के लिए शुरू की गई एक पहल है। स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए जागरूकता फैलाना है।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत, लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षा दी जाती है, और उन्हें अपने घरों, स्कूलों, और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अंतर्गत, शौचालय निर्माण, स्वच्छता अभियान, और जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से सार्वजनिक स्वच्छता को सुनिश्चित करने के साथ-साथ जल, हवा, और भूमि की रक्षा भी की जाती है। यह अभियान भारत के स्वास्थ्य और पर्यावरण को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्वच्छ भारत अभियान ने लोगों की सजगता और सामाजिक सामर्थ्य को बढ़ावा दिया है और भारत को एक स्वच्छ और हरित भूगोल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत कई सरकारी योजनाएं और कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जैसे कि “स्वच्छता ही सेवा” अभियान और “स्वच्छ ग्रामीण भारत” कार्यक्रम। यह अभियान सामाजिक सांस्कृतिक बदलाव को भी प्रोत्साहित करता है, जिससे भारतीय समाज में स्वच्छता के मामूले में सुधार होता है। स्वच्छ भारत अभियान ने दुनिया भर में बड़े पैमाने पर स्वच्छता के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाई है।   

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi (1)

Swachh Bharat Abhiyan पर निबंध 500 शब्दों में

Swachh Bharat Abhiyan पर निबंध 500 शब्दों में इस प्रकार है:

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती के दिन शुरू हुई थी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। यह भारतीय समाज को स्वच्छता की महत्वपूर्णता के प्रति जागरूक करने का प्रयास है और उन्हें स्वच्छता के मामूले में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करता है। 

इस अभियान के तहत, स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए लोगों को अपने घरों, स्कूलों, कामकाजी स्थलों, और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अलावा, शौचालय निर्माण, स्वच्छता अभियान, और जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 

स्वच्छ भारत अभियान भारत में अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है, जिसके शुभारंभ के दौरान लगभग 30 लाख सरकारी कर्मचारियों और स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने भाग लिया। शुभारंभ के दिन, प्रधानमंत्री ने भारत की नौ प्रसिद्ध हस्तियों के नाम नामित किए कि वे अपने क्षेत्रों में तय तिथियों पर अभियान की शुरुआत करें और आम जनता के बीच अभियान का प्रचार करें। उन्होंने सभी नौ हस्तियों से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्र से नौ अन्य लोगों को व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करें और नौ लोगों को आमंत्रित करने का यह सिलसिला तब तक जारी रखें जब तक कि यह संदेश हर भारतीय नागरिक तक न पहुंच जाए।

स्वच्छ भारत अभियान के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना: इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य लोगों को स्वच्छता की महत्वपूर्णता के प्रति जागरूक करना है और उन्हें स्वच्छता के मामूले में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
  • सार्वजनिक स्वच्छता सुनिश्चित करना: अभियान के तहत लोगों को उनके घरों, स्कूलों, कामकाजी स्थलों, और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे सार्वजनिक स्वच्छता को सुनिश्चित किया जाता है।
  • स्वास्थ्य में सुधार: यह अभियान स्वच्छता के माध्यम से बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करता है और भारतीय समुदाय के स्वास्थ्य को सुधारता है।
  • जल, हवा, और भूमि की रक्षा: इस अभियान के माध्यम से जल, हवा, और भूमि की रक्षा की जाती है, जिससे पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।
  •   सामाजिक सामर्थ्य को बढ़ावा: स्वच्छ भारत अभियान ने लोगों की सजगता और सामाजिक सामर्थ्य को बढ़ावा दिया है और समाज में स्वच्छता के मामूले में सुधार लाने में मदद की है।

स्वच्छ भारत अभियान के कई महत्वपूर्ण इस प्रकार हैं:

  • सार्वजनिक स्वच्छता में सुधार: अभियान के शुरू होते ही सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता में सुधार हुआ है, जैसे कि रेलवे स्थानक, बस डिपो, और अन्य सार्वजनिक स्थल।
  • देश में शौचालय निर्माण : अभियान के तहत देशभर में लाखों शौचालय बनाए गए हैं, जिससे जनमानस को स्वच्छ जीवनस्तर मिला है।
  • स्वच्छता ही सेवा: हर साल 2 अक्टूबर को स्वच्छता ही सेवा अभियान चलाया जाता है, जिसमें लोग स्वच्छता के लिए सेवा करने का प्रतिबद्ध रहते हैं।
  • स्वच्छ ग्रामीण भारत: अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छता को प्रमोट करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जैसे कि ग्रामीण शौचालय निर्माण योजना।
  • स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत: इस अभियान ने भारत को स्वस्थ भारत के रूप में प्रमोट किया है, क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध होता है।
  • जन-जागरूकता: स्वच्छ भारत अभियान ने लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाई है और समुदाय के सदस्यों को इसके लिए सजग बनाया है।
  • स्वच्छता सर्वेक्षण: अभियान के अंतर्गत स्वच्छता सर्वेक्षण कार्यक्रम चलाया जाता है जिसके तहत स्वच्छता के प्रति लोगों के समुदायों की जांच की जाती है।

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य लोगों में व्यवहार परिवर्तन लाना और स्वास्थ्य संबंधी व्यवहारों को प्रेरित करना, लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना और सभी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को मजबूत करना है। यह भारत में स्वच्छता बनाए रखने के लिए निवेश करने में रुचि रखने वाले सभी निजी क्षेत्रों के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल वातावरण बनाने में मदद करता है। रिपोर्ट्स और सर्वे के मुताबिक, इस अभियान का असर लगभग सभी हिस्सों में दिखने लगा है और सभी क्षेत्रों के लोगों की सक्रिय भागीदारी है।

स्वच्छ भारत अभियान के बारे में 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः

  • स्वच्छ भारत अभियान भारतीय सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ बनाना और सफाई के अच्छे प्रथाओं को प्रमोट करना है।
  • यह अभियान लोगों के बीच स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
  • इसके तहत, नागरिकों से अपने आस-पास की स्वच्छता बनाए रखने का आग्रह किया जाता है।
  • इस अभियान के तहत शौचालय निर्माण और सफाई अभियान जैसे कई पहल हैं।
  • स्वच्छ भारत अभियान ने सार्वजनिक स्वच्छता में दृश्यमान सुधार किया है।
  • यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण को बढ़ावा दिया है।
  • अभियान में स्वच्छता निरीक्षण शामिल है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता मानकों का पालन सुनिश्चित करना है।
  • स्वच्छ भारत अभियान स्वस्थ और स्वच्छ भारत की ओर एक कदम बढ़ा रहा है।
  • यह अभियान सड़कों से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक स्वच्छता के प्रति नागरिकों में जिम्मेदारी की भावना डालने में सफल रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन के लिए कोट्स यहां दिए जा रहे हैं जो आपको स्वच्छता का महत्व बताएंगेः

“स्वच्छता ने ही स्वास्थ्य को मिलाने की कुंजी है।” – महात्मा गांधी

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

“स्वच्छ भारत ही समृद्ध भारत हो सकता है।” – नरेंद्र मोदी
“स्वच्छता का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है, और यह नागरिकों की दायित्व है।” – एपीजे अब्दुल कलाम 
“स्वच्छता से जुड़ी शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा है।” – महात्मा गांधी
“स्वच्छ भारत अभियान एक सपना नहीं, एक प्रतिबद्धता है।” – नरेंद्र मोदी

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

“स्वच्छता का पालन करना न सिर्फ हमारी देशभक्ति है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।” – महात्मा गांधी
“स्वच्छता का मतलब है, हमारे आस-पास की सब कुछ सुखद और शुद्ध हो।” – नरेंद्र मोदी
“स्वच्छता एक अच्छे जीवन का पहला कदम है।” – महात्मा गांधी
“स्वच्छ भारत की ओर हमारा कदम बढ़ाएं, क्योंकि यह हमारी जिम्मेदारी है।” – नरेंद्र मोदी
“स्वच्छ भारत अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक समाज की पहल भी है।” – एपीजे अब्दुल कलाम

यह भी पढ़ें: शिक्षक दिवस पर निबंध

स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) से जुड़े कुछ तथ्य यहां दिए गए हैं:

  • अभियान की शुरुआत: “स्वच्छ भारत अभियान” का आरंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को किया गया था, महात्मा गांधी की जयंती के दिन।
  • मुख्य उद्देश्य: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है, साथ ही स्वच्छता की महत्वपूर्णता के प्रति जागरूकता फैलाना है।
  • शौचालय निर्माण: इस अभियान के तहत लाखों शौचालय निर्मित किए गए हैं, जिससे सार्वजनिक जगहों पर शौच मुक्ति मिली है।
  • स्वच्छता सर्वेक्षण: स्वच्छता सर्वेक्षण कार्यक्रम के तहत स्वच्छता के प्रति लोगों के समुदायों की जांच की जाती है और स्वच्छता मानकों का पालन मापता जाता है।
  • स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत: इस अभियान ने स्वस्थ भारत को स्वच्छ भारत के साथ जोड़कर प्रमोट किया है, क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य में गहरा संबंध होता है।
  • स्वच्छ भारत अभियान का संदेश: “स्वच्छता ही सेवा” और “स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत” जैसे संदेशों के माध्यम से इस अभियान का प्रचार किया जाता है।

संबंधित ब्लाॅग्स 

स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण, पेयजल सार्वभौमिक स्वच्छता प्राप्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाने के लिए और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने हेतु भारत के प्रधान मंत्री ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का आरंभ किया था।

भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की नई दिल्ली, राजपथ पर शुरूआत करते हुए कहा था कि “एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं।” 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध लिखने के लिए आपको इसे बारे मे आवश्यक जानकारी प्राप्त करनी होगी। उसके बाद सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को मिलाकर निबंध लिखें। निबंध को एक ठोस संरचना दें, जैसे कि प्रस्तावना, मुख्य भाग, और निष्कर्षण। साफ, सुविधाजनक भाषा का प्रयोग करें और संयुक्ताक्षरों या विचारों को स्पष्टत: रूप से व्यक्त करें। अपने निबंध को समर्थन के लिए उपयुक्त स्रोतों से समर्थित करें। अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करें, लेकिन दूसरों के खिलाफ वाद-विवाद से बचें। अपने निबंध को लिखने के बाद, इसे पुनः पढ़ें और सुधारें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्तूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. यह महत्वाकांक्षी योजना दरअसल पहले की सरकार के केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम (1986-1999) और संपूर्ण स्वच्छता अभियान (1999) का बदला हुआ रूप है. संपूर्ण स्वच्छता अभियान का नाम 2012 में बदल कर निर्मल भारत अभियान कर दिया गया था। 

उम्मीद है कि आपको Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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स्वच्छता पर निबंध-Swachata Par Nibandh

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Essay On Cleanliness In Hindi

भूमिका : स्वच्छता का अर्थ होता है हमारे शरीर, मन और हमारे चारों तरफ की चीजों को साफ करना। स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण होता है। यह विभिन्न प्रकार की बिमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक है।

यह जीवन की आधारशिला होती है। इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं। स्वच्छता के द्वारा मनुष्य की सात्विक वृत्ति को बढ़ावा मिला है। रोजमर्रा के जीवन में हमें अपने बच्चों को साफ-सफाई के महत्व और इसके उद्देश्यों को भी समझाना चाहिए।

स्वच्छता का महत्व : मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक और सामाजिक हर तरीके से स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी होती है। स्वच्छता को मनुष्य को स्वंय करना चाहिए। हमारी भारतीय संस्कृति में भी वर्षों से यह मान्यता है कि जहाँ पर सफाई होती है वहाँ पर लक्ष्मी का वास होता है। हमारे भारत के धर्मग्रन्थों में साफ-सफाई और स्वच्छता के बारे में बहुत से निर्देश दिए गए हैं।

हमारे भारत देश की वास्तविकता यह है कि यहाँ पर अन्य स्थानों की अपेक्षा मंदिरों में सबसे अधिक गंदगी पाई जाती है। धार्मिक स्थलों पर विभिन्न आयोजनों पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन स्वच्छता के महत्व से अनजान होकर वहाँ पर बहुत बड़ी मात्रा में गंदगी फैलाते हैं। स्वस्थ मन, शरीर और आत्मा के लिए स्वच्छता बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।

आचरण की शुद्धता में स्वच्छता बहुत जरूरी होती है। शुद्ध आचरण से मनुष्य का चेहरा तेजोमय रहता है। सभी लोग उस व्यक्ति को आदर की दृष्टि से देखते हैं। उनके सामने मनुष्य खुद ही अपना सिर झुका देता है। उस व्यक्ति के प्रति लोगों में अत्यंत श्रद्धा होती है। स्वास्थ्य रक्षा के लिए स्वच्छता बहुत अनिवार्य होती है। जब मनुष्य स्वच्छ रहता है तो उसमें एक तरह की स्फूर्ति और प्रसन्नता का संचरण होता है।

स्वच्छता की आवश्यकता : साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है। वह अपने और आस-पास के क्षेत्र को साफ रखना चाहता है। वह अपने कार्यस्थल पर गंदगी नहीं फैलने देता। अगर वह सफाई नहीं रखेगा तो साँप, बिच्छु, मक्खी, मच्छर तथा अन्य हानिकारक कीड़े-मकोड़े आपके घर में प्रवेश करेंगें जिससे अनेक प्रकार के रोग और विषैले कीटाणु घर में चारों तरफ फैल जायेंगे।

बहुत से लोगों का यह कहना होता है कि यह काम सरकारी एजंसियों का होता है इसलिए खुद कुछ न करके सारी जिम्मेदारी सरकार पर छोड़ देते हैं जिसकी वजह से चारों तरफ गंदगी फैल जाती हैं और अनेक प्रकार के रोग और बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं। जब तक हम स्वच्छता के महत्व को नहीं समझेंगे तब तक हम अपने आप को सभ्य और सुसंस्कृत नहीं कह सकते हैं।

आज के समय में 60 फीसदी से ज्यादा लोग खुले में शौच करने जैसी बुरी आदतों की वजह से बहुत सी जानलेवा बिमारियों को उत्पन्न कर रहे हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर की सफाई बहुत आवश्यक होती है। ऐसा माना जाता है कि गंदगी और बीमारी हमेशा एक साथ शरीर में जाते हैं। शरीर को स्वस्थ और बिमारियों से रहित रखने के लिए स्वच्छता बहुत ही आवश्यक होती है।

स्वच्छता के उपाय : अगर हम अपने घर और आस-पास के क्षेत्र में साफ-सफाई रखेंगें तो हम बहुत से रोगों के कीटाणुओं को नष्ट कर देंगे। सफाई रखकर मनुष्य अपने चित्त की प्रसन्नता भी प्राप्त कर सकता है। सफाई मनुष्य को अनेक प्रकार के रोगों से बचाती है। साफ-सफाई के माध्यम से मनुष्य अपने आस-पास के वातावरण को दूषित होने से बचा सकता है।

कुछ लोग साफ-सफाई को बहुत कम महत्व देते हैं और ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहाँ पर आस-पास कूड़ा कचरा फैला होता है। उन्हें अपने व्यवहार में परिवर्तन करना चाहिए और आस-पास के क्षेत्र को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए। स्वच्छता का संबंध खान-पान और वेश-भूषा से भी होता है।

रसोई की वस्तुओं और खाने-पीने की वस्तुओं का विशेष रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। बाजार से लाए जाने वाले फल, सब्जी और अनाज को अच्छी तरह से धोकर प्रयोग में लाना चाहिए। पीने के पानी को हमेशा साफ बर्तन में और ढककर रखना चाहिए। गंदे कपड़े कीटाणु युक्त होते हैं इसलिए हमें हमेशा साफ-सुथरे कपड़ों का प्रयोग करना चाहिए।

अपने शरीर की स्वच्छता का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है। प्रतिदिन स्नान करना चाहिए और अपने शरीर की गंदगी को साफ करना चाहिए। सभी को सप्ताह में कम-से-कम दो दिन साबुन से स्नान करना चाहिए ताकि शरीर में छिपे कीटाणुओं को नष्ट किया जा सके। नाखूनों को बढने नहीं देना चाहिए क्योंकि नाखूनों में होने वाली गंदगी से अनेक प्रकार की बीमारियाँ फैलती हैं।

जिस प्रकार से घर की सफाई में घर के सदस्यों की भूमिका होती है उसी प्रकार बाहर की सफाई में समाज की बहुत भूमिका होती है। बहुत से लोग घर की गंदगी को घर के बाहर डाल देते हैं उन्हें घर की गंदगी का निष्पादन ठीक प्रकार से करना चाहिए। आत्मिक उन्नति के लिए सभी निवास स्थानों के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए।

राष्ट्रपति जी की तरह हमें भी स्वच्छता पर पूरा जोर देना चाहिए। स्वच्छता में बाधक बनने वाले तत्वों को पहचान कर उनके प्रसार पर रोक लगानी चाहिए। स्वच्छता न होने के दुष्प्रभाव सभी समुदायों पर पड़ते हैं। ये सभी समुदाय बिमारियों के प्रकोप एवं खराब स्वास्थ्य के रूप में परिलक्षित होते हैं।

देश और समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए अनेक साधन और उपाय हैं। स्वच्छता के लिए बहुत-सी सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा यह संचालित हैं और बहुत से संचालन व्यक्तिगत रूप से निजी स्तर पर होते हैं। जो नई सरकार आई है उसकी मुख्य प्राथमिकता भारत को स्वच्छ करने की है।

अस्वच्छता से हानियाँ : जब लोग ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहाँ पर चारों तरफ कूड़ा-कचरा फैला होता है और नालियों में गंदा जल और सडती हुई वस्तुएं पड़ी रहती हैं जिसकी वजह से उस क्षेत्र में बहुत बदबू उत्पन्न हो जाती है, वहां से गुजरना भी बहुत मुश्किल हो जाता है ऐसे स्थानों पर लोग अनेक प्रकार की संक्रामक बिमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। वहां की गंदगी से जल, थल, वायु आदि पर बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़ता है।

अगर हम बाजार के मैले और अधिक कीटाणुयुक्त भोजन को खाते हैं तो हमारे शरीर में बहुत से रोग उत्पन्न हो जाते हैं। आधुनिक सभ्यता और हानिकारक उद्योगों के फैलाव की वजह से पूरी दुनिया में प्रदुषण का संकट खड़ा हो रहा है। भारतीय कहीं भी कूड़ा-कचरा फेंकने की आदत से मजबूर होते हैं और चारों ओर साफ-सफाई के लिए गंभीर नहीं होते है। अगर स्वच्छता नहीं रखी जाती है तो मनुष्य को बहुत जल्दी अनेक प्रकार के रोग हो जाते हैं।

स्वच्छता के लिए नारे : स्वच्छता के लिए बहुत से नारों का प्रयोग किया जाता है।

1. हम सभी का एक ही नारा, साफ सुथरा हो देश हमारा। 2. स्वच्छता का दीप जलाएँगे, चारों ओर उजियाला फैलाएँगे। 3. सफाई अपनाएं, बीमारी हटाएँ। 4. हम सब ने अब ये ठाना है, भारत स्वच्छ बनाना है। 5. करें हम ऐसा काम, बनी रहेगी देश की शान। 6. स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत। 7. साफ सुथरा मेरा मन, देश मेरा सुंदर हो, प्यार फैले सडकों पर, कचरा डिब्बे के अंदर हो। 8. सभी रोगों की एक दवाई घर में रखो साफ-सफाई। 9. मैं शपथ लेता हूँ कि मैं स्वंय स्वच्छता के प्रति सजग रहूँगा और उसके लिए समय दूंगा, हर साल 100 घंटे यानी हर सप्ताह दो घंटे श्रम। 10. प्रदूषण से पीड़ित लगते गाँव-शहर बेजान, स्वच्छता से होगी अब गाँव-शहर की पहचान। 11. गाँव-शहरों में लग गए साफ-सफाई के काम, स्वच्छता के लिए होगा नगर का रोशन नाम। 12. गंदगी न फैलाओ बताओ सबको साफ-सफाई के गुण, साफ-सफाई करते रहो नहीं तो हो जाओगे रोने को मजबूर। 13. रखे स्वच्छता यही स्वस्थ्यता का आधार है, सुंदर गाँव-शहर बनने के यही तो आसार है। 14. कचरों से भरा हो यदि रास्ता हमारा, सफाई से सुंदर बनेगा नगर न्यारा। 15. स्वच्छता सुंदरता के लिए साफ-सफाई करते रहो, नगर हो प्रदुषण से मुक्त कुछ ऐसा काम करते रहो। 16. साफ-सफाई के लिए हुआ ये कैसा अजब कमाल, स्वच्छता के लिए हटाया सबने प्रदूषण का जाल। 17. आओ मिल जुलकर स्वच्छता अभियान के गीत गाए, स्वच्छता अभियान हो सफल मिलकर खुशिया मनाए। 18. आइये साफ-सफाई करके दिखाए, नगर को स्वच्छ और सुंदर बनाए। 19. स्वच्छता होगी तभी तो कुछ बात होगी, स्वच्छ नगरों में यही गिनती खास होगी। 20. कचरा गाँव-शहर फैलाने से मच्छर सुनाएँगे राग, बीमारियाँ पनपेंगी, लग जायेगा प्रदूषण का दाग। 21. स्वच्छता अभियान से जागरूकता लाए, साफ-सफाई करने में मिलकर हाथ बटाए। 22. सफाई करने से नगर में उजियारा छाया, कचरे से मुक्त नगर सबके मन को भाया।

उपसंहार : देश में स्वच्छता रखना केवल सरकार का ही नहीं अपितु सभी का कर्तव्य होता है। देशवासियों को मिलकर स्वच्छता के प्रति अपने कर्तव्य को निभाना चाहिए। समाज के सभी सदस्यों को आस-पास की सफाई में अपना योगदान देना चाहिए। नदियों, तालाबों, झीलों और झरनों के पानी में गंदगी को जाने से रोकने के लिए सभी को अपना योगदान देना चाहिए।

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Hindi Essay on “Jeevan me Swachata ka Mahatva” , ”जीवन में स्वच्छता का महत्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

जीवन में स्वच्छता का महत्व

Jeevan me Swachata ka Mahatva

एक कहावत है ‘कुत्ता भी जब बैठता है तो पूंछ झाडक़र बैठता है।’ इसका अर्थ यह है कि जब कुत्ता किसी स्थान पर बैठता है तब सबसे पहले उसे पूंछ से साफ कर लेता है, अर्थात कुत्ता भी स्वच्छताप्रिय होता है। फिर मनुष्य को तो सफाई का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। वास्तव में, स्वच्छता जीवन में अत्यंत आवश्यक है। प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि वह सदैव स्वच्छता से रहे। अंग्रेजी में एक कहावत है ‘सत्य के बाद स्वच्छता का स्थान है।’

सफाई दो प्रकार की होती है। बाह्य और आंतरिक। बाह्य सफाई से प्रयोजन शरीर, वस्त्र, निवास आदि की स्वच्छता से  है। आंतरिक स्वच्छता से तात्पर्य मन और हदय की स्वच्छता से है।

इन दोनों में श्रेष्ठतर ‘आंतरिक’ स्वच्छता है।  इसमें आचरण की शुद्धता जरूरी है। शुद्ध आचरण से मनुष्य का चेहरा तेजोमय होता है। सब लोग उसको आदर की दृष्टि से देखते हैं। उसके समक्ष प्रत्येक व्यक्ति स्वंय ही अपना मस्तक झुका लेता है। उसके प्रति लोगों में अत्यंत श्रद्धा होती है। बाह्य स्वच्छता में बालों की सफाई, नाखूनों की सफाई, कपड़ों की सफाई इत्यादि शामिल है। इसकी अवहेलना करके मनुष्य स्वच्छ नहीं रह सकता। इसकी उपेक्षा करने से बड़े दुष्परिणाम नजर आते हैं। मनुश्य रोगग्रस्त होकर नाना प्रकार के दुखों से पीडि़त रहता है। वह मनुष्य क्या कभी स्वस्थ रह सकता है, जो सर्वदा स्वच्छ जलवायु से वंचित रहता है? अत: यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य-रखा के लिए स्वच्छता अविार्य है। यह प्राय: सभी लोगों का अनुभव है कि जो मनुष्य गंदे रहते हैं, वे दुर्बल और रुज्ण होते हैं। जो मनुष्य स्वच्छ रहते हैं, वे हष्ट-पुष्ट और निरोग रहते हैं।

स्वास्थ्य के अतिरिक्त बाह्य सफाई से चित्त को प्रसन्नता भी मिलती है। जब कोई मनुष्य गंदे वस्त्र पहने रहता है तब उसका मन मलिन बना रहता है और उसमें आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है, परंतु यदि वही मनुष्य स्वच्छ वस्त्र धारण कर लेता है तो उसमें एक प्रकार की स्फूर्ति और प्रसन्नता का संचरण हो जाता है। आपको यदि ऐसे स्थान पर छोड़ दिया जाए, जहां कूड़ा-करकट फैला हो, जहां मल-मूत्र पड़ा हो तो क्या आपका चित्त वहां प्रसन्न रहेगा? नहीं। क्यों? इसलिए कि आपको वहां दुख होगा, घृणा लगेगी।

बाह्य स्वच्छता से सौंदर्य में भी वृद्धि होती है। एक स्त्री जो फटे, मैले-कुचैले वस्त्र धारण किए हुए है, उसकी ओर कोई देखता तक नहीं। परंतु यदि वही स्त्री स्वच्छ वस्त्र धारण कर लेती है तो सुंदर दिखाई देने लगती है। धूल-धूसरित बनने की अपेक्षा स्वच्छ बालक सुंदर तथा प्रिय लगते हैं।

मनुष्य मात्र में स्वच्छता का विचार उ पन्न करने के लिए शिक्षा का प्रचार करना अनिवार्य है। शिक्ष्ज्ञा पाने से व्यक्ति स्वत: स्वच्छता की ओर प्रवृत हो जाता है। ध्यान रहे, बाह्य स्वच्छता का प्रभाव आतंरिक स्वच्छता पर भी पड़ता है। इसके अतिरिक्त आतंरिक स्वच्छता सत्संगति से मिलतीहै। सचमुच यह दुर्भाज्य ही है कि हममें से अधिकांश व्यक्ति स्वच्छता पर ध्यान नहीं दे पाते। स्वच्छता उत्तम स्वास्थ्य का मूल है।

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easy essay on swachata ka mahatva

commentscomments

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Keep it up ! Nice essay:)

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BRO IT WAS A NICE ESSAY …….THANKS…… 👍👍😘

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Ramsipur post Kashipur varanasi

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Hindi Essay on “Swatantrata ka Mahatva”, “स्वतंत्रता का महत्त्व”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

स्वतंत्रता का महत्त्व

Swatantrata ka Mahatva 

निबंध नंबर :- 01

पराधीन व्यक्ति कभी सपने में भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता। यदि पराधीनता सबसे बड़ा दुख है तो स्वतंत्रता | सबसे बड़ा सख। हितोपदेश में तो यहाँ तक कहा गया है कि यदि परतंत्र व्यक्ति जीवित है, तो फिर मत कौन है। कहने का भाव यह है कि परतंत्र व्यक्ति मरे हुए व्यक्ति के समान है। स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। मनुष्य को छोड पश भी स्वतंत्र रहना चाहता है। स्वतंत्र देश ही उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है, क्योंकि उसे सोचने, बोलने तथा हर प्रकार के कार्य करने की स्वतंत्रता होती है,  लेकिन भारत का यह दुर्भाग्य रहा है कि उसने 200 साल तक पराधीनता का दुख भोगा। इसलिए पराधीन देश की औद्योगिक, वैज्ञानिक, वैचारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति रुक गयी। पराधीन व्यक्ति स्वयं निर्णय नहीं ले पाता। उसका सर्वांगीण विकास रुक जाता है। पराधीन व्यक्ति अकर्मण्य हो। जाता है, क्योंकि उसमें आत्मविश्वास खत्म हो जाता है तथा मनुष्य की सृजनात्मक क्षमता भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। वियोगी हरि ने भी पराधीनता को सबसे अधिक दुखमय माना है

पराधीन जे जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेत। पराधीन जे जन, नहीं स्वर्ग-नरक ता हेत।।

निबंध नंबर :- 02

स्वतंत्रता का महत्व

Swatantra ka Mahatva 

स्वतंत्रता का महत्व तो वही व्यक्ति जान सकता है, जो गुलाम हो या कैद में हो। जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था और हम गुलाम थे तब हमें हर काम के लिए अंग्रेजों की अनुमति लेनी पड़ती थी। हम मर्जी से आजादी से नहीं जी सकते थे। वो गुलामी का ही दौर अंग्रेजों ने अफ्रीका में गाँधीजी को ट्रेन के फर्स्ट क्लास के डिब्बे से दिया था। अंग्रेज़ अपने समक्ष भारतीयों को तुच्छ समझते थे। वे भारती को हमेशा ‘काला आदमी’ (ब्लैक मैन) कहते थे।

गलामी के समय में प्रत्येक भारतीय ने इतना अपमान और पीटा है. जिसे शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता। अंग्रेज़ बात-बात पर भारतीय पर कोडे बरसाते थे, उन्हें कारागार में डाल देते थे, काला पानी (अण्डमान-निकोबार) भेज देते थे और सरेआम पेड़ से लटकाकर फाँसी पर लटका देते थे। अंग्रेजों के सामने कोई भी अपना मुँह नहीं खोल सकता था, क्योंकि भारतीय के मुँह खोलते ही अंग्रेज़ क्रोध से लाल-पीले हो जाते थे और घटनास्थल पर ही सज़ा दे देते थे।

जलियाँवाला काण्ड अंग्रेजों की क्रूरता का ही एक परिणाम था। तब भारतीयों को स्वतंत्रता के महत्व का अहसास हुआ। उसके बाद उन्होंने अंग्रेज़ों की दासतां से स्वतंत्र होने के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया और वे स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। स्वतंत्रता के महत्व को अनुभव करने के बाद भारत का बच्चा-बच्चा अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा हो गया। अनपढ़ से लेकर सुशिक्षित-सभी स्वतंत्र होने के लिए एकजुट हो गए। फिर तमाम सत्याग्रह और आंदोलन चलाए गए। हजारों-लाखों बच्चे-बूढ़ और युवाओं को जेल जाना पडे और अंग्रेजों की लाठियाँ खानी पड़ा। लाला लाजपतराय अंग्रेजों के लाठी प्रहार से ही शहीद हुए थे।

अंग्रेजों से स्वतंत्र होने के लिए ही भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद और सुखदेव हँसते-हँसते फाँसी पर चढ गए थे। भारत की आजादा का ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत छोडकर जर्मन जाना पड़ा था। वहाँ वे ‘आजाद हिन्द’ फौज बनाकर अंग्रेजों के विरुद्ध लड़े थे।

जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गाँधी, सरदार पटेल आदि अनेकों देशभक्त कछ त्यागकर भारत को स्वतंत्र कराने में जुट गये थे। तब जाकर अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और हमें आजादी मिली।

निष्कर्षतः अब हमें स्वतंत्रता का महत्व समझना होगा और इस आजादी को कायम रखने के लिए हमें देशभक्ति से. परी ईमानदारी से म के विकास के लिए कार्य करने होंगे। देश से छुआछूत और दिवादियों को मिटाना होगा तथा अपने देश (भारत) के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने के लिए हर वक्त तैयार रहना होगा तभी हम देश की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रख सकेंगे।

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स्वच्छता का महत्व निबंध Swachata ka mahatva essay in hindi

Swachata ka mahatva essay in hindi.

hindi essay on safai ka mahatva-हम सभी को हमारे घर की साफ सफाई का विशेष कर ध्यान रखना चाहिए क्योंकि जब घर की सफाई होगी तभी हमारे देश में साफ सफाई होगी क्योंकि अगर हर व्यक्ति घर की साफ सफाई का ध्यान रखेगा तो हमारा देश स्वच्छ होगा। हमें विशेष रूप से घर की साफ सफाई का ख्याल रखना चाहिए क्योंकि सफाई का हमारे जीवन में काफी महत्व है।

घर में साफ सफाई रखने से हम बीमार नहीं पड़ते. कई बार ऐसा होता है कि हम यदि साफ सफाई नहीं रखते तो मच्छर, मक्खी हमारे घर में जगह बना लेते हैं और हम बीमार हो जाते हैं। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि हमारा काफी पैसा भी नुकसान होता है और समय भी नष्ट होता है। कई बार हम ऐसी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं कि महीने तक बिस्तर में ही डले रहते हैं इसलिए हमें साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

Swachata ka mahatva essay in hindi

हमें चाहिए कि हम धुले हुए वस्त्र पहने क्योंकि धुले हुए वस्त्र पहनने से हम हमेशा तरोताजा महसूस करते हैं साथ में हम कई बीमारियों से बच पाते हैं हमें रोज धुले हुए कपड़े पहनना चाहिए। हमें चाहिए कि हम घर में नियमित रूप से श्याम को झाड़ू लगाएं जिससे घर में साफ-सफाई बनी रहे घर में साफ-सफाई रहेगी तो घर में मच्छर, मक्खी नहीं होंगी और हमारा किसी कार्य में या पढ़ाई में मन भी लगेगा। घर में साफ सफाई रखने से कई सारे लाभ हैं।

बच्चों को हमें सिखाना चाहिए कि वह कचरा या कोई भी वस्तु इधर उधर ना फेंके कचरे को कूड़ेदान में ही फेंके जिससे अपने घर को स्वच्छ रख पाएं या स्वच्छ रखने में मदद करें। घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए यदि कोई मेहमान हमारे घर पर आता है तो साफ सफाई देखकर बहुत ही खुश होता है अगर साफ सफाई घर में नहीं होती तो उसे अच्छा महसूस नहीं होता। यदि हम सफाई का ध्यान रखते हैं तो वास्तव में हमारे जीवन में हमें कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।

हमें हमारे शरीर की भी साफ-सफाई का विशेष कर ध्यान रखना चाहिए हमें रोज सुबह नहाना चाहिए और कुछ भी ऐसा नहीं खाना चाहिए जिससे खाकर हमें इधर-उधर थुकना पड़े। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो घर में इधर-उधर थूकते रहते हैं जिससे देखने वालों का भी आपके प्रति नजरिया सही नहीं होता साथ में आपके परिवार वालों को भी बहुत बुरा लगता है यदि आप अपने शरीर का सही तरह से ख्याल नहीं रखते शरीर की सफाई नहीं रखते तो आपको कई तरह की बीमारी भी हो जाती हैं इसलिए आपको शरीर की सफाई रखने पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।

आपको चाहिए कि आप साफ सफाई से ही भोजन बनाए जिन बर्तनों में हम भोजन बनाएं वह साफ सुथरे हो अगर आप धुले हुए बर्तनों में भोजन नहीं बनाते तो यह आपके लिए बहुत ही घातक साबित हो सकता है आप कई तरह की बीमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं अगर हम घर की साफ सफाई का ध्यान रखेंगे तो वातावरण भी स्वच्छ होगा और हम जीवन में सही तरह से अपने जीवन को बेहतर कर सकते हैं।

हमें अपने घर में तो साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए साथ में घर के बाहर भी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए साफ-सफाई अगर हम घर के बाहर रखते हैं तो वातावरण एकदम स्वच्छ रहता है हम कई तरह की बीमारियों की चपेट में आने से बच सकते हैं। मान लेते हैं आप कहीं पर जाते हो और आप किसी कुर्सी पर बैठ जाते हो जब आप कुर्सी के नीचे देखते हो तो वहां पर कचरा डाला होता है आपको बहुत बुरा लगता है लेकिन यदि आप इस तरह से कचरा फैलाते हो तो जरूर ही किसी दूसरे को बुरा लगेगा इसलिए साफ सफाई का हमें विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए।

हमारे जीवन में वास्तव में साफ-सफाई का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है साफ-सफाई रखने से हम सुंदर भी दिखते हैं जिससे हमारे दोस्त रिश्तेदार हमारे साथ रहना पसंद करते हैं अगर हम हमारे घर की साफ-सफाई रखते हैं तो रिश्तेदार हमारे घर पर आना पसंद करते हैं वह हमारी और हमारे घर की तारीफ करते हैं जिससे हमें बहुत ही अच्छा लगता है। अगर हम धुले हुए कपड़े पहनते हैं तो कोई भी सज्जन व्यक्ति या कोई भी हमारा दोस्त रिश्तेदार हमारे करीब आना पसंद करता है अगर हम गंदे कपड़े पहनते हैं तो कोई भी हमारे साथ रहना पसंद नहीं करता इसलिए हमें साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

अगर हम किसी जगह, किसी होटल या रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं और हम वहां पर मक्खियां उड़ते हुए देखते हैं वहां पर देखते हैं कि वहां पर साफ-सफाई नहीं है तो हमें बहुत ही बुरा लगता है हम वहां पर भोजन करना पसंद नहीं करते इसलिए हमें भी अपने घरों, दुकानों या ऑफिसों की साफ-सफाई विशेष रूप से रखना चाहिए, इधर-उधर गंदगी नहीं फैलाना चाहिए और कचरे को हमेशा कूड़ेदान में डालना चाहिए क्योंकि इससे हमारा वातावरण भी स्वच्छ रहता है, मक्खियां भी नहीं आती और हम कई बीमारियों से भी बच पाते हैं और जीवन में एक स्वच्छ जिंदगी जीते हुए निरंतर तरक्की करते जाते हैं वास्तव में हमारे जीवन में सफाई का बहुत ही महत्व है।

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Essay on cleanliness in hindi स्वच्छता पर निबंध.

Check out Essay on Cleanliness in Hindi or Essay on Sanitation in Hindi. What should we do to make India Clean? Today we are going to write an essay on cleanliness in Hindi and from this essay, you can take useful examples to write an essay on cleanliness in Hindi (Swachata ka Mahatva Essay in Hindi Language) स्वच्छता पर निबंध (Essay on Swachata ka Mahatva in Hindi) in a better way. Essay on Cleanliness in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

Essay on Cleanliness in Hindi

hindiinhindi Essay on Cleanliness in Hindi

Essay on Cleanliness in Hindi 300 Words

स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है क्योकि यह एक क्रिया है जिससे हमारा शरीर, दिमाग, कपड़े, घर, आसपास और कार्यक्षेत्र साफ और शुद्ध रहते है। अपने आस-पास स्वच्छता रखना खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वच्छ रखना है, जो हमे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है। हमे हर समय खुद को शुद्ध, स्वच्छ और अच्छे कपडे पहन कर रखने चाहिए क्योकि यह समाज में आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है। साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है। अपनी खुद की स्वच्छता से मनुष्य का स्वास्थ्य ढीक रहता है जिससे उसकी आयु बीमार लोगो के मुकाबले ओर बढ़ती है। इसी लिए हम सब को हमारी धरती के जीवन को संभव बनाने के लिये इसके पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को शुद्ध बनाये रखना चाहिए।

स्वच्छता के कारण ही हम मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक तरह से स्वस्थ रहते है। अपने भी अपने घर में यह देखा होगा कि पूजा करने से पहले माता-पिता स्वच्छता को लेकर बहुत सख्त होते है। माता-पिता स्वच्छता को हमारी आदत बनाना चाहते है किन्तु उनका तरीका गलत है क्योकि वो हमे स्वच्छता के उद्देश्य और फायदे तो बताते ही नहीं। हर अभिवावक को तार्किक रुप से स्वच्छता के फायदे जरूर बताने चाहिए ताकि सब स्वच्छता कि एहमियत को समझ सके। हमे रोज अपने नहाना चाहिए, नाखुनों को काटना चाहिए साफ और इस्त्री किये हुए कपड़े ही पहनने चाहिए। हमे खाना खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोने चाहिए। हमे बहार के ज्यादा मसालेदार खाने से बचना चाहिए।

हमे स्वस्थ जीवन शैली और जीवन के स्तर को बनाए रखने के लिए अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिए। हम अपने आस-पास के वातावरण को शुद्ध रखकर ही बहुत बीमारियों से बच सकते है। गंदगी से कई तरह के कीटाणु, बैक्टेरिया वाइरस तथा फंगस आदि पैदा होते है, जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते है और बीमार हो जाते है। हमे अपने माता-पिता से सीखना चाहिए कि कैसे हम अपने घर और आस-पास के वातावरण को कैसे ओर शुद्ध बना सकते है।

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स्वच्छता अभियान पर निबंध जिनसे रखे आप अपना परिवेश स्वच्छ

Swachata abhiyan essay in hindi, स्वच्छता अभियान निबन्ध.

आज हम इस पोस्ट के जरिये स्वच्छता अभियान पर निबन्ध बताने जा रहे है, जिनके जरिये लोगो को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा सकता है, जैसा की हम सभी जानते है की  हम सभी के जीवन में स्वच्छता का इतना अधिक महत्व है की अगर हम स्वच्छ और सुन्दर माहौल में न रहे तो हमे गंदगी से अनेक प्रकार के बीमारियों और परेशानियों से सामना करना पड़ता है जिसके लिए खुद हम कही न कही जिम्मेदार होते है,

हम सभी यही सोचते है की हमारा घर साफ़ सुथरा हो जिसके लिए हम अपने घर और घर के बाहर तो अच्छे से साफ़ सफाई तो कर लेते है लेकिन साफ़ सफाई से निकलने वाले कूड़े और कचड़े को इधर उधर फेक देते है जिसके कारण हमारे द्वारा फेके गये इधर उधर कूड़े करकट के द्वारा अन्य जगहों पर गंदगी गंदगी फैलती है जिसके कारण वहां का वताराव्र्ण दूषित हो जाता है.  तो चलिए अब स्वच्छता अभियान पर निबन्ध को जानते है.

स्वच्छता अभियान निबन्ध | भारत को स्वच्छ कैसे रखे | स्वच्छता अभियान के लाभ

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अक्सर लोगो को ये कहते हुए जाना जाता है की बहुत से देश बहुत साफ़ और सुन्दर है हमारे यहाँ ऐसा कुछ भी नही है तो क्या हमने इसके बारे में सोचा की भला कोई देश की इतना साफ़ सुथरा कैसे है शायद हम इसपर कभी विचार नही किये हो,  लेकिन अगर देखा जाय तो हम इंसानों के लिए हमारा पूरी धरती ही हमारा घर है तो क्या हम अपने घर को साफ़ सुथरा नही रख सकते क्या ??  तो इसका जवाब बहुत ही सीधा सा है अगर हम अपने घर को साफ़ सुथरा रख सकते है तो यदि हमारे दिमाग में अपने इस पृथ्वी को अपना घर माने तो फिर इसकी साफ़ सफाई रखेगे और फिर कही गंदगी नही फैलायेगे.

Table of Contents :-

तो आईये जानते है  कुछ अच्छी आदते जिनसे हम अपने घर और अपने आस पास के वातावरण को साफ़ सुथरा रख सकते है और स्वच्छता अभियान में अपना योगदान दे सकते है और आने वाली पीढ़ी को एक स्वच्छ वातावरण और स्वच्छ माहौल दे सके.

स्वछता कैसे रखे

Swachhta  kaise rakhe.

हम सभी को साफ सफाई बहुत पसंद होती है लेकिन जाने अनजाने में अपने घर को छोड़कर अन्य जगहों पर युही गंदगी फैला देते है जिसका अंदाजा हमे नही होता है और ना ही हमे इस बात का अहसास होता है की हम जो कुछ भी ऐसा कर रहे है क्या यह सही है या क्या हमे अपने घर को छोड़कर अन्य जगहों पर गंदगी फ़ैलाने का अधिकार मिला है शायद नही.

जिस प्रकार यदि हम किसी स्थान को साफ़ सुथरा नही रख सकते तो हमे गंदा भी करने का कोई अधिकार नही है तो आईये जानते है हम सभी यदि थोडा थोडा ही सही साफ सफाई में ध्यान दे तो निश्चित ही अपना भी देश स्वच्छ और सुंदर बन सकता है बस इसके लिए हमे थोड़े से जागरूकता की जरूरत पड़ती है.

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स्वच्छता के लिए क्या करे

Swachhta ke liye kya kare.

अगर हम सभी साफ सफाई पसंद करते है तो अपने इस धरती को स्वच्छ बनाने के लिए इन जरुरी बातो का ख्याल जरुर रखना चाहिये.

सभी जगहों को अपने घर जैसा मानना –

जब भी हम सब कही जाने अनजाने में गंदगी या कचरा फैलाते है तो हमारे दिमाग में ये बात भरी होती है की ये तो मेरा घर नही है इसलिए हम पूरे आज़ादी के साथ कोई भी कचरा जहा तहां फेक देते है जो की बहुत ही गलत है यदि हम पूरी दुनिया में जहा भी कही आते जाते हो उस स्थान को अपना घर माने तो निश्चित ही हम अपने घर को चाहकर गंदा नही करेगे यानी हमारे दिमाग के मानने की वजह से हम कही भी गंदगी युही फैला देते है इसलिए सबसे पहले अपनी सोच बदलनी चाहिए ये दुनिया फिर खुद स्वच्छ हो जाएगी.

प्रदूषण की समस्या पर निबंध Hindi Essay On Pollution

जागरूकता अभियान | Awareness Mission –

किसी भी कार्य को राष्ट्र स्तर पर पूरा करने के लिए सभी भागीदारी अहम होती है इसलिए हम सभी को यदि घर गाव देश को स्वच्छ और सुन्दर बनाना है तो सबसे पहले सभी लोगो को इसके प्रति जागरूक होना अति आवश्यक है क्यू की बिना सब लोगो के भागीदारी से किसी एक के चाहने से कुछ नही होता इसलिए हमे यदि अपने देश को स्वच्छ बनाना है तो हम सभी को स्वच्छता के प्रति जागरूक होना अति आवश्यक है.

सार्वजिनक स्थानों को अपना माने | Public Place Cleanliness –

अक्सर देखा जाता है की हम कही सार्वजानिक जैसे रेलवे स्टेशन, बस अड्डा या स्थानों पर जाते है तो हम पूरे आज़ादी के साथ वहां पर यदि कुछ खाने पीने की चीजे खरीदते है तो उसके निकलने वाली प्लास्टिक पैकेट या अन्य कचड़े इधर उधर फेक देते है जो की ऐसा हम भी कर चुके हो या करते आ रहे हो जिसका अहसास हमे तनिक भी नही होता है की हमने कुछ गलत किया है लेकिन हम फिर स्वछता के प्रति एक गैर जिम्मेदार नागरिक बन गये होते है तो जरा सोचिये यदि हम खुद गंदगी फैला रहे हो तो भला अपने देश से सफाई की क्या उम्मीद कर सकते है इसलिए किसी भी देश को स्वच्छ बनाने में प्रत्येक नागरिक का हाथ होता है.

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बच्चो में स्वछता के प्रति जागरूकता | Child Clean Awareness –

किसी बी राष्ट्र निर्माण में बच्चो का ही योगदान होता है क्यू की यदि किसी देश के बच्चे जागरूक होंगे तो निश्चित ही यही बच्चे आगे चलकर अपने देश को स्वच्छ और सुन्दर बना सकते है जैसा की कहा भी गया है किसी भी देश की ताकत उस देश युवा शक्ति होती है इसलिए सभी बच्चो को स्वच्छता के प्रति शुरू से ही जागरूक करना चाहिए.

स्वच्छता के लिए क्या न करे | Swachhta ke Liye Kya Na Kare –

यदि हमे देश दुनिया को स्वच्छ बनाना है तो हमे इन बातो को भूलकर भी नही करना चाहिए, 

कभी भी जब हम अपने घर की साफ़ सफई करते है तो निकलने वाले कूड़े कचड़े को निश्चित जगह पर फेकना चाहिए.

कभी भी हमे अपने कूड़े करकट घर की छतो या बरामदो से बाहर ऐसे ही फेकना चाहिए क्यू की ऐसे तो हम अपना घर साफ़ तो कर लेते है लेकिन हमारे फेके गये कचड़े से हमारे गली मुह्ह्ले तो गंदा हो सकते है.

घर से निकलने वाली नालियों को ढककर रखना चाहिए क्यूकी इन नालियों से भी गंदे कीड़े और अनेक प्रकार के मच्छर पैदा हो जाते है जो कही न कही अनेक प्रकार के बीमारियों को जन्म देते है.

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सार्वजनिक स्थानों पर कचड़े इधर उधर न फेककर कूड़ेदान का ही उपयोग करना चाहिए.

घर से निकलने वालो कचड़ो को या तो नष्ट कर देना चाहिए या उन्हें ऐसे जगह ही फेके जहा पर इन्सान न रहते हो और हो सके तो उन्हें जला देना चाहिए.

अक्सर जब कोई भी सार्वजनकि प्रोग्राम और शादी विवाह के अवसर पर खूब खान पान चलता है तो अक्सर रात में खूब भोजन करते है लेकिन फिर निकलने वाले जुट्ठे दोना पत्तल यु ही फेक दिए जाते है जो की सही से साफ़ सफाई न होने से ये कचड़े यु ही सडको के किनारे जमा हो जाते है जिसके कारण अनेक गम्भीर बिमारिया जन्म लेती है जिसके लिए हम खुद जिम्मेदार होते है तो हमे ऐसा कदापि नही करना चाहिए.

स्वच्छता का महत्व

Swachhta ka mahatva | benefit of cleanliness in hindi.

जिस प्रकार हम अपने शरीर और घर की साफ सफाई खूब करते है ठीक उसी प्रकार हमे इस धरती को साफ़ सुथरा रखना बहुत आवश्यक होता है क्यूकी जहा पर साफ सफाई नही होती है देखा जाय तो अक्सर वहां ही अनेक प्रकार के बीमारिया का जन्म होता है जो की इसके लिए हम खुद जिम्मेदार होते है इसलिए हमे स्वच्छता का महत्व समझते हुए कही भी गंदगी न फैलाना चाहिए.

स्वछता अभियान का महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने पूरे देश में 2 अक्टूबर 2014 स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत किया जिसका मकसद भारत देश में स्वच्छ भारत अभियान चलाकर भारत को 2019 तक स्वच्छ भारत का निर्माण करना है.

और यदि इस अभियान में हर नागरिक का योगदान होता है तो निश्चित ही भारत सरकार का अभियान होगा.

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तो आईये हम सभी मिलकर अपने देश और दनिया को स्वच्छ बनाये और सारी  बीमारयो को दूर भगाए

तो आप सभी को यह स्वच्छता पर निबन्ध कैसा लगा, कमेंट में जरुर बताये और इस पोस्ट को जरुर शेयर करे.

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स्वच्छता के महत्व पर निबंध

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स्वच्छता का तात्पर्य है , अपने घर , पर्यावरण और आस पास में साफ़ सफाई रखना।  खुद को शारीरिक तौर पर साफ़ रखना। स्वच्छता जिंदगी में बहुत आवश्यक है।  साफ़ सफाई सिर्फ नहाने और हाथ -धोने से नहीं होता  है बल्कि  आस पड़ोस से लेकर , मोहल्ले और शहर को साफ़ सुथरा रखना भी होता है।  कचरा और कूड़ा कूड़ेदान में फेंकना ज़रूरी होता है। अगर मनुष्य स्वच्छता का हर रोज़ और हर समय पालन करता है , तो वह विभिन्न प्रकार  के बीमारियों से दूर रहता है। अच्छे स्वास्थ्य को बरक़रार रखने के लिए साफ़ सफाई बहुत ज़रूरी है। हर परिवार के प्रत्येक सदस्य को स्वच्छता के विषय में जागरूक करना अनिवार्य है। सबसे पहले बच्चो को स्वच्छता के बारें में समझाना होगा। वायु,  मिटटी , जल प्रदूषण को सिर्फ मनुष्य नियंत्रित कर सकता है।  यह मनुष्य द्वारा उत्पन्न की गयी समस्याएं है।

हर मनुष्य को स्वच्छता के राह पर चलना चाहिए अर्थात अपनी सफाई खुद करनी चाहिए।  सिर्फ घर की सफाई नहीं बल्कि अपने आस पड़ोस में गन्दगी ना हो , यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है। भारत विविधताओं का देश है।  यहाँ विभिन्न धर्म के लोग और धर्म अनुयायी  निवास करते है।  हर धर्म में साफ़ सफाई का महत्व समझाया गया है। इसलिए प्रातःकाल ही धार्मिक स्थलों की सफाई की जाती है।

बहुत सारे धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों को लोग गन्दा कर देते है।  कुछ शिक्षित लोग भी ऐसा करते हुए पाए गए है। यह एक बहुत बड़ी समस्या है। सुबह सुबह लोग नहाना नहीं भूलते है , तो ऐसा स्थलों को गन्दा करना दुखद बात है।  हर देशवासी का कर्त्तव्य है कि वह गाँव , जिलों और शहरों को साफ़ रखे  तभी पूरा देश स्वच्छ रहेगा। हर देशवासी को साफ़ सफाई की अहमियत समझनी चाहिए।  बाहर से आये हुए पर्यटकों को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

हमे हमेशा अपने घर और बगीचे को साफ़ सुथरा रखने की ज़रूरत है।  जब मेहमान आएंगे तब उन्हें भी ख़ुशी होगी और दूसरो पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।  घर की स्वच्छता से बच्चो को भी सीख मिलेगी कि वह अपने आस पास के स्थानों को साफ़ रखे। बच्चे अपने बड़ो से सीखते है।  स्वच्छता रखने से मनुष्य का मन और मस्तिष्क  खुश रहता है और हर कार्य में मन लगता है। स्वच्छता सिर्फ तन से ही नहीं बल्कि मन से भी जुड़ी होती  है। स्वच्छता से मनुष्य एक सभ्य और रोगमुक्त समाज का निर्माण कर सकता है। प्रदूषण को रोकना भी अनिवार्य है।  वायु और पर्यावरण हर दिन अस्वच्छ हो रहा है। इसका ध्यान भी रखने की ज़रूरत है।

मुंबई और कई जगहों के समुद्री तटों को वहां पर आने वाले लोग गन्दा कर देते है।  गन्दगी से पानी भी प्रदूषित होता है। यह सरासर गलत है।  लोगो को कूड़ा , कचरा , प्लास्टिक के बोतलों को सही जगह यानी कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।  अगर प्रत्येक इंसान सचेत हो जाए तो एक स्वच्छ समाज का निर्माण मुश्किल नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी स्वच्छता के महत्व को ध्यान में रखकर स्वच्छता अभियान लागू किया था।  जिससे लोगो में जागरूकता फैली और कई लोग स्वेच्छा यानी खुद से इस अभियान के साथ जुड़े है । सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती है।  इसका मतलब है कि हम सभी को एक साथ मिलकर यह कार्य करना होगा। मनुष्य जब अपने घर पर साफ़ सफाई रखते है तो संक्रामक कीटाणु और कीड़े मकोड़े घर पर नहीं आते है। बच्चो को विद्यालय में साफ़ सफाई के बारे में सिखाया और पढ़ाया जाता है। अन्य शिक्षा  संस्थानों जैसे कॉलेज और विश्वविद्यालय में विद्यार्थी स्वच्छता से संबंधित कई  प्रकार के कार्यक्रम करते है , ताकि लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हो।

प्रत्येक दिन लोगो को कपड़े धोकर पहनने चाहिए।  इससे बीमारियां नहीं होती है और हम कीटाणु मुक्त रहते है।  घर के फर्श को हर रोज़  हमे डिसइन्फेक्टेंट से धोना चाहिए। तभी साफ़ सफाई रहती है।

देश में स्वच्छता अभियान का आरम्भ राष्ट्र पिता गांधी जी ने किया था।  इसे आगे चलकर नरेंद्र मोदी जी ने सफल बनाया। जितनी अधिक साफ़ सफाई होगी  उतना जल प्रदूषण कम होगा।  लोग नदियों और अन्य जलाशयों को बिना सोचे समझे गन्दा कर देते है।  नदियों में नहाना , कपड़े धोना और पशुओं को नहलाना , इन पर रोक लगनी चाहिए।  नदियों का जल पीने योग्य और शुद्ध होता है। अगर मनुष्य बिना सोचे समझे पर्यावरण और संस्धानों को   गन्दा करते  है तो आगे चलकर आने वाली पीढ़ी को कुछ भी नसीब नहीं होगा। नदियों का संरक्षण और उसे साफ़ रखना इंसानो का कर्त्तव्य है।

स्वच्छता का हमारे जिन्दगी में अहमियत है। हमे हर सुबह वक़्त पर नहाना चाहिए। अगर व्यक्ति अपने घर पर साफ़ सफाई ना रखे और समय समय पर हाथ ना धोये तो वे  बीमार हो सकते है। जब घर पर साफ़ सफाई नहीं  होगी तो घर पर मक्खी मच्छर होंगे जो आपके भोजन पर आकर बैठेंगे , जिससे आपकी सेहत  ख़राब होगी। इन चीज़ो पर विशेष ध्यान देना चाहिए और बीमारी मुक्त रहना चाहिए।

अक्सर रास्तो पर लोग यहाँ वहां थूकते हुए पाए जाते है।  कभी च्युइंग गम , कभी पान खाते हुए सड़को पर थूकते है।  इससे स्थान और वातावरण गन्दा होता है।  इस प्रकार के अनुचित कार्यो से मनचलो को प्रोत्साहन मिलता है।  सरकार को इन सब के विरुद्ध कड़े नियम लागू करने चाहिए जिससे कि  इस प्रकार के अप्रिय कार्यो पर रोक  लगाई जा सके। सड़क हो , या सार्वजनिक जगह या घर , लोगो को सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सभी लोगो को एकजुट होकर साफ़ सफाई अपने आस पड़ोस और हर जगह में रखनी चाहिए। जल स्रोतों को स्वच्छ रखना मनुष्य का दायित्व है। सरकार अपनी तरफ से सारे प्रयत्न कर रही है।  सभी जनता को स्वच्छता अभियान में दिल से सहयोग देना चाहिए। जनता को अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत रहना चाहिए।

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स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

easy essay on swachata ka mahatva

By विकास सिंह

SWACHH BHARAT ABHIYAN

विषय-सूचि

स्वच्छ भारत अभियान निबंध, SWACHH BHARAT ABHIYAN ESSAY 1 in hindi (100 शब्द)

स्वच्छ भारत अभियान जिसे क्लीन इंडिया मिशन या स्वच्छ भारत कैंपेन भी कहा जाता है इसे भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 145वीं जन्मतिथि 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू किया गया था एवं इसके तहत देशवासियों ने भारत को अगले चार सालों में यानी 2 अक्टूबर, 2019 तक जोकि गाँधीजी की 150वीं जन्मतिथि है, भारत को एक पूर्ण स्वच्छ देश बनाने का निश्चय किया है।

इस अभियान के तहत सरकार द्वारा पिछड़े इलाकों में घरों में शौचालय बनवाये जायेंगे तथा ग्रामीण इलाकों में सफाई अभियान चलाकर उन्हें साफ़ एवं स्वच्छ बनाने के प्रयास किये जायेंगे। इस अभियान को भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2014 में गाँधी जी की 145वीं जन्मतिथि पर राजघाट, नई दिल्ली से शुरू किया गया था।

easy essay on swachata ka mahatva

स्वच्छ भारत अभियान, SWACHH BHARAT ABHIYAN ESSAY 2 (150 शब्द)

स्वच्छ भारत अभियान जिसे क्लीन इंडिया मिशन के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा की गयी के अनोखी पहल है जिसके अंतर्गत भारत को एक साफ़ एवं स्वच्छ देश बनाने का फैसला लिया गया है। यह अभियान भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महात्मा गाँधी की 145वीं जन्मतिथि, 2 अक्टूबर 2014 को उनकी समाधी राजघाट, नई दिल्ली से शुरू किया गया था। इस पहल का लक्ष्य भारत को महात्मा गाँधी की 150वीं पुण्यतिथि जोकि 2 अक्टूबर 2019 हैं, तक पूर्णतया स्वच्छ बनाना है।

सरकार ने देश को साफ़ रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी बतायी है और इसी वजह से देश केविभिन्न हिस्सों में लोग बाद चढ़ कर इसमें भाग ले रहे है। इसी अभियान के तहत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी के वांछित कदम उठाते हुए उत्तरप्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों एवं कार्यालयों में गुटखा, पान, तम्बाकू आदि निशेष कर दिए हैं। ऐसे प्रयासों से जल्द ही भारत एक स्वच्छ एवं सुन्दर देश बन जाएगा।

स्वच्छ भारत अभियान, SWACHH BHARAT ABHIYAN ESSAY 3 (200 शब्द)

SWACHH BHARAT ABHIYAN

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने का प्रयास है। यह हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जन्मतिथि पर ही शुरू किया गया था क्योंकि बापू का सपना भी भारत को एक साफ़ देश बनाना था। हालांकि महात्मा गाँधी ने अपने जीवनकाल में विभिन्न नारों एवं अभियानों के तहत देश को स्वच्छ बनाने के कई प्रयास किये थे लेकिन उस समय में उन्हें लोगों का बड़ी संख्या में सहयोग नहीं मिल पाया।

अतः उनके इसी सपने को पूरे करने एवं भारत को स्वच्छ बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी 145वीं जन्मतिथि पर स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और इसके तहत सरकार ने भारत की 2019 जोकि महात्मा गाँधी की 150 वीं जन्मतिथि है, तक भारत को स्वच्छ बनाने का निश्चय किया है। हालांकि यह केवल सरकारी कर्मचारियों के प्रयासों से ही सफल नहीं हो पायेगा बल्कि इस अभियान की सफलता के लिए इस पूरे के नागरिकों को मिलकर लगातार प्रयास करने होंगे।

इस मिशन को शुरू से ही भारत की बड़ी हस्तियों का समर्थन मिला रहा है जोकि अपने स्तर पर इस अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। इनमे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ठोस कदम उठाते हुए उत्तरप्रदेश के सभी सरकारी दफ्तर और कार्यालयों में गुटका, पान, तम्बाकू आदि पर रोक लगा दी है।

स्वच्छ भारत अभियान, SWACHH BHARAT ABHIYAN ESSAY 4 (250 शब्द)

SWACHH BHARAT ABHIYAN

प्रस्तावना (Introduction)

स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक जन आन्दोलन है जिसके अंतर्गत भारत को 5 सालों में एक स्वच्छ देश बनाने का निश्चय किया गया है। यह मिशन राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 145वीं जन्मतिथि पर शुरू किया गया था क्योंकि बापू का सपना भारत को एक साफ़ देश बनाना था।

अभियान का महत्त्व (Importance)

हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का भी भारत को एक स्वच्छ एवं सुंदर देश बनाने का था और उन्होंने जीवं भर इस दिशा में प्रयास किये थे तथा कई सफाई अभियान भी चलाये थे। इसी वजह से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके ही नक्शेकदम पर चलते हुए स्वच्छ भारत अभियान को महात्मा गाँधी की 145वीं जन्मतिथि जोकि 2 अक्टूबर, 2014 है, पर शुरू किया है और इस अभियान का लक्ष्य 2019 तक भारत को एक साफ़ देश में बदलना है। यह अभियान महात्मा गाँधी के सपने को साकार करने का एवं भारत को एक स्वच्छ देश बनाने का प्रयास है।

इस अभियान के मुख्य लक्ष्य खुले में शौच को खत्म करना, इन्सानिट्री टॉयलेट्स को में परिवर्तित करना, मैनुअल मैला ढोना, पूर्ण निपटान और ठोस और तरल कचरे का पुन: उपयोग करना आदि है। इस तरह देश को पूरी तरह स्वच्छ बनाया जाएगा। अभियान के तहत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी वांछित कदम उठाते हुए उत्तरप्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों एवं कार्यालयों में गुटखा, पान, तम्बाकू आदि निशेष कर दिए हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

स्वच्छता अभियान से भारत सरकार नागरिकों को स्वच्छता प्रेमी बनान चाहती है और पिछड़े से पिछड़े इलाकों को भी साफ़ बनाना चाहती है। ऐसा करने से देश को प्रगति मिलेगी और विश्व में हमारा देश एक आदर्श देश बनकर उभरेगा। इसमें अभी तक लोगों ने बढचढ कर भाग लिया है और उनकी मेहनत रंग लायी है।

स्वच्छ भारत अभियान, SWACHH BHARAT ABHIYAN ESSAY 5 (300 शब्द)

SWACHH BHARAT ABHIYAN

स्वच्छ भारत अभियान या क्लीन इंडिया मिशन भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक सफाई अभियान है जोकि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महात्मा गाँधी की 145वीं जन्मतिथि पर उनके स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए शुरू किया गया था।

इस कैंपेन के तहत सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने देश की नागरिको को अपना पूरा योगदान देने को कहा है ताकि भारत जल्द से जल्द एक स्वच्छ देश बन सके। इस कैंपेन के शुरुआत में खुद प्रधानमंत्री ने रोड साफ़ कर इस अभियान का आगाज़ किया था।

स्वच्छ भारत अभियान क्या है? (What is Swachh Bharat Abhiyan in hindi)

स्वच्छ भारत अभियान आज तक का सबसे बड़ा अभियान है जिसमे करीब 30 लाख सरकारी सरकारी कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया है। अभी भी यह लगातार चल रहा है एवं दिन प्रतिदिन लोग अपने स्तर पर देश को स्वच्छ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस अभियान के आगाज़ के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने 9 प्रसिद्द हस्तियों को इस अभियान में अपना योगदान देने को एवं आगे 9 लोगों को इसमें भाग लेने के लिए उत्साहित करने को कहा था। उन्होंने इस श्रृंखला को तब तक जारी रखने को कहा था जब तक यह सन्देश देश के हर एक नागरिक तक नहीं पहुँच जाए। इसके परिणामस्वरूप बॉलीवुड जगत के बड़े सितारों ने इसमें भाग लिया और आम लोगों को भी इसमें जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था।

स्वच्छता अभियान का असर (How it is Observed)

स्वच्छता अभियान के इस तर्ज पर लोकप्रिय होने पर अब आम लोग भी अपने घर एवं आस पड़ोस में सफाई रखने लगे हैं और यदि कहीं कचरा होता है तो उसे कर्मचारियों से शिकायत करने लगे हैं जिससे देश कुछ हद तक स्वच्छ हुआ है। हमारे प्रधानमंत्री ने कई बार देश की आम जनता को इस अभियान में जुड़ने को कहा है और अपने द्वारा की गयी सफाई को फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डालने के लिए कहा है ताकि और लोग भी इस तरह प्रेरित होकर अपना योगदान दे सके।

इनके अलावा इसी अभियान के समर्थन में मार्च 2017 में, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आधिकारिक भवनों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए पूरे यूपी में पान, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

स्वच्छता अभियान से भारतीय नागरिकों में शौच, सफाई आदि की जागरूकता फैलने के साथ साथ उनके जीवन स्तर में भी सुधार देखने को मिला है। इस अभियान का यह असर हुआ है की देश के हर कोने से हर व्यक्ति इसमें भाग ले रहा है जिससे देश पहले की तुलना में साफ़ होने लगा है। यदि सभी नागरिक ऐसे ही प्रयास करते रहे तो पूर्ण स्वच्छ भारत का लक्ष्य जल्द ही हासिल होगा।

स्वच्छ भारत अभियान, paragraph on swachh bharat abhiyan in hindi (400 शब्द)

SWACHH BHARAT ABHIYAN

स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत अभियान नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए शुरू किया गया एक जन आन्दोलन है जिसके अंतर्गत भारत को 5 सालों में एक स्वच्छ देश बनाने का निश्चय किया गया है। यह मिशन राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 145वीं जन्मतिथि पर शुरू किया गया था क्योंकि बापू का सपना भारत को एक साफ़ देश बनाना था।

स्वच्छ भारत अभियान का आगाज़ (Launch of Swachh Bharat Campaign)

महात्मा गाँधी के इस सपने को साकार करने की हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री ने ठानी है और इसी के तहत उन्होंने बापू की 145वीं जन्मतिथि पर स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया जोकि राष्ट्रीय स्तर अभियान है जिसके अंतर्गत अगले पांच वर्षों में भारत को पूरी तरह स्वच्छ बनाने के निश्चय किया गया है।

स्वच्छ भारत अभियान का महत्त्व (Importance of Swachh Bharat Campaign in hindi)

स्वच्छ भारत अभियान के फायदे (benefits of swachh bharat campaign in hindi).

भारत देश यदि पूर्णतया स्वच्छ बन जाता है तो इससे कई फायदे होंगे। इससे सबसे ज्यादा निजी निवेशक हमारे देश में निवेश करेंगे जिससे भारत की जीडीपी बढ़ेगी इसके अलावा यहाँ पर्यटकों की संख्या मे भी इजाफा होगा, रोजगार बढेगा आदि फायदे होंगे। इसके तहत नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रत्येक नागरिक को साल में 100 घंटे स्वच्छता को सुपुर्द करने को कहे हैं ताकि देश को साफ़ एवं सुन्दर बनाया जा सके।

इसके साथ ही सरकार द्वारा विभिन्न वस्तुओं पर 0.5% स्वच्छता सेस लगाया गया है ताकि देश की स्वच्छता में सभी नागरिक योगदान दे सकें और इसमें अधिक खर्च हो सकें और 2019 तक भारत के पूर्णतया स्वच्छ देश बन सके। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी अपना एक बड़ा योगदान देते हुए पूरे उत्तरप्रदेश के सरकारी कार्यालयों में गुठका, पान, तम्बाकू आदि बंद कर दिया है।

हालंकि यह अभियान सरकार द्वारा शुरू किया गया है लेकिन इसमें देश के प्रत्येक नागरिक के योगदान के बिना यह सफल नहीं हो पायेगा अतः हमें हमारे देश को स्वच्छ बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे और साथ ही अपने आस पास के लोगों को भी प्रेरित करना होगा ताकि देश के हर एक नागरिक तक इसकी जागरूकता पहुँच सके और निश्चित समय में निश्चित लक्ष्य हासिल हो सके।

स्वच्छ भारत अभियान, SWACHH BHARAT ABHIYAN ESSAY 7 (500 शब्द)

SWACHH BHARAT ABHIYAN

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने कहा था की इंसान के लिए स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण सफाई है और इसी दिशा में उन्होंने अपने जीवनकाल में कई अभियान के तहत लोगों में सफाई के लिए जागरूकता फैलाई थी। उन्होंने लोगों को अपने वातावरण में सफाई रखें के लिए पूरे जीवन भर प्रेरित किया था इसके साथ उन्होंने अपने इन प्रयासों से कई लोगों की जिंदगियां बदली थी। हालंकि उस समय लोगों ने बड़ी संख्या में इसमें भाग नहीं लिया था जिससे इसे सफलता नहीं मिल पायी।

स्वच्छ भारत अभियान का आगाज़ (Who Launched this Initiative)

महात्मा गाँधी के इस सपने को साकार करने की हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री ने ठानी है और इसी के तहत उन्होंने बापू की 145वीं जन्मतिथि पर स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया जोकि राष्ट्रीय स्तर अभियान है जिसके अंतर्गत अगले पांच वर्षों में भारत को पूरी तरह स्वच्छ बनाने के निश्चय किया गया है। प्रधानमंत्री हमारे राष्ट्रपिता की 150वीं जन्मतिथि तक भारत को पूर्णतया स्वच्छ बनाना चाहते हैं और उन्हें स्वच्छ भारत का तोहफा देना चाहते हैं और इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने भारत के प्रत्येक नागरिक का समर्थन माँगा है।

स्वच्छ भारत अभियान का महत्त्व (Objectives of Swachh Bharat Mission)

स्वच्छ भारत अभियान से भारत सरकार केवल सामान्य सफाई का लक्ष्य ही नहीं पूरा करना चाहती बल्कि साथ में वह अपशिष्ट प्रबंधन समस्याओं का समाधान एवं खुले में शौच की समस्याओं का भी समाधान करना चाहती है कोय्नकी ये समस्याएँ देश को आगे बढ़ने से रो रही है।

स्वच्छ भारत अभियान के फायदे (benefits)

स्वच्छ भारत अभियान एक बहुत ही महत्वपूर्ण अभियान है जिससे पूरे विश्व में भारत नयी उचाईयों तक पहुंचेगा। लेकिन ऐसा संभव हो पाने के लिए देश के हर के नागरिक का इसमें साथ होना जरूरी होगा। यदि हम अपने देश को इस विश्व में नयी उपलब्धियां दिलाना चाहते हैं हैं तो हमें सफाई की और खुद तो भरसक प्रयास करने ही होंगे साथ में दोस्स्रों को भी प्रेरित करने होगा। ऐसा यदि हुआ तो जल्द ही हमारा देश विश्व के सबसे साफ़ देशों में शुमार होगा।

स्वच्छ भारत अभियान निबंध, SWACHH BHARAT ABHIYAN ESSAY 8 (1400 शब्द)

SWACHH BHARAT ABHIYAN

स्वच्छ भारत अभियान या क्लीन इंडिया मिशन भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय स्तर का एक सफाई अभियान है जिससे की भारत को साफ़ बनाने का लक्ष्य साधा गया है। एक स्वच्छ भारत हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का भी सपना था। अपने जीवनकाल में उन्होंने कहा था की स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक जरूरी है। वे उस समय भारत की स्थिति के जानकार थे अतः उन्होंने इसे स्वच्छ बनाने के जीवनभर प्रयत्न किये लेकिन उन्हें लोगों का वांछित समर्थन नहीं मिला और वे अपने इस सपने को साकार नहीं कर पाए।

महात्मा गाँधी स्वतंत्रता से पहले भारत को साफ़ सुथरा बनान चाहते थे लेकिन भारत को स्वतंत्र हुए आज 71 साल हो गए हैं और आंकड़े दर्शाते हैं की आज भी कुल जनसँख्या में से लगभग 30 प्रतिशत लोगों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है जिसके चलते उन्हें खुले में शौच करने की असुविधा उठानी पड़ती है। इसके साथ ही देश में कचरा प्रबंधन की समस्या भी लगातार बढती जा रही है जिससे हमारा देश वांछित दर से प्रगति नहीं कर पर रहा है।

हमारे राष्ट्रपिता के इसी सपने को पूरा करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है और पांच सालो में इस अभियान से सरकार देश को पूरी तरह साफ़ सुथरा बनाना चाहती है और कचरा प्रबंधन और शौचालय की अनुपलब्धि की समस्याओं से निजात पाना चाहती है। हालांकि यह केवल सरकार से किया जाना संभव नहीं है जिसके कारण यह देश के हरेक नागरिक से इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है ताकि जल्द से जल्द स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सके और भारत विश्व स्तर पर साफ़ सुथरे देशों की सूचि में शुमार हो सके।

स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्तर का सफाई अभियान है जोकि भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। यह अभियान 4041 कस्बों की सफाई का लक्ष्य कर रहा है और इसके लिए इस अभियान को पांच साल का निर्धारित समय दिया गया है। इसके तहत 2019 तक निर्धारित कस्बों की सफाई की जायेगी एवं यह महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वूर्ण कदम है।

यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 जोकि बापू की 145 वीं जयंती है, पर शुरू किया गया तह और  2019 में बापू की 150 वीं जयंती पर इसकी पूर्णता को लक्षित किया गया है। इस अभियान का मुख्या लक्ष्य केवल सामान्य सफाई ही नहीं बल्कि लोगों की नियमित कचरा प्रबंधन समस्याएँ दूर करने के साथ ही शौचालय आदि समस्याओं का भी समाधान करना इस अभियान का लक्ष्य है। इस मिशन का पहला स्वच्छता अभियान (25 सितंबर 2014 को) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।

स्वच्छ भारत अभियान की जरूरत (Need of Swachh Bharat Abhiyan)

भारत में जब तक स्वच्छ भारत अभियान का लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता, नागरिकों को लगातार सफाई रखने के प्रयास जारी रखने होंगे क्योंकि यदि हमारा वातावरण साफ़ होता है तो हम स्वस्थ रहते हैं और एक स्वस्थ व्यक्ति देश के लिए बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि यह विकास में एक अस्वस्थ व्यक्ति की तुलना में कहीं अधिक योगदान दे सकता है। नीचे दिए गए कुछ कारण हैं जोकि इस अभियान को ज़रूरी बनाते हैं :

  • भारत में बहुत लोग खुले में शौच करते हैं अतः इस समस्या से छुटकारा पाना होगा और सभी को घर में शौचालय की सुविधा प्रदान करने के लिए इस अभियान का चलना ज़रूरी है।
  • भारत में इन्सैनीटरी टॉयलेट को फ्लश टॉयलेट में बदलने के लिए इस अभियान की ज़रुरत है।
  • नगरपालिका के ठोस कचरे का वैज्ञानिक प्रक्रियाओं, स्वच्छ निपटान, पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण के माध्यम से उचित अपशिष्ट प्रबंधन को लागू करने के लिए यह आवश्यक है।
  • भारतीय लोगों के बीच व्यवहारिक परिवर्तन लेन के लिए इस अभियान का चलना ज़रूरी है।
  • भारत को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए इस अभियान की आवश्यकता है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए यह आवश्यक है।

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान की पहुँच (Swachh Bharat Mission in Urban Areas)

शहरी क्षेत्रों के स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य लगभग 1.04 करोड़ घरों को स्वच्छ बनाना है, ताकि उन्हें हर शहर में 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय, 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय उपलब्ध कराए जा सकें। सामुदायिक शौचालयों का निर्माण उन आवासीय क्षेत्रों में करने की योजना बनाई गई है जहां व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों की उपलब्धता मुश्किल है और बस स्टेशनों, पर्यटन स्थलों, रेलवे स्टेशनों, बाजारों, आदि सहित निर्दिष्ट स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय हैं।

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रम को 2019 तक पांच वर्षों में पूरा करने की योजना बनाई गई। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने इसके लिए कुल 14000 करोड़ रुपयों का आवंटन किया जोकि इन 5 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों मिने खर्च होगा।

ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन (Gramin Swachh Bharat Mission)

ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रमों को लागू करने वाला एक मिशन है। इससे पहले निर्मल भारत अभियान भारत सरकार द्वारा 1999 में ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन अब इसे स्वच्छ भारत मिशन में पुनर्गठित किया गया है। हालांकि दोनों अभियानों का एक ही लक्ष्य है लेकिन इस बार इस अभियान लोगों से अधिक तरजीह मिल रही है।

इस अभियान का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों को 2019 तक खुले में शौच से मुक्त बनाना है, जिसके लिए लागत का निम्न अनुमान लगाया गया है कि देश में लगभग 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए एक लाख चौंतीस हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। कचरे को जैव-उर्वरक और उपयोगी ऊर्जा रूपों में परिवर्तित करने की एक बड़ी योजना है। इस मिशन में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद की भागीदारी शामिल है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।
  • 2019 तक स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लोगों को प्रेरित करना।
  • कर्मचारियों को गाँवों में वांछित सुविधाएँ उपलब्ध करने के लिए अनुबंध करना।

स्वच्छ भारत सेस (Swachh Bharat Cess)

स्वच्छ भारत सेस हर  सर्विस पर लगाया गया 0.5 प्रतिशत अतिरक्त कर है जोकि वित्त मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए हर नागरिक से कुछ राशि लेने के लिए लगाया है ताकि इस अभियान को सफलता मिल सके। इसके अंतर्गत हर रूपए पर नागरिक को 50 पैसे सर्विस टैक्स के रूप में अतिरिक्त देने होंगे।

जिस तरह भारत के नागरिक भारत की स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा के रहे हैं यह कहा जा सकता है की जल्द ही पूरा भारत साफ़-स्वच्छ एवं हरा-भरा हो जाएगा। हालांकि अब भी हमें सफाई अभियान में योगदान देने के लिए लगातार प्रयत्न करते रहना होगा ताकि हम खुद तो सफाई रखे ही साथ ही दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सके।

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स्वच्छ भारत वेबसाइट

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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आपके द्वारा लिखे हुए सभी पोस्ट बहुत ही काम के और हेल्पफुल होते है और आपके लेख को पढ़कर समझना भी बहुत आसान होता है. में अक्सर आपके ब्लॉग को पढ़ती हूँ और आपके द्वारा लिखा हुआ पोस्ट मेरी समझ में आसानी से आता है जिसे में अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करती हु

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Swachata Par Nibandh

स्वच्छता पर निबंध- Swachhata Par Essay In Hindi

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Swachata Par Nibandh Likha Hua

Swachata Par Nibandh- स्वच्छता पर निबंध Hindi Mein Likha Hua | Swachhata Par Essay In Hindi:  आज हम पढ़ते हैं स्वच्छता के प्रति जागरूकता निबंध। इसमें हम आपको बताएंगे कि स्वच्छता की आवश्यकता पर निबंध क्यों जरूरी है तथा, स्वच्छता का महत्व निबंध कैसे लिखा जाता है। (Swachhata per nibandh) नमस्कार दोस्तों!

स्वच्छता पर निबंध – Swachhata Per Nibandh “Saaf Safai par Nibandh”

आज में स्वच्छता का निबंध  आपके सामने पेश करना चाहूंगा।

और इस निबंध को लिखने से पहले मैंने अपने कमरे को साफ सुथरा किया है। ताकि मैं जो निबंध आपके सामने पेश कर रहा हूं। उसके अंदर मेरे विचार भी साफ-सुथरे हो।

तो आपसे गुजारिश है आपने इस निबंध को अच्छे तरीके से बिल्कुल अंत तक जरूर पढ़ना है।

Swachata Essay in Hindi 80 Words

स्वच्छता ही सेवा है, का अर्थ हम सभी समझते हैं परंतु इसे अपनाने की कोशिश बहुत कम लोग करते हैं। स्वच्छता के महत्व को जानते तो सभी हैं लेकिन इसे अपने जीवन में अपनाकर खुशहाल जीवन की ओर अग्रसर होने की कोशिश बहुत कम लोग करते हैं। एक स्वस्थ जीवन ही एक स्वस्थ राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं।

Swachhata Nibandh 100 Shabd

स्वच्छता का अर्थ-  सिर्फ यह नहीं है कि हम सिर्फ अपने आपको, अपने घर की साफ सफाई रखें। स्वच्छता का अर्थ यह है कि  हम अपने मन, शरीर, अपना घर और आसपास के जगहो की भी साफ-सफाई करें।

स्वच्छता लोगों की दिनचर्या में शामिल होना चाहिए।  गांधी जी  ने कहा था  “स्वच्छता ही सेवा है”।  हमारे देश और हमारे जीवन में स्वच्छता की बहुत जरूरत है, क्यूंकि आज के समय में बहुत तरह की बीमारियाँ गंदगी की वजह से फ़ैल रही है। जिन्हें हम स्वच्छता पर ध्यान देकर दूर कर सकते है।

हमेशा से हम सुनते आए हैं कि हमारे जीवन में पवित्रता और स्वच्छता का होना अत्यंत आवश्यक है। क्योकि जहाँ साफ़ सफाई रहती है वहीं पर  ईश्वर  निवास करते हैं।

Swachhata Par Nibandh 250 Words

आज की भाग-दौड़ और तनाव भरे जीवन में ना तो हम खुद स्वच्छता पर ध्यान देते हैं और ना ही हम इसके महत्व को समझते हैं।  नरेन्द्र मोदी  जी ने जिस अभियान की शुरुआत 2 अक्तूबर 2014 को की थी वह गाँधी जी का सपना था।

स्वच्छ भारत अभियान  केवल एक इंसान के जरिये सफल नहीं होगा। इसके लिए सभी भारतीय को अपने-अपने स्तर पर प्रयास करना होगा।  स्वच्छता सभी की जिम्मेदारी है। स्वच्छता को हमे अपने और अपने आसपास बनाएं रखने की आवश्यकता है, जिससे हमारे जीवन में खुशहाली आ सके।  स्वच्छता हमारे शारीरिक और मानसिक सेहत पर भी असर डालता है। स्वच्छता भक्ति के समान होती है।  स्वच्छता हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ साथ हमें डाक्टरों से भी दूर रखता है।  अच्छा स्वास्थ्य चाहिए तो  स्वच्छता जीवन में बहुत आवश्यक है ।  स्वच्छता सभी लोगों का नैतिक कर्तव्य है।  हमें साफ सफाई खुद करनी चाहिए तथा अन्य लोगों को स्वच्छता के गुणों को बतााना चाहिए।

Swachata Ke Bare Mein Nibandh 200 Words

हमारे जीवन में  “स्वच्छता”  सिर्फ एक शब्द नहीं होना चाहिए बल्कि स्वच्छता एक आदत होनी चाहिये। जीवन में  स्वच्छता की एक अच्छी आदत अपने ह्दय के साथ-साथ समाज को भी स्वच्छ रखने में मदद करती है। हमें स्वच्छता के मूल्यो को समझ कर इस अच्छी आदत को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

यदि हमें भविष्य में आने वाली युवा पीढ़ी को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है, उन्हें एक खुशहाल जीवन देना है और उन्हें कई तरह के रोगों से दूर रखना है तो हमें खुद से ही स्वच्छता की शुरुआत करनी होगी। 

“स्वच्छता में ही ईश्वर का वास है”  इसके अर्थ को हमें समझना होगा। सड़कों पर बिखरे हुए कचरे और बहते हुए गंदे नाले के पानी के परिणामस्वरूप बिमारियों का फैलाव बढता है। जिसके कारण अधिक से अधिक लोगों को बिमारियों का शिकार होना पड़ता है।  हमें ना केवल अपने घरों और काम के स्थानों में बल्कि उनके परिवेश में भी सफाई बनाये रखने का भरपूर प्रयास करना चाहिए।

गांव की स्वच्छता पर निबंध  250 Shabdo me

विडंबना यह है कि हमारे देश में लगभग सभी लोगों को  अस्वच्छता के परिणामों  के बारे में पता है।  स्वच्छता के महत्व  के बारे में पता है, परंतु कोई भी इसे लेकर ज्यादा सजग नहीं है।  अस्वच्छता के विकराल परिणाम हमें आज देखने को नहीं मिलेगे। परंतु इनके गंभीर परिणाम भविष्य में हमे जरूर देखने को मिलेंगे।

हम सभी जानते हैं कि स्वास्थ्य ही धन है। और स्वास्थ्य है तो सब कुछ है। इसलिए हमें अपने आप को स्वस्थ रखने और स्वस्थ जीवन के महत्व को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता से कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए। 

हमे साफ-सफाई को अपने दैनिक जीवन में लागू करने का प्रयास करना चाहिए। 

स्वच्छता जीवन का एक सबसे बड़ा गुण है जिसका आदर्श पालन हम सभी को अपने जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के रूप में निश्चित तौर पर करना चाहिए।

स्वच्छता हमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से स्वस्थ रखता है। अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ पालतू पशु की स्वच्छता, पर्यावरण स्वच्छता, आसपास की सफाई के साथ कार्य स्थल की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। 

Swachhata ka Nibandh 300 Shabd

स्वच्छता एक आदत होनी चाहिये जिसे हम सभी को आवश्यक रूप से अपनाना चाहिए। अच्छे परिवेश और अच्छे संस्कार के लिए स्वच्छता काफी जरूरी है। 

गंदगी कई तरह की खतरनाक और जानलेवा बीमारियों की उत्पत्ति का कारण होती हैं। कई तरह के बैक्टीरिया वायरस का जन्म अपने आसपास स्वच्छता ना रखने के कारण ही होता है। 

खाना खाने से पहले हमें अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए। कपड़ों की साफ सफाई खुद रखनी चाहिए। 

स्वच्छता रखने से जिंदगी में खुशहाली भी आती है तथा पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। स्वच्छता रखने से देश का ही आर्थिक विकास होता है। 

स्वच्छता हम सभी की सभ्यता को भी दर्शाती हैं इसलिए हम सभी को शपथ लेना चाहिए कि स्वच्छता रखकर अपने समाज को सभ्य बनाने का प्रयास करेंगे।

Swachata Par Nibandh in Hindi Mein 400 Words

स्वच्छता की एक अच्छी आदत मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है । स्वच्छता कई तरह की खतरनाक बीमारियों से बचाव का कुशलतम उपाय हैं। स्वच्छता एक खुशहाल और सुखी जीवन की आधारशिला है। स्वच्छता मनुष्य की शालीनता को भी दर्शाती है।

मनुष्य अपने घर की साफ सफाई रखकर अपने आस-पास समाज को गंदा करता है। और समाज को स्वच्छ रखना वह अपनी जिम्मेदारी नहीं समझता है। 

आज हमारे देश भारत में गंदगी बहुत बढ़ गयी है। इसी वजह से हमारे पर्यावण और स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। 

“भगवान के बाद में स्वच्छता को ही महत्व दिया जाता है” 

हमें  बापू  के सपने को आगे बढ़ाते हुए एक स्वच्छ भारत की उनकी परिकल्पना को सच कर दिखाना चाहिए। एक स्वच्छ वातावरण बच्चे के विकास के लिए काफी मायने रखता है। जब हम स्वच्छ रहेंगे तो हमारा शरीर भी स्वस्थ रहेगा।

Essay on Swachata in Hindi 500 Shabd

निरोगी और स्वस्थ जीवन के लिए अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखना बेहद जरूरी है।

स्वच्छता एक अच्छी आदत है,  जो मनुष्य को मानसिक बौद्धिक और शारीरिक तीनों रूप से स्वस्थ रखती है। गंदगी में मक्खी, मच्छर, कीड़े-मकोड़े, कीटाणु, बदबू आदि का विकास होता है। इसलिए अपने घर के साथ-साथ आसपास की सफाई भी बेहद जरूरी है।  विद्यार्थियों के बीच में सफाई को लेकर जागरूकता फैलाना भी काफी जरूरी है। जिससे वे भी आगे चलकर स्वच्छता के मूल्यों को समझ कर अपने आपको स्वस्थ रखकर देश के आर्थिक विकास के भागीदार बन सकें और एक सभ्य समाज की कल्पना को सच कर सके।

जिस तरह हम अपने आप को स्वस्थ, साफ-सुथरा रखते हैं उसी तरह हमें समाज को, और अपने आस-पास के वातावरण को भी स्वच्छ रखने को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। 

हम बिना सोचे समझे अपने घर के कूड़े-कचरे को ऐसे ही सड़कों पर, नदियों, नालों में औद्योगिक कचरा को बहा देते हैं, जिससे  जल प्रदूषण होता है ।  😊👉Read More:  Mera Priya Khel Cricket

स्वच्छ भारत अभियान में सभी का योगदान जरूरी है : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत के निर्माण हेतु  ‘स्वच्छता अभियान’  को शुरू किया था। जिसमें हर एक की भागीदारी को तय किया गया था। ताकि प्रत्येक व्यक्ति साफ सफाई के महत्व को समझकर आसपास फैली गंदगी को दूर कर सके और एक निरोग और खुशहाल भारत बना सके।  स्वच्छ भारत अभियान  के तहत शौचालयों का निर्माण कराया गया जिससे भारत खुले में शौच से मुक्त बन सके तथा वातावरण स्वच्छ और शुद्ध बन सके।  स्वच्छ भारत अभियान के तहत बड़े-बड़े सेलिब्रिटी, नेतागण ने इस अभियान में हिस्सा लेकर लोगों को इसके प्रति जागरूक किया। ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को इसके महत्व के बारे में बता कर उन्हें भी गंदगी से दूर रहने की सीख दी गई। और सभी से  स्वच्छ भारत  की कल्पना को सच करने के लिए जिम्मेदारी भी दी गई।  साफ-सफाई रखने से राष्ट्र के निर्माण में भी लोगों की भूमिका बढ सकती हैं। हम सभी जानते हैं कि अस्वच्छता राष्ट्र निर्माण में बाधा डालती है और मनुष्य के विकास को भी हानि पहुंचाती है। इसलिए हमें स्वच्छता पर विशेष ध्यान देकर नियमित रूप से साफ सफाई करनी चाहिए।  जिससे सबसे पहले तो हमारा समाज स्वस्थ बन सके और हम अपनी आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर कल की ओर ले जा सके।

स्वच्छता पर निबंध हिंदी में  600 Shabdo me

स्वच्छता को हमें अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण विचार बनाना चाहिए। साफ-सफाई और स्वच्छता को ठीक से किए बिना हम एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकते हैं। स्वच्छता का अर्थ सिर्फ यह नहीं है कि हम सिर्फ अपने शरीर की साफ-सफाई करें बल्कि स्वच्छता का अर्थ यह है कि हम अपने साथ-साथ अपने आजू-बाजू की भी साफ-सफाई करें।

स्वच्छता एक भक्ति की तरह होती है जिससे हम सभी को जरूर ही करना चाहिए। जिसका लाभ हमें ही मिलेगा।

क्योंकि हम कुछ भी खाते हैं और खाने के बाद में बचा हुआ कचरा इधर-उधर ऐसे ही फेंक देते हैं कुछ लोग तो ऐसा कर ही देते हैं। वह इधर-उधर देखते हैं और सोचते हैं कि मुझे कोई नहीं देख रहा और मैं यहीं पर खुले में ही कचरा फेंक देता हूं ऐसा नहीं करना चाहिए।

अगर आज हम हिमालय की तरफ जाकर देखें तो वहां पर भी पहाड़ों पर बहुत सारा कचरा एकत्रित हो चुका है। जिसमें से स्टिक बहुत ज्यादा मात्रा में है आप सभी को तो पता ही है।

क्योंकि प्लास्टिक जो होता है वह जल्दी से गलता नहीं है क्योंकि प्लास्टिक की उम्र हम इंसानों से भी ज्यादा होती है। इसलिए जितना हो सके हमें खुद को और अपने इस प्यारे से वातावरण को स्वच्छ रखना है। केवल एक ही बात को ध्यान रखें “स्वच्छता ही सब कुछ है।”

साफ-सफाई कैसे रखे: अपने घरों के आसपास कचरा ना फैलाएं और नियमित रूप से उसे साफ करने का प्रयास करें।  नदियों नालों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।  खुले में शौच बिल्कुल भी ना जाए। सड़कों पर कुछ भी खा-पीकर, फलों के छिलके पॉलिथीन आदि कभी भी नहीं फेंकना चाहिए और अगर कोई फेंके भी तो उसे स्वच्छता के बारे में बता कर उन्हें भी ऐसा करने से रोकना चाहिए। तथा ऐसी चीजों को डस्टबिन में डालने के लिए प्रेरित करना चाहिए।  हमें अपने बच्चों के अंदर भी साफ-सफाई की आदत डालनी चाहिए। हमें अपने आसपास नदियों नालों में पानी की निकासी की अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे कभी भी गंदा पानी ना जमा हो सके और डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सके। हमें स्वच्छता को अपनी व्यक्तिगत नैतिक जिम्मेदारी समझकर करना चाहिए दूसरों की जिम्मेदारी समझकर उसे नगर निगम आदि पर नहीं छोड़ देना चाहिए। सड़कों पर कभी थूकना नहीं चाहिए। हमे जानवरों का भी उचित रूप से प्रबंध करना चाहिए। ताकि वे खुले में मल मूत्र की क्रिया को ना कर सके और गंदगी ना फैला सके जिससे विनाशकारी कीटाणु ना पनप सकें।

अस्वच्छता से होने वाले नुकसान: हम सभी जानते हैं कि आज अस्वच्छता राष्ट्र निर्माण में बाधा तो डालती है, साफ-सुथरे मानव जीवन में भी बाधा डालती है अस्वच्छता तरह-तरह की बीमारियों का कारक होती है। अपने आसपास साफ-सफाई नहीं रखने से अनेकों बीमारियां जैसे हैजा, डायरिया, मलेरिया, डेंगू तमाम तरह की लाइलाज बीमारियां जन्म लेती है। जिनसे निपटना केवल और केवल साफ-सफाई के द्वारा ही हो सकता हैं। 💁Read:   Swachata Nibandh in Hindi 150 Words

अस्वच्छता रहने पर मनुष्य कभी भी शांति से नहीं रह पाता है, खुशहाल नहीं रह पाता है उसे तरह-तरह की मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

निष्कर्ष: इन सभी स्वच्छता के गुणों को ध्यान में रखते हुए हमें अपने जीवन में स्वच्छता को अपनाकर,  साथ ही लोगों को भी जिम्मेदारियां तय करते हुए एक स्वस्थ और निरोगी रूपी राष्ट्र की ओर अग्रसर होते हुए  बापू जी  के सपनों को पूरा करना चाहिए। और एक स्वस्थ जीवन जीना चाहिए।

Swachhata Par Nibandh in Hindi 1500 Words

Swachata Par Nibandh

“स्वच्छता” सबसे पहले हमें इस शब्द का अर्थ अच्छी तरीके से पता होना चाहिए। उसके बाद ही हम स्वच्छता के बारे में कुछ बता सकतें हैं। हमारा मन, हमारा शरीर और हमारे चारों तरफ बहुत सी चीजें होती हैं। उनको साफ सुथरा रखना ही स्वच्छता का अर्थ होता है।

स्वच्छता को मानव समुदाय के एक आवश्यक गुण के रूप में माना जाता है। विभिन्न प्रकार की होने वाली बीमारियों के बचाव का यह बिल्कुल सरल उपाय है।

जहाँ स्वच्छता वहाँ भगवान

स्वच्छता को जीवन की आधारशिला के रूप में देखा जाता है। इसमें मनुष्य की गरिमा, शालीनता, और आस्तिकता से रूबरू करवाया जाता है।

हमारा रोजमर्रा का जीवन साफ सफाई के साथ गुजरना चाहिए और हमें अपने से बड़ों और छोटों को साफ-सफाई का महत्व और इसके उद्देश्यों के बारे में बताना चाहिए।

जरा सुनिए, हमने यहां पर शब्द सीमा के आधार पर भी निबंध लिखें हैं जिनको आप नीचे दिए Links से पढ़ सकते हैं (अन्यथा आप नीचे स्क्रॉल करें, आपको यहां दिया निबंध पढ़ने को मिलेगा)-

स्वच्छता का महत्व  हिंदी निबंध  :

अगर हमें मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ रहना है तो हमें स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना होगा। (Swachata Par Nibandh)

हमें अपनी स्वच्छता को स्वयं करना चाहिए। भारतीय संस्कृति में बहुत सालों से यह मान्यता है कि जहां पर साफ-सफाई अच्छी होती है वहां पर लक्ष्मी जी का वास होता है।

इसके अलावा हमारे भारत के धर्म ग्रंथों में साफ सफाई और स्वच्छता से जुड़े हुए बहुत से निर्देश दिए गए हैं।

हमारे भारत की एक वास्तविकता यह भी है, कि यहां पर किसी अन्य स्थानों की अपेक्षा मंदिरों मैं अधिक गंदगी देखने को मिलती है।

जैसा कि आपको पता है। विभिन्न आयोजनों में धार्मिक स्थलों पर लाखों श्रद्धालु आते हैं। लेकिन स्वच्छता का महत्व पता न होने के कारण बहुत सारी बहुत बड़ी मात्रा में गंदगी फैलाते हैं।

तथा समय पर सफाई न होने के कारण यह गंदगी इतनी बढ़ जाती है, जिसका हम अनुमान भी नहीं लगा सकते।

हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मन और आत्मा के लिए स्वच्छता का होना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए स्वच्छता के साथ-साथ हमारे आचरण की शुद्धता में स्वच्छता का होना बहुत जरूरी है।

शुद्ध आचरण वाले मनुष्य का चेहरा तेजोमय होता है। जिसके कारण सभी लोग उस मनुष्य को आदर की दृष्टि से देखना पसंद करते हैं।

कथा। अपना सिर झुकाते हैं। तथा उनके सामने अपना सिर झुकाते हैं। 

उस व्यक्ति के प्रति दूसरे मनुष्य के मन में अत्यंत श्रद्धा रहती है।

अगर कोई मनुष्य अपनी चारों और और खुद स्वस्थ रहता है तो उसके अंदर स्फूर्ति प्रशंसा। का आचरण बना रहता है।

स्वच्छता की आवश्यकता :

साफ और सुथरा रहना प्रत्येक मनुष्य का प्राकृतिक गुण होता है। मनुष्य अपने आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा और सुंदर रखना पसंद करता है।

मनुष्य अपने कार्यस्थल। पर कचरा और गंदगी फैलने से रोकता है।

क्योंकि अगर कोई मनुष्य अपने आसपास और अपने कार्यस्थल पर सफाई नहीं रखेगा तो बिच्छू, मच्छर, मक्खी, सांप और इनके अलावा और भी हानिकारक जीव जंतु अर्थात कीड़े मकोड़े आपके घर के साथ-साथ कार्यस्थल में प्रवेश कर जाएंगे।

और इनके प्रवेश करने से हमारे आसपास के क्षेत्र में रोग तथा और भी विषैले कीटाणु अपना घर बना लेंगे। जो कि हमारे लिए बहुत हानिकारक होंगे।

इसलिए सफाई का होना बहुत आवश्यक है।

एक बात और….!

मैं आपको बताना चाहूंगा बहुत सारे लोग कहते हैं कि सफाई का कार्य सरकारी एजेंसियों को सौंपा गया होता है। इसी कारण से वह खुद स्वच्छता का जिम्मा नहीं लेते हैं।और सारा कार्यभार सरकार पर छोड़ना ही समझदारी मानते हैं।

जिसके कारण चारों तरफ गंदगी फैलती ही जाती है। तथा यह गंदगी अपने साथ बहुत सारी बीमारियां पैदा करती जाती है।

स्वच्छता के उपाय :

अगर प्रत्येक मनुष्य अपने आसपास के क्षेत्र जैसे कि अपना घर अपना कार्य स्थल को साफ सुथरा रखेगा तो वह रोगों के कीटाणुओं का जन्म नहीं होने देगा जिससे बीमारियां फैलने से रुकेगी।

अगर कोई मनुष्य अपने आसपास सफाई रखता है, तो इस बात में बिल्कुल सच्चाई है कि वह प्रशंसा और प्रसन्नता को भी प्राप्त कर लेता है।

आसपास के क्षेत्र की सफाई होने से मनुष्य अनेक प्रकार के रोगों से बचाता है। और वातावरण भी दूषित होने से बच जाता है।

😊👉Read More: Hindi Nibandh

कुछ लोगों को स्वच्छता का महत्व पता नहीं होता। जिसके चलते वह जिन स्थानों पर निवास करते हैं वहां पर कूड़ा कचरा फैला रहता है।

ऐसे लोगों को अच्छे तरीके से पास बैठा कर समझाना चाहिए तथा कूड़े-कचरे इत्यादि से फैलने वाली बीमारियों से रूबरू करवाना चाहिए।

ताकि वह स्वच्छता के महत्व को समझें तथा अपने खान-पान और वेशभूषा में साफ-सफाई ला सकें।

क्योंकि खाने पीने की वस्तुओं का साफ सुथरा होना बहुत ही जरूरी है। इसलिए घर की रसोई या फिर इसलिए रसोई की वस्तुओं को भी साफ रखना चाहिए और उन्हें निरंतर इस्तेमाल करने के बाद में अच्छे तरीके से साफ करके रखना चाहिए।

हमें एक और बात का भी ध्यान रखना चाहिए। बाजार से लाया गया फल, सब्जी और अनाज को अच्छे तरीके से धो लेना चाहिए। और उसके बाद इनको प्रयोग में लाना चाहिए।

हमारा पीने का पानी साफ बर्तन में होना चाहिए तथा उस बर्तन को हमें ढक कर रखना चाहिए। और

जिस बर्तन से हम पानी निकालते हैं उसके एक अलग से डंडी होनी चाहिए ताकि हमारा हाथ पानी लेते समय बर्तन के पानी को छुए नहीं।

और हमारे कपड़े भी साफ-सुथरे होने चाहिए। गंदे कपड़ों में कीटाणुओं का निवास रहता है इसलिए हमें गंदे कपड़ों को पहनकर नहीं रखना चाहिए।

कपड़ों को साफ करने वाले साबुन भी अच्छे होने चाहिए ताकि कीटाणु कपड़ों में ना रहे।

और इसके अलावा हमारा शरीर, इसकी भी स्वच्छता का ध्यान हमें बहुत अच्छे तरीके से रखना चाहिए।

सप्ताह में कम से कम 2 बार साबुन से अवश्य नहाना चाहिए ताकि हमारे शरीर के साथ चिपके हुए कीटाणुओं को नष्ट किया जा सके।

सबसे मुख्य बात हमारे नाखून,

हमारे नाखून बढ़ते रहते हैं और अगर हम इनको काटते नहीं है तो यह बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। और कभी-कभी हम अपने काम में इतने खोये होतें हैं कि हमें नाखूनों को काटने का समय नहीं मिलता।

और जब हमसे कोई कहता है कि आपने नाखून नहीं काटे तो उस समय हम यह कह कर टाल देते हैं कि “हमें टाइम नहीं मिला”

देखिए अगर आपके पास खुद के लिए टाइम नहीं है तो आप दूसरों को अपना टाइम कैसे दे पाएंगे।

इसलिए नाखूनों को काटना बहुत ही जरूरी है। और बाकी आप भी समझदार हो आपको पता है कि नाखून जो होते हैं यह अगर थोड़ा सा बढ़ जाए और बढ़ने के बाद में इनके अंदर मिट्टी जमना शुरू हो जाती है।

और जब हम खाना खाते हैं तो इसी मिट्टी के अंदर छिपे हुए कीटाणु हमारे पेट में चले जाते हैं जिसके कारण हमें बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

दोस्तों! जिस प्रकार हमारे कमरे की सफाई का जिम्मा हमारे खुद पर होता है और हमारे घर की सफाई का जिम्मा हमारे घर के सभी सदस्यों का होता है।

उसी प्रकार घर के बाहर की सफाई का जिम्मा हमारे समाज का होना चाहिए।और हमें आसपास के क्षेत्र की मिलकर सफाई करनी चाहिए।

💁Read:  Swachhata Ka Mahatva Par Nibandh 80 Shabd Ka

अब, जैसे कि बहुत सारे लोग अपने घर की गंदगी को बाहर डाल देते हैं। उन्हें इस प्रकार से नहीं करना चाहिए। घर की गंदगी को बाहर खुले में नहीं फेंकना चाहिए।

अगर आप घर की गंदगी को खुले में नहीं फेंकेंगे तो आपके आसपास का क्षेत्र अपने आप ही साफ सुथरा रहेगा।

हमारे प्रिय राष्ट्रपति जी की तरह प्रत्येक भारतीय को अपने आसपास की स्वच्छता के महत्व को समझकर उसका पूरा ध्यान रखना चाहिए।

इसके अलावा जो तत्व हमारी स्वच्छता के बाधक हैं उन पर हमें रोक लगा देनी चाहिए। क्योंकि इसका दुष्प्रभाव सभी मनुष्यों पर पड़ता है।

ऐसे तत्व हमारे समाज को बीमार और खराब स्वस्थ के अलावा और कुछ भी प्रदान नहीं करते हैं।

हमारे देश और समाज की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए बहुत सी गैर-सरकारी और सरकारी संस्थाएं संचालित हैं।

जो समाज को स्वच्छ और स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करती हैं। और सभी अपनी भूमिका निभाती है।

हमारी जो नई सरकार आई है उसकी मुख्य प्राथमिकता भारत को स्वच्छ करने की है।

अस्वच्छता से होने वाली हानियां :

जब मनुष्य ऐसे स्थानों पर निवास करता है जिसके चारों ओर कचरा फैला रहता है और घरों के बाहर नालियों में गंदा पानी और उस पानी के अंदर बहुत सारी वस्तुएं पड़ी रहती हैं।

जिसके कारण वहां का माहौल बहुत ही बदबूदार हो जाता है। क्योंकि नालियों में खड़ा पानी और उसके अंदर पड़ी हुई वस्तुएं बदबू उत्पन्न करती हैं।

जिसके कारण अगर वहां से अगर कोई गुजरता है तो उसे बहुत सारी मुश्किलें होती है। और ऐसे स्थानों पर अनेक प्रकार की संक्रमण बीमारियों का भी प्रकोप रहता है।

वहां की गंदगी से जल वायु, थल आदि पर बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़ता है।

इनके अलावा आपने देखा होगा कि बाजार तथा मेलो आदि के अंदर मिलने वाला भोजन भी अच्छा नहीं होता है।

यहां पर मैं आपसे एक बात बोलना चाहूंगा। 

मैं एक गांव में रहता हूं।

और जब मैं शहर जाता हूं तो शहर की गलियां मेरे को बिल्कुल पसंद नहीं है। क्योंकि वहां पर सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जाता।

यह बात बिल्कुल सच्ची है और अगर आप किसी बाजार की गली में सुबह के समय जाएंगे तो आपको वहां पर नालियों से निकाली हुई गंदगी और जलते हुए कागज और इन से निकलता हुआ काला दुआ दिख जाएगा।

अगर हम बाजार तथा मेलों से भोजन खाते हैं तो हमें उस भोजन का भी ख्याल रखना चाहिए। आजकल लोग ज्यादा बिक्री करने के लालच में साफ सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते हैं।

और मेलों और बाजार में मिलने वाला खाना भोजन कीटाणुयुक्त होने के कारण हमें बहुत सारी बीमारियां दे जाता है।

💁Read:   Swachata Par Nibandh (100 Shabd)

इसी प्रकार आधुनिक सभ्यता और हानिकारक उद्योग पूरी दुनिया को प्रदूषण के संकट की और ले जा रहे हैं। पूरी दुनिया में उद्योगों के कारण प्रदूषण का संकट खड़ा हो रहा है।

हम भारतीय भी कहीं पर भी कचरा फेंक देते हैं। क्योंकि हम आदत से मजबूर होते हैं। और हम साफ-सफाई को भी गंभीरता से नहीं लेते हैं।

इसलिए हमें जितना जल्दी हो सके समझ जाना चाहिए कि अगर हम स्वच्छता पर ध्यान नहीं देंगे तो हम बहुत जल्द अनेक प्रकार के रोग हमें हमें न्योंता दे देंगे।

स्वच्छता के लिए नारे :

स्वच्छता के लिए बहुत सारे नारों का प्रयोग भी किया जाता है जिनमें से हम कुछ को यहां पर प्रदर्शित कर रहे हैं-

Swachata Ke Liye Nare

1. स्वच्छता का दीप जलाएं, चारों ओर उजाला फैलाएं। 2. स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत। 3. स्वच्छता अभियान से जागरूकता लाएं, साफ सफाई करने में मिलकर हाथ बढ़ाएं। 4. आओ मिलजुलकर स्वच्छता अभियान के गीत गाए, स्वच्छता अभियान हो सफल मिलकर खुशियां मनाएं। 5. खतरों से भरा हो यदि रास्ता हमारा, सफाई से सुंदर बनेगा नगर न्यारा। 6. मैं शपथ लेता हूं कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा हर साल 100 घंटे अर्थात प्रत्येक सप्ताह 2 घंटे श्रम।

स्वच्छता रखना केवल हमारी सरकार का काम नहीं है। यह सभी का कर्तव्य है।

इसलिए सभी देशवासियों को स्वच्छता के प्रति मिलजुल कर हाथ बढ़ाना चाहिए। तथा सभी मनुष्यों को अपने समाज को साफ सुथरा रखना चाहिए। और नदी, झीलों, तालाबों तथा झरनो के पानी को बिल्कुल गंदा नहीं करना चाहिए। उनमें ऐसी वस्तुएं नहीं फेंकना चाहिए जिनसे स्वच्छता के सफेद कपड़े पर दाग लग जाए।

और हमारी सरकार को भी वायु को दुषित करने वाले तत्वों पर रोक लगानी चाहिए। और हमें भी अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।

ताकि हमारी वायु शुद्ध हो और हमें शुद्ध वायु मिल सके।

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दोस्तों यहां पर कुछ बातें मैं आपसे बोलना चाहूंगा।

अगर आपको यह स्वच्छता पर निबंध  अच्छा लगा तो इसे अपने अन्य दोस्तों और मित्रों के साथ तथा अपने परिवार और अपने रिश्तेदारों को भी जरूर दिखाएं।

क्योंकि अगर हम खुद स्वच्छता को जागरूक नहीं करेंगे तो स्वच्छता अपने आप जागरूक नहीं होने वाली है।

इसीलिए आप इस निबंध को शेयर कर सकते हैं तथा नीचे कमेंट बॉक्स में अपने विचार हमें बता सकते हैं।

धन्यवाद! आपने इतना समय दिया।

फिर मिलेंगे।

अलविदा…!

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