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क्या आपको पता है कि हर वर्ष 4 मार्च को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को मनाने की शुरुआत कब और क्यों हुई, जानिए राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का इतिहास और महत्व।.
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राष्ट्रीय सुरक्षा पर निबंध Essay on National Security in Hindi : राष्ट्रीय सुरक्षा का जटिल प्रश्न है आज भारत की आंतरिक और बाहरी स्थतियों में अधिक फर्क नहीं रह गया हैं.
देश को मिटा देने के सपने पालने वाले लोग सरहद के पार भी है और सरहद के अंदर भी. जम्मू कश्मीर राज्य में दशकों में चला आ रहा आतंकवाद भी इसी तरह की एक समस्या हैं.
आज हम राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों व खतरे के विषय में इस निबंध में जानेगे.
एक अवधारणा के अनुसार किसी राष्ट्र के निर्माण में ये चार अनिवार्यतः शामिल होते हैं. भूमि, जनसंख्या, संप्रभुता और सरकार.
राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने अर्थात देश की सीमाओं की रक्षा के लिए राष्ट्र का एक अनिवार्य अंग हैं. भारत की सेना देश का गौरव और हमारा विश्वास है. भारतीय सैनिकों ने अपने शौर्य और बलिदान से विश्व में ख्याति अर्जित की.
भारत के समक्ष सुरक्षा चुनौतियां निरंतर उपस्थित रही हैं. यह चुनौतियां विभिन्न स्तरों पर विद्यमान हैं. शत्रु का खतरा न केवल देश की सीमाओं पर विद्यमान रहता है,
अपितु देश के सुरक्षा चक्र को भेदकर आतंकवादी गतिविधियों के द्वारा वह देश के आंतरिक भागों में भी चुनौतियां प्रस्तुत करने का प्रयास करता रहता हैं.
तीसरी तरफ वह देश की एकता के ताने बाने पर भी प्रहार करने का प्रयास करता रहता हैं. इन विभिन्न तरह की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए देश में विभिन्न स्तरों वाली सुरक्षा व्यवस्था स्थापित हैं.
भारत पश्चिम में पाकिस्तान से उत्तर में चीन से घिरा हुआ हैं. ये देश भारत पर आक्रमण कर चुके हैं. इन देशों के साथ भारत का सीमा विवाद भी हैं. पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों का सहारा लेकर भारत से परोक्ष रूप से युद्ध छेड़े हुए हैं.
भारत की उत्तरी सीमा पर आए दिन गोलीबारी होती रहती हैं. उत्तरी पूर्वी पर चीन आए दिन सीमा का उल्लंघन करता रहता हैं. सीमाओं पर घुसपैठ का खतरा भी लगातार बना रहता हैं. देश में कुछ क्षेत्र अलगाववादी और नक्सलवादी हिंसा से ग्रस्त हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा को हम दो प्रकार से देखते है
बाह्य सुरक्षा से आशय देश की सीमाओं की सुरक्षा से हैं. प्रथम सुरक्षा पंक्ति के रूप में देश की सेनाएं शत्रु का मुकाबला कर उसे परास्त करती हैं. जब युद्ध नहीं होता है और शांतिकाल होता है तब सेनाएं सीमा से कुछ दूर रहती है.
उस समय दूसरी सुरक्षा पंक्ति के रूप में सीमा सुरक्षा बल, तट रक्षक बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस व अन्य सुरक्षा बल देश की सीमाओं पर गश्त करते हुए निगरानी रखते हैं.
वे आतंकवादियों, घुसपैठियों और तस्करों को सीमा पार आने से रोकते है. युद्ध की आशंका होने पर सेनाएं सीमा पर आ डटती है और शत्रु का मुकाबला करने के लिए मौर्चा सम्भाल लेती हैं.
भारतीय सेना के तीन अंग है थल सेना आर्मी जमीन पर युद्ध करती है, जल सेना नेवी समुद्री सीमाओं पर युद्ध करती है वायु सेना एयर फ़ोर्स आकाश मार्ग से शत्रु का मुकाबला कर थल सेना और जल सेना की मदद करती हैं.
तीनों सेनाओं के अपने अपने अध्यक्ष होते हैं. भारतीय सेना केंद्र सरकार के नियंत्रण में कार्य करती हैं. भारत का राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का सर्वोच्च सेनापति होता हैं.
भारतीय सेना उच्च प्रशिक्षित तथा परमाणु हथियार और शक्तिशाली आधुनिकतम हथियारों से युक्त विश्व की अनुशासित और शक्तिशाली सेना हैं. भारतीय सेना ने वर्ष 1962, 1965, 1971 व 1999 में दुश्मन के आक्रमणों का मुहतोड़ जवाब देकर दुश्मन के दांत खट्टे किये थे.
विश्व के अनेक युद्ध ग्रस्त देशों में युद्धों को रोकने के लिए भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में शान्ति सेना के रूप में कार्य करते हुए विश्व शान्ति की स्थापना में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं. तूफ़ान, बाढ़, भूकम्प, दंगे आदि विपत्तियों के समय सेना नागरिक प्रशासन की मदद भी करती हैं.
विश्व कि दूसरी शक्तिशाली सेनाओं की बराबरी पर बने रहने के लिए भारतीय सेना को आवश्यकता के अनुसार आधुनिकतम हथियार, सैन्य तकनीक और परीक्षण उपलब्ध करवाते रहना आवश्यक हैं.
भारत काफी सैन्य सामग्री और तकनीक विदेशों से खरीदता रहा हैं, परन्तु अब भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों ने पर्याप्त मात्रा में उन्नत तकनीक विकसित करने में सफलता प्राप्त कर ली हैं.
देश के रक्षा एवं अनुसंधान संस्थानों में भारतीय रक्षा वैज्ञानिक इसी प्रयास में लगे रहते है. भारत सैन्य सामग्री के उत्पादन में आत्म निर्भरता की ओर अग्रसर हैं.
अब तो अग्नि व पृथ्वी जैसे शक्तिशाली प्रक्षेपास्त्र, टैंक, तड़ाकू विमान व जहाज तथा अन्य हथियारों का उत्पादन देश में ही हो रहा हैं.
भारत की थल सीमा की लम्बाई 15200 किलोमीटर तथा जल सीमा की लम्बाई 7516 किलोमीटर हैं. शांतिकाल में विभिन्न अर्द्ध सैनिक बल सीमा की निगरानी रखते हैं. सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ के जवान भारत की पाकिस्तान व बांग्लादेश से लगने वाली थल सीमा पर तैनात रहते हैं.
उत्तर पूर्व के पर्वतीय इलाके में चीन से लगी सीमा पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी के जवान निगरानी रखते है तो वही समुद्री सीमा की निगरानी तट रक्षक बल कोस्ट गार्ड के जवान रखते हैं.
सीमाओं पर गश्त करते हुए निगरानी रखने वाले ये अर्द्ध सैनिक बल आतंकवादियों, तस्करों और घुसपैठियों को देश में घुसने से रोकते हैं. सीमाओं की निगरानी के लिए देश में अन्य सुरक्षा बल भी मौजूद हैं.
भारत की सशस्त्र सेनाओं के सहयोग के लिए इन अर्द्धसैनिक बलों के अलावा प्रादेशिक सेना, नेशनल कैडेट कोर एन सी सी, नागरिक सुरक्षा दल सिविल डिफेन्स आदि संगठन सेना के सहयोग के लिए तैयार किये गये हैं. सैन्य शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी अपने स्कूल और कॉलेज में चलने वाले एन सी सी से जुड़ सकते हैं.
देश के सामान्य नागरिक प्रादेशिक सेना और नागरिक सुरक्षा दल से जुड़कर सहयोग कर सकते हैं. प्रसिद्ध क्रिकेटर कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी प्रादेशिक सेना से जुड़े हुए हैं. वैसे अनेक देशों में नागरिकों को सैनिक शिक्षा और नागरिक सुरक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य हैं.
देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए पुलिस एवं अन्य विशिष्ट अर्द्ध सैनिक बल व आरक्षित बल होते हैं. आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यतः राज्यों की होती हैं. प्रत्येक राज्य का अपना स्वयं का पुलिस संगठन होता हैं.
पुलिस अपने राज्य में अपराधिक एवं समाज विरोधी गतिविधियों से निपटती हैं. और अपराधियों को सजा दिलाती हैं. आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कुछ अन्य सुरक्षा बलों के प्रमुख निम्नलिखित हैं.
देश की सुरक्षा की जितनी जिम्मेदारी सेना की है, उतनी ही जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की भी हैं. देश की रक्षा करना हमारा कर्तव्य हैं. इस कर्तव्य का पालन करते हुए हमें
हमें तन मन धन से राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए.
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केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi
National Safety Day Speech in Hindi:- हर वर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद संगठन के संस्थापक और संस्थापक सिद्धांतों को मनाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम औद्योगिक दुर्घटनाओं की घटनाओं को कम करने की आवश्यकता पर जोर देता है। साथ ही उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी जोर देता है जो किसी भी सुरक्षा कानूनों के माध्यम से संरक्षित नहीं किए गए हैं, जैसे कि निर्माण स्थल। अभियान कई संगठनों को उनके वैधानिक सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाली विभिन्न गतिविधियों के विकास में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। अभियान व्यापक, सामान्य और अधिकांश मामलों में अनुकूलनीय है।
वहीं बच्चों को छोटी उम्र से ही सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के महत्व के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है। बच्चे देश के भावी कर्णधार हैं। बच्चों के जीवन में इस दिन को पहचानने के महत्व को उनके जीवन में जल्दी लाने से बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। वहीं इस दिन को मनाने के लिए अक्सर कई बार भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है पर हम समझ नहीं पाते कि भाषण कैसे दे और किस किस पॉइन्ट को अपने भाषण में जोड़े,
इस लेख के जरिए हम आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस से जुड़ी जरुरी जानकारियां मुहैया कराएंगे, जिससे आप अपनी प्रतियोगिता के लिए एक अच्छा भाषण तैयार करने में मदद मिलेगी।इस लेख को हमने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण national safety day Speech in Hindi, Speech on Safety in Hindi, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण कैसे दे,राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण PDF के तहत तैयार किया है। इस लेख को पूरा पढ़े और एक बहतरीन भाषण तैयार करें।
जाने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब है, क्यों मनाया जाता है थीम | |
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध | |
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण |
टॉपिक | राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण |
लेख प्रकार | आर्टिकल |
साल | 2023 |
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस | 4 मार्च |
दिन | शनिवार |
कौन सा | 52 वां |
शुरुआत | 1972 |
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सप्ताह | 4 मार्च-10 मार्च |
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब तक मनाया जाता है | 1 सप्ताह |
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है | लोगों को जागरुक करने के लिए |
यह दिल्ली में श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा 11-13 दिसंबर 1965 को राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की उपस्थिति में आयोजित किया गया था। इसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सुरक्षा परिषदों पर सहमति बनी,जिसके बाद फरवरी 1966 में स्थायी श्रम समिति के 24वें सत्र में एक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के विचार को मंजूरी दी गई थी। भारत के श्रम मंत्रालय द्वारा 4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का गठन किया गया था।
परिषद को पंजीकृत करने के लिए सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 का उपयोग किया गया था। 1950 के बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के परिणामस्वरूप NSC को भी आधिकारिक रूप से मान्यता मिल गई थी। 4 मार्च 1972 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्षगांठ मनाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कार्यक्रम की स्थापना की गई थी।1972 में, उद्घाटन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च को मनाया गया था। तब से, यह हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है।
यह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की याद दिलाता है, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसे 1965 में स्थापित किया गया था।राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की मान्यता में, सुरक्षा और स्वच्छ प्रथाओं के महत्व पर जोर देना महत्वपूर्ण है, जिसे हर किसी को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए।भारत में, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद घरेलू सुरक्षा, सड़क सुरक्षा , पर्यावरण सुरक्षा और यात्रा सुरक्षा जैसे मुद्दों में सक्रिय रूप से शामिल है।पूरे देश में संघीय और राज्य सरकारों दोनों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।अपनी विशेषज्ञता को अन्य लोगों तक पहुँचाने के लिए बच्चे सुरक्षा प्रक्रियाओं, सम्मेलनों और संगोष्ठियों में भाग ले सकते हैं या वे प्रदर्शनियों और शैक्षिक कार्यक्रमों के आयोजन में योगदान दे सकते हैं।
सुरक्षित वातावरण उत्पादकता और खुशी के उच्च स्तर के अनुकूल होते हैं। सुरक्षा नियमों का मूल्यांकन, आवश्यक होने पर उन नियमों में संशोधन और उन दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन सुरक्षा संस्कृति बनाने में सभी आवश्यक कदम हैं। जैसा कि 4 मार्च 1966 को ऊपर उल्लेख किया गया है, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना श्रम मंत्रालय, भारत सरकार (GOI) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर SHE पर एक स्वैच्छिक आंदोलन को बनाए रखने के लिए की गई थी। यह एक शीर्ष गैर-लाभकारी, त्रिपक्षीय निकाय है जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 और बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के तहत पंजीकृत है। एनएससी के उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने वाली गतिविधियाँ विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, सम्मेलन, सेमिनार और कार्यशाला आयोजित करने, सुरक्षा ऑडिट, जोखिम मूल्यांकन और जोखिम मूल्यांकन आदि जैसे परामर्श अध्ययन आयोजित करने सहित की जाती हैं।
इतना ही नहीं, XIII वर्ल्ड कांग्रेस जैसे कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीयसम्मेलन (1993) और APOSHO सम्मेलन (1995 और 2016) इसने एनएससी द्वारा आयोजित कई प्रतिष्ठित परियोजनाओं को भी लागू किया। 50 से अधिक वर्षों की सेवा के दौरान इसने उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों और क्षमता का निर्माण किया है।।वहीं आपको बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस विभिन्न तरीकों से मनाया जा सकता है। विभिन्न उद्योगों में सुरक्षा पर पेशेवर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, व्याख्यान, सेमिनार, शिखर सम्मेलन या सामुदायिक आउटरीच पहल की व्यवस्था करें या उसमें भाग लें।जोखिम मूल्यांकन, सुरक्षा आकलन और खतरे की पहचान सहित परामर्शी जांच को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) पहल के प्रचार के लिए योजना बनाएं और इसे क्रियान्वित करें।संगठनात्मक, क्षेत्रीय और काउंटी स्तर पर सुरक्षा की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए रणनीतियों में भाग लें।प्रासंगिक सुरक्षा नियमों के बारे में पुष्टि करें और सुधार के लिए सिफारिशें करें।जागरूकता बढ़ाने के लिए खोज और बचाव कार्यों और प्रदर्शनियों का आयोजन करें।SHE अभियान और उसके कारणों को बढ़ावा देने वाली प्रतियोगिताओं को व्यवस्थित करें और उनमें भाग लें।
औद्योगिक सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और एक सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर साल 4 से 10 मार्च तक भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। यह आयोजन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSCI) द्वारा आयोजित किया जाता है और देश भर के उद्योगों, कारखानों और कार्यस्थलों द्वारा मनाया जाता है।राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल में मौजूद विभिन्न खतरों और खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करना और कर्मचारियों को उनसे बचने के तरीके के बारे में शिक्षित करना है। इस सप्ताह के दौरान, विभिन्न संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन विभिन्न सुरक्षा उपायों और पालन करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर श्रमिकों को शिक्षित करने के लिए किया जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का विषय हर साल बदलता है, और यह कार्यस्थल में सुरक्षा के एक विशिष्ट पहलू पर केंद्रित होता है। उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में, विषयों में “युवा दिमाग का पोषण, सुरक्षा संस्कृति विकसित करना”, “आपदा से सीखें और सुरक्षित भविष्य की तैयारी करें”, “सुरक्षित रहें, स्वामित्व लें” आदि शामिल हैं।संगोष्ठियों और कार्यशालाओं के अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं और प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है, जैसे निबंध लेखन, नारा लेखन और पोस्टर बनाना, श्रमिकों को भाग लेने और सुरक्षा के संदेश को फैलाने के लिए प्रोत्साहित करना।
पहले उल्लिखित घटनाओं और गतिविधियों के अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह औद्योगिक सुरक्षा के क्षेत्र में विचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है। इस सप्ताह के दौरान, सुरक्षा पेशेवर और विशेषज्ञ अपने अनुभवों को साझा करने और कार्यस्थल में सुरक्षा में सुधार के नए और नए तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू सुरक्षा पहलों में श्रमिकों की भागीदारी पर जोर है। NSCI श्रमिकों को अपने कार्यस्थल में सुरक्षा को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करता है और अपने नियोक्ताओं के ध्यान में आने वाली किसी भी सुरक्षा चिंताओं या खतरों को लाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह भारत में एक महत्वपूर्ण घटना है जो औद्योगिक सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण को बढ़ावा देने में मदद करता है। इस सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रमों और गतिविधियों में भाग लेकर, कर्मचारी अपने कार्यस्थल में मौजूद विभिन्न खतरों के बारे में सीख सकते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है, इस प्रकार दुर्घटनाओं और चोटों के जोखिम को कम कर सकते हैं।
Q. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है.
Ans. 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
Ans. लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
Ans. भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो देश में श्रम की सुरक्षा के संबंध में कानून बनाता है।
Ans. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य आम जनता में यात्रा से लेकर स्वास्थ्य से लेकर कार्यस्थल सुरक्षा तक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
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India observes National Safety Day every year to celebrate the foundation of the National Safety Council. This council is a non-profit organization that runs at the national level and promotes safety measures to avoid mishaps and accidents. These measures include road safety measures, human health safety, and safety at the workplace.
The day aims to renew the commitments of the employees and citizens to work safely and ensure the running of a safe and healthy environment at work. All in all, the day aims to throw light on the safety measures that one should adhere to, in order to avoid accidents.
The theme for National Safety Day 2023 is “Our Aim – Zero Harm”.
There are other important days and dates of national and international importance, integral from the UPSC prelims and other government exams.
Aspirants can visit the linked article and get details about the upcoming government exams that comprise current affairs and general awareness as an important topic in the syllabus.
Kickstart your preparation now and complement it with the links given below: |
The National Safety Day is celebrated every year on March 4 to raise awareness about safety protocols that one should follow in order to avoid accidents and mishaps at the workplace. The day aims to educate the general public about the measures one should follow to work safely.
National Safety Council is a non-profit national body that aims to bring a voluntary routine on health, safety, and environment. Set up by the Ministry of Labor and Employment on March 4, 1965, this council’s action has been successful ever since the celebration of National Safety Day was initiated.
Those preparing for the IAS Exam must know that the day was initiated after India’s first National Safety Council in India which was organized by the Ministry of Labor and Employment. The reason was, the council felt the need for national and state-level safety councils.
For your UPSC Prelims Current Affairs, you must know that National Safety day was first observed on March 4, 1972, on the foundation day of the council. National Safety Day 2023 marks its 52nd year.
Also, refer to the following links:
An important aspect for your UPSC syllabus , The themes of National Safety Day according to different years are:
Here are some ideas to celebrate National Safety Day at your workplace:
Now in its 51st year, the day has evolved into an important national campaign that is celebrated across industries, NGOs, regulatory agencies, and departments, across the country.
If you are preparing for UPSC 2023, national safety day is one of the most important topics for your IAS preparation. This article can be used as a part of your UPSC notes. Hope this helps with your UPSC exam.
For the best preparation strategy for competitive exams candidates can visit the linked article and get detailed study material and preparation tips to excel in the examination.
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इस लेख में हमने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (Essay on National Safety Week / Day in Hindi) लिखा है। भारत में इस उत्सव का उद्देश्य, कर्त्तव्य और थीम के बारे में पूरी जानकारी दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिन या सप्ताह 4 मार्च से 10 मार्च तक निडरता और जोश के साथ मनाया जाता है।
आईये शुरू करते हैं – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi…
4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना की गई। एक सप्ताह तक यह दिवस जिस जगह मनाया जाता है वहॉ उस स्थान और उसके चारोंओर की जगह की सुरक्षा जागरूकता को बढावा दिया जाता है लेकिन इस प्रकार की सुरक्षा के लिये जनता को जागरूक करना केवल हमारे परिषद की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि उसमें हर एक व्यक्ति का सहयोग होना जरुरी है।
तब राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्धारा यह सुरक्षा दिवस प्रारम्भ किया गया और इस तरह लोग इस अभियान में सहयोग देने लगे और इस तरह लोगों अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में जानने लगे। इससे पहले 1930 में एक जर्मन वैज्ञानिक एच. डब्ल्यू . हेनरिच ने घोषणा की “ दुर्घटना तो हर किसी के साथ होती है पर यह जानबूझकर नहीं की जाती है।
तब इस दिन भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा के लिये प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने की शुरूआत की ।उसके बाद से औद्योगिक दुर्घटनाओं की दर में कुछ कमी आई है। यह अभियान लोगों की सुरक्षा और आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुये विशिष्ट गतिविधियों का विकास करने के लिये बनाया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने के निम्नलिखित उद्देश्य हैं –
मनुष्यों को जागरूक करने के लिये सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन कई प्रकार के आयोजन करते है जैसे- अपने कार्यकर्ताओं द्धारा सुरक्षा के प्रति नये- नये कार्यक्रम शुरू किये जाते हैं, इस अभियान से सम्बंधित लोगों को जानकारी दी जाती है, इस कार्यक्रम से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरुस्कृत भी किया जाता है।
अभियान से संबंधित पोस्टर भी लगाये जाते हैं, इस सुरक्षा अभियान का नारा भी बनाया जाता है, इसके बारे में कई जगह पर लोगों से चर्चा भी की जाती है, सुरक्षा से संबंधित सेमिनार भी किये जाते हैं, इत्यादि ।
हम कह सकते है जो लोग हर जगह सतर्क रहते है और अपनी सुरक्षा भी अपनाते हैं, उन्हें यह राष्ट्रिय सुरक्षा की सुविधा मिलती है और जो सतर्क नहीं होते हैं, वे इस तरह की सुविधा का लाभ नहीं उठा पाते है। हमारी अपेक्षाएँ स्पष्ट है।
यह पाँच अपेक्षाएँ है जो इसके मूल कर्तव्य भी हैं जिनके द्वारा हम अपने समाज, अपने साथी को सुरक्षित कर सकते है।
नीचे हमने राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस और सप्ताह के थीम हिन्दी में वर्ष के साथ दिया है –
राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस ने आज हर नागरिक को सुरक्षा के प्रति जागरूक बना दिया है। इस राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस की वजह से दुनियां का हर नागरिक अपना सुरक्षित जीवन जी रहे है और अपने सुरक्षा के अधिकारों का भरपूर उपयोग कर रहे है।
आशा करते हैं आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (Essay on National Safety Week / Day in Hindi) अच्छा लगा होगा।
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Safety pledge / oath in english, hindi and marathi for 52 national safety day 2023.
Safety pledge in hindi, english and safety oath in marathi |
Safety Pledge for National Safety Day : The Safety Pledge not only helps us to remind our responsibility about safety in the workplace, but also gives us the opportunity to see smiles on the beautiful faces of our family. On the occasion of National Safety Day to promote zero harm culture and demonstrate individual responsibility for commitment to safety at work, from management to employees and workers gathered in the workplace and take oath on the safety commitment for the individual, employees, society and the nation.
National Safety Day is celebrated on 4 th March each year, which is also the foundation day of the National Safety Council (NSC) of India to raise awareness of the importance of industrial safety.
Through the safety pledge , the individual promises to never compromise his own safety or that of his colleagues in doing the job. Deaths in the workplace are unacceptable and therefore safety is everyone's responsibility. The COVID-19 pandemic has shown how crucial it is for every employee to commit to safe work. It is very important to constantly identify hazards and reduce the risks to an acceptable level, thereby reducing the likelihood of an incident occurring at work. The tradition or system of taking the oath of safety in the workplace is very important in reminding safety practices and safety awareness. Take the pledge below to show your commitment to safety, from the workplace to anywhere.
Safety Pledge / Oath in English, Hindi for 51st National Safety Day 2022 |
Safety Pledge in English and Hindi |
Here you will find Safety Oath published by National Safety Council (NSC) which can be taken together by senior management and workers during celebration of National Safety Day 4 th March to renew their commitment for safety in the work place.
“On this day, I solemnly affirm that I will rededicate myself to the cause of safety, health and protection of environment and will do my best to observe rules, regulations and procedures and develop attitudes and habits conductive for achieving these objectives.
I full realise that accidents and diseases are a drain on the national economy and may lead to disablements, deaths, harm to health and damage to property, social suffering and general degradation of environment.
I will do everything possible for the prevention of accidents and occupational diseases and protection of environment in the interest of self, family, community, organization and the nation at large.”
Safety Pledge in English - National safety day |
As the Safety Pledge is a medium to remind our commitment to safety and should be taken by all groups of people, from senior management to employees and workers, it should therefore be written in language understandable to all.
Without understanding the meaning of the Safety Oath, people cannot demonstrate their safety commitment in workplace. Hindi is the national language of India and therefore the safety pledge must be in Hindi.
Safety pledge in Hindi - National Safety Day |
In Maharashtra, most of the workers speak in the Marathi language and therefore while celebrating the National Safety Day, as a reminder of their commitment to safety; the safety pledge should be taken in Marathi by all groups of people, from management to employees and workers. Workers are the group of people who actually perform the physical work at their workplace and therefore need to understand the meaning of the safety pledge. With a better understanding of the Safety Oath , this will help people demonstrate their commitment to safety in the workplace.
Safety Oath in Marathi - National Safety Day |
While taking the safety oath during celebrating National Safety Day , all people, from senior management to employees and workers should assemble at one place, stand near or around the NSC flag or safety flag, raise right hand exactly 90 degrees to your body in front, keep the palm of your right hand facing the ground, place your left hand on your chest or keep in parallel to thigh towards the ground and repeat the reading of the safety pledge word by the safety officer.
Here are a few ways that safety pledge can benefit a company:
Improves Safety Culture to Reduce accidents - Committing to safety to the individual, colleagues, society, and the nation means you demonstrate a positive safety culture to reduce incidences and achieve safety goal of zero accident. When businesses are seen as committed to health, safety and the environment, many consumers will ignore the cost of your service or product based on whether they believe they are purchasing the safe, environmentally friendly and the best product.
Increased Employee Engagement - When employees work for a company with a strong commitment to safety, they are more likely to work safely and be safe from accidents. They will often promote and endorse the brand they work for because they truly believe in what their business has to offer.
Helps to strengthen individual safety accountability - A safety oath reinforces the 'tone from the top'. When lower-level employees engage in safety with their bosses and managers, employees at all levels are more likely to embrace and commit to making a positive safety culture change. A commitment to safety made with everyone in the workplace has a far greater impact than a safety sign, slogans posted on the wall.
Safety pledge help employees to remind their safety commitment in workplace to achieve the objective of zero harm. Employees and workers who make the safety pledge in their workplace are promise to never compromise their individual safety or the safety of their co-workers to get the job done. Through safety pledge, they promises about actively look for hazards, promptly report them, and take appropriate action to warn others. It help to become individual as good safety role model for others and their family even when off the job.
On the occasion of National Safety Day 2023 on March 4 , the commitment to safety through safety pledge must be made by all people, from the top management to employees and workers together, to show their commitment to safety on the workplace. The safety oath should be word in the local language so that everyone understands its meaning and thus contributes to keeping individual promises to develop a positive safety culture and achieve the goal of zero harm. Safety Pledge in English , Safety Oath in Hindi and Safety Pledge in Marathi are published by the National Safety Council of India .
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10 lines on national safety day in hindi.
Hello Student, Here in this post We have discussed about National Safety Day in Hindi. Students who want to know a detailed knowledge about National Safety Day, then Here we posted a detailed view about 10 Lines Essay National Safety Day in Hindi. This essay is very simple.
३) राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के मौके पर देशभर में सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं।
५) राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस विश्व स्तर पर मनाते हैं।
९) 1996 मैं 8 हजार लोग शामिल हुए थे।
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National space day 2024: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 23 अगस्त को है और हमने यहाँ 10 पंक्तियाँ, जानकारीपूर्ण छोटे, लंबे निबंध और तथ्य प्रदान किए हैं जिनका उपयोग छात्र इस अवसर पर कर सकते हैं। छात्र इन निबंधों का उपयोग स्कूल प्रतियोगिताओं के लिए कर सकते हैं। दुनिया में भारत के शानदार योगदान का जश्न मनाएँ.
Short and Long Essay on National Space Day in Hindi: पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (जिसे ISRO दिवस के रूप में भी जाना जाता है) इस वर्ष 23 अगस्त को मनाया जाएगा। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस अंतरिक्ष अन्वेषण और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों को पहचानने का एक अवसर है। इस आयोजन को मनाने के पीछे का उद्देश्य छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि विकसित करना और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करना है।
सरकार ने पिछले साल 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में घोषित किया था। ऐसा हमारे देश के अंतरिक्ष मिशनों की शानदार उपलब्धियों को उजागर करने के लिए किया गया था। इसकी घोषणा चंद्रयान-3 मिशन की उल्लेखनीय सफलता का सम्मान करने के उद्देश्य से भी की गई थी, जिसने 'शिव शक्ति' बिंदु पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग की और 23 अगस्त, 2023 को चंद्र सतह पर प्रज्ञान रोवर को तैनात किया।
यह भी देखें: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024: स्कूलों के लिए सीबीएसई दिशानिर्देश और गतिविधियाँ
अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की प्रेरणादायक यात्रा को 23 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह पहली बार होगा जब यह आयोजन मनाया जाएगा। यह दिन अंतरिक्ष अन्वेषण और प्रौद्योगिकी में हमारे देश की प्रगति का सम्मान करेगा। सरकार ने पिछले साल 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को चिह्नित करने के लिए इस दिन की स्थापना की थी।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (national space day essay 200 words in hindi).
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 23 अगस्त, 2024 को मनाया जाएगा। इस वर्ष इस दिन का पहला उत्सव मनाया जाएगा। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को इसरो दिवस के रूप में भी जाना जाता है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर, लोग अंतरिक्ष मिशन और अन्वेषण के क्षेत्र में भारत की शानदार उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आएंगे। 23 अगस्त, 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के योगदान का सम्मान करने के लिए राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की स्थापना की गई थी। पिछले साल इसी दिन, भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी। चंद्रयान-3 मिशन ने 'शिव शक्ति' बिंदु पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग की और 23 अगस्त को प्रज्ञान रोवर को चंद्र सतह पर तैनात किया।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर निबंध 500 शब्दों में (national space day essay 500 words in hindi).
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 23 अगस्त, 2024 को मनाया जाएगा। यह अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में की गई प्रगति को मान्यता देता है। 23 अगस्त, 2023 को ही सरकार ने घोषणा की थी कि 2024 से इस दिन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
भारत 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बन गया। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का जश्न मनाता है, जिसने 'शिव शक्ति' बिंदु पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग की और प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा की सतह पर उतारा। इस मिशन की सफलता के पीछे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और समर्पण है।
इसरो शुरू में 1962 में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) था। 15 अगस्त, 1969 को गठित इसरो ने INCOSPAR का स्थान ले लिया। चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 की विफलता के बाद आया था। चंद्रयान-2 को 22 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया गया था। सितंबर में, विक्रम लैंडर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण इसरो का उससे संपर्क टूट गया था। ऐसा लैंडर की उच्च गति के कारण हुआ था।
चंद्रयान-3 ने अंतरिक्ष अन्वेषण और चंद्रमा के रहस्यों को जानने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल था, जिसका उद्देश्य अंतरग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों को विकसित करना और उनका प्रदर्शन करना था। रोवर का उद्देश्य चंद्र सतह का इन-सीटू रासायनिक विश्लेषण करना था।
चंद्रयान 3 को 14 जुलाई, 2023 को दोपहर 2:35 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। रोवर ने 24 अगस्त, 2023 को शाम 6:30 बजे चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की। इसे सितंबर में निष्क्रिय कर दिया गया था।
मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग का प्रदर्शन करना, चंद्रमा पर रोवर को घुमाना और इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग करना था।
चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य ध्रुवीय क्षेत्र के पास चंद्रमा की सतह के ऊष्मीय गुणों का मापन करना, रासायनिक संरचना प्राप्त करना और खनिज संरचना का अनुमान लगाना, चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों आदि की मौलिक संरचना का निर्धारण करना था।
यह भविष्य में परावर्तित प्रकाश में छोटे ग्रहों की खोज में भी मदद करेगा, जिससे हमें कई तरह के एक्सो-ग्रहों की जांच करने में मदद मिलेगी, जो जीवन की उपस्थिति के लिए योग्य होंगे। इसके अलावा, इसरो ने आदित्य-एल1 मिशन (2 सितंबर, 2023) जैसे कई मिशन लॉन्च किए हैं। यह सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन है।
इसरो के कुछ प्रमुख भावी मिशन हैं- गगनयान-1 (3 सदस्यों के दल को 3 दिन के मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन और उन्हें सुरक्षित वापस लाना), निसार (नासा के साथ इसरो द्वारा विकसित किया जा रहा पहला दोहरी आवृत्ति रडार इमेजिंग मिशन), शुक्रयान (शुक्र ग्रह का अध्ययन करने के लिए मिशन), मंगलयान-2 (मंगल के लिए भारत का दूसरा मिशन)।
06 जुलाई, 2023 | 14 जुलाई, 2023 को दोपहर 14:35 बजे SDSC-SHAR, श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च का कार्यक्रम तय किया गया। | |
07 जुलाई, 2023 | वाहन के इलेक्ट्रिकल परीक्षण पूरे हो गए हैं। नागरिकों को SDSC-SHAR, श्रीहरिकोटा के लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च देखने के लिए आमंत्रित किया गया है। | |
11 जुलाई, 2023 | 'लॉन्च रिहर्सल' जो पूरे लॉन्च की तैयारी और प्रक्रिया का अनुकरण करता है, 24 घंटे तक चली और सफलतापूर्वक पूरी हुई। | |
14 जुलाई, 2023 | LVM3 M4 वाहन ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक कक्षा में लॉन्च किया। चंद्रयान-3 अपनी सटीक कक्षा में चंद्रमा की यात्रा शुरू कर चुका है। यान की स्थिति सामान्य है। | |
15 जुलाई, 2023 | पहली कक्षा-वृद्धि (पृथ्वी-बाउंड फायरिंग-1) सफलतापूर्वक ISTRAC/ISRO, बेंगलुरु में की गई। यान अब 41762 किमी x 173 किमी की कक्षा में है। | |
17 जुलाई, 2023 | दूसरी कक्षा-वृद्धि पूरी हो चुकी है। यान अब 41603 किमी x 226 किमी की कक्षा में है। | |
22 जुलाई, 2023 | चौथी कक्षा-वृद्धि (पृथ्वी-बाउंड पेरिगी फायरिंग) पूरी हो चुकी है। यान अब 71351 किमी x 233 किमी की कक्षा में है। | |
25 जुलाई, 2023 | 25 जुलाई, 2023 को कक्षा-वृद्धि की गई। अगले फायरिंग (ट्रांसलूनर इंजेक्शन) की योजना 1 अगस्त, 2023 के लिए बनाई गई है। | |
01 अगस्त, 2023 | यान को ट्रांसलूनर कक्षा में डाला गया है। प्राप्त कक्षा 288 किमी x 369328 किमी है। चंद्र कक्षा प्रवेश (LOI) 5 अगस्त, 2023 के लिए योजना बनाई गई है। | |
05 अगस्त, 2023 | चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चंद्र कक्षा में डाला गया है। प्राप्त कक्षा 164 किमी x 18074 किमी है, जैसा की योजना बनाई गई थी। | |
06 अगस्त, 2023 | LBN#2 सफलतापूर्वक पूरा हुआ। यान चंद्रमा के चारों ओर 170 किमी x 4313 किमी की कक्षा में है। | |
09 अगस्त, 2023 | 9 अगस्त, 2023 को किए गए एक मैन्युवर के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा 174 किमी x 1437 किमी तक घटा दी गई है। | |
14 अगस्त, 2023 | मिशन कक्षा वृत्तिकरण चरण में है। यान 151 किमी x 179 किमी की कक्षा में है। | |
16 अगस्त, 2023 | 16 अगस्त, 2023 को फायरिंग के बाद यान 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में है। | |
17 अगस्त, 2023 | लैंडर मॉड्यूल सफलतापूर्वक प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया है। डिबूस्टिंग की योजना 18 अगस्त, 2023 के लिए बनाई गई है। | |
19 अगस्त, 2023 | लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के चारों ओर 113 किमी x 157 किमी की कक्षा में है। दूसरी डिबूस्टिंग की योजना 20 अगस्त, 2023 के लिए बनाई गई है। | |
20 अगस्त, 2023 | लैंडर मॉड्यूल 25 किमी x 134 किमी की कक्षा में है। 23 अगस्त, 2023 को शाम 1745 बजे IST पर पावर्ड डिसेंट शुरू होने की उम्मीद है। | |
21 अगस्त, 2023 | चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने औपचारिक रूप से चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का स्वागत किया। | |
23 अगस्त, 2023 | चंद्रयान-3 अपने गंतव्य पर पहुंच गया है। लैंडिंग सुचारू और सुरक्षित रही। |
अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों को याद करने और सभी को सितारों तक पहुँचने के लिए प्रेरित करने के लिए इन निबंधों का उपयोग करें।
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National Space Day 2024 Date, Theme, History, Importance Significance: भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले विश्व का चौथा देश बन गया। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने यह कीर्तिमान बीते वर्ष 23 अगस्त 2023 को रचा। पूरे विश्व की निगाहें इसरो पर टिकी थी, जब चंद्रमा की दक्षिणी ध्रूव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की गई।
भारत में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय उपलब्धियों को मान्यता देने और उनका सम्मान करने के लिए मनाये जाने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त के दिन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
बता दें कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, इसलिए राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर देश की प्रगति को प्रतिबिंबित करने, इसके योगदान का जश्न मनाने और भविष्य की पीढ़ियों को अंतरिक्ष अनुसंधान में बड़े लक्ष्य रखने के लिए प्रेरित करने का एक विशेष अवसर प्रदान किया जायेगा। यह दिन विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को आगे बढ़ाने में अंतरिक्ष अन्वेषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है।
23 अगस्त 2023 को भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र तक पहुंचने वाला पहला देश बन गया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस" के रूप में घोषणा की। भारत में इस वर्ष अर्थात 23 अगस्त 2024 को अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जा रहा है।
अन्य राष्ट्रीय दिवसों की भांति 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को किसी विशेष थीम के आधार पर मनाया जायेगा। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस थीम को प्रत्येक वर्ष के संदर्भ में परिवर्तित किया जायेगा। इस वर्ष यानि कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 थीम "चंद्र के स्पर्श से जीवन की अनुभूति: भारत की अंतरिक्ष गाथा" है। जो कि समाज और प्रौद्योगिकी पर अंतरिक्ष अन्वेषण के महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डालती है।
भारत में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 में पूरे देश में मनाये जाने को लेकर खास तैयारियां चल रही हैं। भारत सरकार भारत के अंतरिक्ष मिशनों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने और युवाओं को प्रेरित करने के लिए एक महीने का अभियान शुरू कर रही है। अंतरिक्ष अनुसंधान या मिशनों में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों, समाज के लिए गहन लाभों और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के साथ जुड़ने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए असीम अवसरों को हाइलाइट करते हुए अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 समारोह अगस्त 23, 2024 को भारत मंडपम में इसरो वेबसाइट एवं इसरो यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किया जायेगा। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष्य में भारत मंडपम में दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों से संबंधित कई उच्च स्तरीय सत्र, इंटरैक्टिव प्रदर्शनियां और महत्वपूर्ण घोषणाएं शामिल होंगी।
कार्यक्रम/प्रतियोगिता | स्थल | विवरण |
---|---|---|
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस-2024 समारोह | भारत मंडपम्, नई दिल्ली | |
इसरो रोबोटिक चैलेंज | यूआरएससी, बेंगलूरु | |
भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन 2024 | एनआरएससी, हैदराबाद |
भारत में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का महत्व अंतरिक्ष अन्वेषण के महत्व के बारे में जनता को प्रेरित और शिक्षित करना है। यह भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। इसमें कई मिशन शामिल है, जिनमें चंद्रयान, आदित्य एल-1, मंगलयान और गगनयान शामिल है। बता दें गगनयान मिशन का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है। यह दिन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को भी चिह्नित करता है। क्योंकि भारत अंतरिक्ष मिशन और अनुसंधान पर विभिन्न देशों के साथ सहयोग करता है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाकर भारत अपने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत कर पायेगा।
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